किससे कहूँ जब खुद का दोष हो
किससे कहूँ जब खुद का दोष हो
तुम अपने आप को समझती क्या होज्यादा पढ़ लिखकर ज्यादा होशियार हो गई हो! और मैं तो सबसे बेबकूफ हूं !यही तो तुम समझती हो है न!मेरे काम में दखलअंदाजी मत करो प्लीज!अपना काम करो और मुझे भी करने दो। सोमेश गुस्से से चिल्ला रहा था अपनी पत्नी रोमा पर।
पर मैंने तो कुछ भी गलत नहीं बोला सोमेश!इतना ही तो कहा की पैसे को बैंक में ही रहने दो काम आएंगे! दो- दो बच्चे हैं !मैं भी अभी काम नहीं कर रही हूं !जरुरत पर किसके आगे हाँथ फैलाएंगे!तुम कुछ पैसो के लिए ये पैसे किसी को दे दोगे, फिर समय पे वो वापस नहीं करेंगे तो ?कितनी बार तो हो चुका है तुम कब समझोगे?रोमा ने कहा।
सब जानता हूं, ज्यादा होशियार मत बनो मैं भी पढ़ा हूं मुर्ख नहीं हूं मैं। पर सोमेश कितनी मुश्किल से हमने ये पैसे जोड़ें हैं!अभी कितनी तकलीफ है पैसों की, तुम किसी के भी कहने पर बस कुछ भी करते हो न आगे देखते न पीछे। समय पे वो लोग पीछे हो जाएंगे जो आज तुम्हारे साथ हैं।
रोमा मैं जो कर रहा मुझे करने दोतुम अपना बच्चों को देखो बस। नहीं सोमेश हर बार तुम अपनी मनमानी करते हो और पछताते हो फिर भी नहीं सुनते मेरी !इस बार तो सुन लो। तुमने अपने जिद पर वो सब कुछ खो दिया जो हमारे पास था अब ये थोड़े पैसे बच्चों के लिये रहने दो, मैं कहाँ मागने जाऊंगी किसी से और समय पे कोई साथ नहीं देते कब समझोगे।
मेरी बात तो सुनकर देखो एकबार। नहीं सुनना मुझे सोमेश फिर चिल्लाया। हर बार होता तो क्या इसबार भी होगा ! तुम बैठो घर पर मैं देख लूंगा। सोमेश पैसे लेकर चला गया अपने दोस्त के पास । पैसे से पैसे बनाने जो आज तक नहीं बना पाया वो । रोमा याद आया जब भी पैसे मिलें हैं दोस्ती बढ़ गई और ऐय्याशी भी इस बार फिर यही होनेवाला है।
रोमा सोचने लगी "इस आदमी को उसकी और बच्चों की कोई चिंता ही नहीं होती बस अपने मन का भले वो गलत हो ! मेरी नहीं सुनना भले मैं ज्यादा समझदार हूं तो हूं!कितनी बार धोखा खाया हैं, फिर भी पत्नी की बात नहीं सुनना" ऐसी अकड़ किस काम की" पत्नी की सलाह सुनने से क्या कोई नीचा हो जाता है।
पति की आदत ने हमेशा ही उसे और बच्चों को तकलीफ़ ही दी हैं ,कब उसे समझ आएगा सब खो जाने के बाद। उसके आँखों से आँशु बह रहे थे वो कुछ नहीं कर सकती यही उसकी नियति है वो अपनी अकड़ में ही रहेगा भले परिवार को कुछ हो उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। रोमा सोच रही थी। सोमेश रात में आकर सो गया पर आधी रात को तबीयत खराब होने की वजह से उसे अस्पताल लेकर जाना पड़ा।
देखीएइनकी लीवर खराब हो चुकी है। अब बहुत ज्यादा ध्यान रखना होगा। दवा के साथ परहेजडॉक्टर बोल रहे पर उसे तो कुछ सुनाई ही नहीं पड़ रहा जैसे। वो अब करे तो क्या करे आकर बेड पर बैठ गई सोमेश उसे देख रहा था और वो सोमेश को।
आ बैल मुझे मार कहावत सुनी थी आज देख लिया। खुद मुसीबत को न्यौता दे कर घर बर्बाद करके रख दिया।