sai mahapatra

Drama

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sai mahapatra

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खाना

खाना

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एक शहर में एक छोटी बच्ची उसके मां के साथ रहती थी। उस बच्ची की उम्र ४से५साल के बीच में होगी। उसकी मां पड़ोसी वो के घर में जाकर और आसपास के घरों में जाकर बर्तन साफ़ करती थी। और बर्तन साफ़ करके अपनी बच्ची को पढ़ती थी। उसकी बच्ची का नाम ता काजल और उसकी मां बर्तन साफ़ करके उस मालकिन से को कुछ बच्चा हुआ खाना लाती थी उससे उन दोनों मां बेटी का पेट भरता था।

काजल एक दिन स्कूल में बैठी हुई थी और उसकी दोस्त सब अपने अपने टिफिन बॉक्स निकल कर खाने लगे थे कियूकी स्कूल में अब खाने का छुट्टी हुआ था। काजल की दोस्त सीतल उसके पास आकर बैठी और बोली मेरी मां ने आज मेरे लिए पूरी और आलू की सब्जी बनाकर दी है और तेरी मां ने तुझे किया बनाकर दिया है। इए सवाल सुनकर काजल बोली मां ऐसे खाना भी बनाकर देती है किया मैने तो कभी मेरे मां को खाना बनाते हुए नहीं देखा। मेरी मां हर रोज काम पर जाती है और वहीं से ही मेरे लिए और उसके लिए खाना लाती है। इए सुनकर सीतल बोली तेरी मां किया काम करती है ?काजल ने जवाब दिया पता नहीं मैने कभी पूछा नहीं।

स्कूल की छुट्टी होने के बाद काजल अपने घर पहंच कर अपनी मां से पूछने लगी मां मेरे सारे दोस्तों की मां उनके लिए अच्छी अच्छी खाना बनाकर देती है तू मुझे कियू नहीं देती?

इए सुनकर उसकी मां बोली देख में काम करके इतनी थक जाती हूं की तेरे लिए खाना बनाने का वक्त ही नहीं मिलता वो इए कहकर उसकी गरीबी उसकी बच्ची से छुपा रही थी।

उसके बाद उसने पूछा मां तू किया काम करती है ? इए सवाल सुनकर काजल की मां थोड़ी देर चुप रही और उसके बाद बोली में एक बड़े से ऑफिस में काम करती हूं। इसके बाद दोनों सो गए।

एक दिन काजल उसकी दोस्त सीतल के घर गई थी । और वहां पर अपनी मां को देखकर वो मां मां चिलाने लगी और उसकी मां को पूछने लगी मां तू यहां किया कर रही है?

उसकी मां उसकी बेटी को कुछ बोल पाती इतने में ही सीतल की मां ने बोल दिया तेरी मां यहां पर बर्तन साफ़ करने के काम करती है। इए सुनने के बाद वो सीतल के साथ स्कूल केलिए निकल गई। और स्कूल में सब उसे बर्तन साफ़ करने वाली की बच्ची बुलाने लगे और वो जोर जोर से रोने लगी।

इतने में मास्टर जी ने क्लास में प्रवेश किया और काजल को रोते हुए देखकर उसको पूछा किया हुए बेटी ?

और काजल बोली मेरे क्लास के सब दोस्त मुझे बर्तन साफ़ करने वाली की बच्ची बुला रहे है।

इए सुनकर मास्टर जी बहत गुस्सा हुए और सारे बच्चे को बोले देखो बच्चे ऐसे नहीं बोलते कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता पर हां वो काम ग़लत काम नहीं होना चाहिए। कोई भी काम को छोटा मानना नहीं चाहिए । इए बहत ग़लत बात है । आगे से ऐसा नहीं करना। उसके बाद कुछ देर मास्टर जी कुछ पढ़ने लगे उसके बाद स्कूल की छुट्टी हो गई और काजल अपने दोस्तों के साथ अपने घर को लौट गई । और घर लौटकर उसने अपने मां को जोर से गले लगाया और बोली मां में तेरे ऊपर गुस्सा नहीं हूं मुझे आज टीचर जी ने सब समझा दिया है और उसके बाद दोनों हँसी ख़ुशी खाना खाकर सो गए।


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