STORYMIRROR

ARUN DHARMAWAT

Tragedy

3  

ARUN DHARMAWAT

Tragedy

काश

काश

3 mins
358

"आई एम सॉरी .... मिसेज वर्मा, अब हम कुछ नहीं कर सकते।"

इतना बोल कर डॉक्टर चले गए ....और मिसेज वर्मा की रुलाई फूट पड़ी। अस्पताल के 'आई सी यू' में ज़िन्दगी और मौत से लड़ते उनके पति जिनके लिए अब डॉक्टर भी जवाब दे चुके।

समझ नहीं आ रहा था अब आगे क्या होगा। 

मध्य आयु के दिनेश वर्मा आज मृत्यु के कगार पर खड़े हैं पीछे सत्रह बरस की बेटी और चौदह बरस का बेटा जिनकी अभी स्कूल की पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई और खुद मिसेज वर्मा जो ज्यादा पढ़ लिख भी न पाई थी। उनके लिए तो पूरा जीवन सामने पड़ा था।

दिनेश वर्मा एक प्राइवेट फर्म में 'अकाउंटेंट' का काम करते थे। इतना कमा लेते थे जिससे उनके परिवार का पालन पोषण ठीक से हो जाता था। बेटी स्कूल की पढ़ाई पूरी करके कॉलेज में जाने वाली थी और बेटा भी अपनी पढ़ाई के साथ खेल कूद में अच्छा कर रहा था। 

दिनेश वर्मा का सपना था खुद तो नहीं बन पाए लेकिन बेटी को 'सी ए' जरूर बनाएंगे, और बेटे को भी 'स्पोर्ट्स' में आगे बढ़ाएंगे। 

आम लोगों की तरह उनका भी जीवन चल रहा था लेकिन उन्हें इस बात का अहसास नहीं था या वो करना नहीं चाहते थे .... बस यूँ ही शौक शौक में पान मसाला खाने लगे। यही पान मसाला आज उनका दीवाला निकाल कर उन्हें मृत्यु का निवाला बना चुका था।

शुरू शुरू में तो थोड़ा थोड़ा खाते थे धीरे धीरे उन्हें इसकी लत पड़ गई और बाद में तो पान मसाले के बिना रहना ही मुश्किल हो रहा था। 

एक बार गले मे दर्द और सूजन के कारण डॉक्टर को दिखाना पड़ा। डॉक्टर ने सख़्त चेतावनी देते हुए कहा था ....

"मिस्टर दिनेश .... आपको ये गुटखा, पान मसाला छोड़ना पड़ेगा वरना आगे चल कर बहुत तकलीफ उठाना पड़ सकता है।"

लेकिन वो कहाँ मानने वाले थे। उनकी यही लत एक दिन बहुत दुःखद साबित हुई जब उन्हें मुंह से खाना पीना निगलना भी दूभर होने लगा। डॉक्टर को दिखाया इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ उल्टे रोग बढ़ता ही गया। आखिरकार विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाया गया कई जांचें हुई और जब रिपोर्ट आई तो पांव तले की ज़मीन निकल गई। दोनों पति पत्नी उस समय सन्न रह गए जब डॉक्टर ने बताया ......

"मिस्टर वर्मा .... सॉरी, आपको जबड़े का कैंसर है अब सर्जरी करना पड़ेगा।"

थोड़ी जमा पूंजी और ऑफिस से एडवांस ले कर ऑपरेशन करवाया लेकिन कुछ ही दिनों बाद फिर से तबियत बिगड़ने लगी और आज ...... मौत के कगार पर ले आई।

मिसेज वर्मा की रुलाई बढ़ती जा रही थी उनको आगे अंधकार ही अंधकार नज़र आ रहा था और मन में यही विचार आ रहा था .... काश वो उस वक़्त को रोक पाती .... काश अपने पति की इस बुरी लत पे लगाम लगा पाती ..... लेकिन बीता हुआ वक़्त आता है कभी लौटकर ....।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy