24. "दूसरा भगवान"
24. "दूसरा भगवान"
दो चार, आठ दस, पंद्रह बीस और देखते देखते लाइन लग गई। पूरे शहर में हड़कम्प मच गया। मासूम बच्चे एक के बाद एक आसपास के अस्पतालों में लाये जा रहे थे। लोग दौड़े चले आ रहे थे अपने जिगर के टुकड़ों को गोद में उठाये। चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ था, रोना चिल्लाना, चीख़ पुकार बड़ा ही हृदय विदारक दृश्य जिसने भी देखा उसकी आँखों से आंसू छलक पड़े।
अबोध बच्चे जिन्हें आज ही जापानी बुखार का टीका लगाया गया, न जाने क्या हुआ जो इतने बच्चों की तबियत बिगड़ गई और कई मासूम काल के गाल में समा गए। देश विदेश के विशेषज्ञ डॉक्टरों से संपर्क किया जा रहा था, लेकिन कोई उपाय कोई इलाज समझ नहीं आ रहा था। आखिरकार मौत के इस तांडव ने पूरे बावन बच्चों का जीवन ले लिया।
कौन था इन मौतों के लिए जिम्मेवार किसी को नहीं मालूम। सभी बच्चों का पोस्टमार्टम किया गया रिपोर्ट के अनुसार सभी बच्चों की मौत एक विशेष प्रकार के ज़हर के कारण हुई थी। ज़हर क्या था, किसका था, पता नहीं चल रहा था। वेक्सीन के सारे टीकों को जब्त कर लिया गया और विशेष जांच के लिए भेज दिया गया। किस कंपनी ने इसको बनाया इसकी जांच शुरू हुई।
नवीन बेहद होनहार और काबिल डॉक्टर था। उसने मेडिकल की पढ़ाई के साथ साथ बायो की भी गहन शिक्षा ग्रहण की थी। आरम्भ से ही कुछ विशेष और अलग करने का जुनून था उसको। उसने ही इस टीके की ईजाद की थी और अपने नाम से पेटेंट कराया था। सामान्य परिवार के नवीन ने अपनी छोटी सी लैब से शुरुआत की और देखते ही देखते करोड़ों की कंपनी खड़ी कर ली। नवीन को जैसे ही इस घटना का पता चला वो आनन फानन में देश छोड़ कर भागने की तैयारी करने लगा। अपना फोन भी बंद कर दिया। इससे पहले की वो भाग निकलता पुलिस और प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाते हुए उसको दबोच लिया।
गिरफ्तार करके पुलिस ले जा रही थी इतने में उसके बंगले के बाहर गाड़ी आ कर रुकी। रो रो कर उसकी आंखें सूज चुकी थी, चेहरा मुरझाया हुआ था। नवीन की बहन सीधे नवीन की तरफ बढ़ी और खींच कर एक जोर का थप्पड़ रसीद कर दिया और फूट फूट कर रो पड़ी।
"तू इंसान नहीं हत्यारा है, तू मेरा भाई नहीं हो सकता। धन के लालच में तू इतना गिर जाएगा में सोच भी नहीं सकती। कहते हैं डॉक्टर दूसरा भगवान होता है लेकिन तू तो हत्यारा निकला। इंस्पेक्टर साहब ले जाइए इस दरिन्दे को” और नवीन की तरफ देख कर बोली “तू जानता भी है तेरे कारण जिन माँओं की गोद सुनी हुई है। उनमें एक मैं भी हूँ। तू मेरे बच्चे का भी हत्यारा है”
“इंस्पेक्टर मैं बताती हूँ इसकी करतूत, इस दानव ने धन के लालच में "एक्सपायरी डेट" वाले वेक्सीन के लेबल बदल कर सप्लाई कर दिए जिसके कारण इतने मासूमों की जान चली गई। जब मेरे बच्चे की हालत बिगड़ी तो मैंने पता लगाया वेक्सीन कौन सी कम्पनी का है और जब पता चला इसी की कंपनी का है मैंने इसको फोन किया लेकिन इसका फोन बंद था। मैने इसके मैनेजर को फोन किया तब पता चला इसकी करतूत का"