khushi kishore

Fantasy

4.5  

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काश ! सच हो जाए ये सपना

काश ! सच हो जाए ये सपना

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आंख खुलते घड़ी पर नजर गई तो सुबह के छ: बज चुके थे। तापसी पलंग के पास लगे बटन को दबा, दोनों बच्चो को प्यार से जगाने लगी। चार साल की रिया और छ: साल के ताशु ने तापसी के गले में बांहे डाल दी। गुड मॉर्निंग मम्मा! तापसी के दोनों गालों पर बच्चो ने प्यार की मुहर लगा दी।

हैलो ! बच्चो, गुड मॉर्निंग! मैडम दूध का ग्लास तैयार है। एलेक्सा ने अंदर आते ही मैसेज दिया।

ओके ! एलेक्सा, तापसी दोनों बच्चो को दूध का ग्लास दे दी। दोनों जल्दी से दूध खत्म करो।

अमर के लिए चाय, बच्चो के स्कूल टिफिन के लिए, आलू का पराठा। नाश्ते के लिए गरमा गर्म पोहे। बच्चो के लिए सैंडविच। सबके लिए ऑरेंज जूस। और... बाद में देखती हूं सोच, तापसी ने एलेक्सा के रिमोट से ऑर्डर सेट कर दिए।

बच्चों को स्कूल बैग तैयार करने बोल। तापसी खुद पति अमर को जगाने चल पड़ी।

गुड मॉर्निंग ! अमर। न्यूज़ पेपर ले तापसी अमर के पास बैठ गई। गुड मॉर्निंग तापसी, बोल अमर मुस्कुरा उठ बैठा।

गुड मॉर्निंग ! अमर, चाय। एलेक्सा चाय रख कर चली गई।

अमर चाय की चुस्कियों के साथ तापसी से अखबार की ताजातरीन खबरें सुन रहा था।

हल्की गुलाबी रंग की साड़ी में, लाल रंग की बिंदिया चेहरे पर बिखरी लटे, अमर को तापसी का यूं उसके पास बैठना बहुत पसंद था।

अमर ने तापसी का हाथ अपने हाथों में थाम लिया।

टीटीटीटीटीआरटीटीटी...........

ओह ! कितनी कर्कश आवाज है। तापसी नींद से जागी। अलार्म घड़ी के बजने की आवाज थी ये तो।

वो अभी तक सो रही थी। हाय राम! अब तो सारे काम जल्दी जल्दी भाग कर करने पड़ेंगे। वो एलेक्सा! फिर तापसी को खुद पर ही हंसी आ गई। वो तो उसकी कल्पना थी, जो वो नींद में सच होते देख रही थी।

हुआ ये था कि रात में सब साथ में बैठ ट्रांसफार्मर नाम की फिल्म देख रहे थे। जिसमे मुख्य रूप से रोबोट को दिखाया गया था। तभी उसके बेटे ने बोला था, वो मम्मा के लिए एक ऐसा रोबोट बनाएगा, जो घर के सारे काम कर सके।और उसने सपने में एलेक्सा को काम करते देख भी लिया।

तापसी बच्चो को जगा, फटाफट किचेन में भागी। काश ! ये एलेक्सा सच में हर गृहणी के पास होती, कितना प्यारा सपना था।


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