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Vijay Erry

Thriller

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Vijay Erry

Thriller

जादूगरी की दुनिया

जादूगरी की दुनिया

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जादूगरी की दुनिया 

लेखक: विजय शर्मा Erry

कहा जाता है कि हर इंसान के जीवन में एक ऐसा मोड़ आता है, जहाँ उसे लगता है कि अगर थोड़ा-सा जादू मिल जाए, तो सारी परेशानियाँ ख़त्म हो जाएँ। पर क्या सच में जादू समस्याओं का हल होता है, या फिर जादू से भी बड़ा कोई सच छिपा होता है? यह कहानी उसी सच की तलाश है।

1. सपनों वाला गाँव

हिमालय की तलहटी में बसा था छोटा-सा गाँव चंद्रपुर। पहाड़ों से घिरा, बादलों से बातें करता हुआ, मगर भीतर से उतना ही साधारण जितना भारत का कोई भी गाँव। इसी गाँव में रहता था आरव—दसवीं कक्षा का एक साधारण-सा लड़का, जिसकी आँखों में असाधारण सपने पलते थे।

आरव का मन पढ़ाई में कम, कल्पनाओं में ज़्यादा लगता था। जब बाकी बच्चे क्रिकेट खेलते, तब वह पुरानी किताबों में जादूगरों, तिलिस्मों और अद्भुत लोकों की कहानियाँ ढूँढता रहता।

उसकी दादी कहा करती थीं,

“बेटा, दुनिया में जादू नाम की कोई चीज़ नहीं होती, मेहनत ही असली जादू है।”

पर आरव के मन में सवाल था—

अगर जादू नहीं है, तो इन कहानियों में इतना सच क्यों लगता है?

2. रहस्यमयी किताब

एक दिन गाँव के पुराने स्कूल के पीछे स्थित उजड़े हुए पुस्तकालय में आरव को एक अजीब-सी किताब मिली। किताब का कवर चमक रहा था और उस पर लिखा था—

“जादूगरी का अनोखा सफ़र”

जैसे ही आरव ने किताब को छुआ, उसकी उँगलियों में हल्की-सी सिहरन दौड़ गई। किताब के पन्ने अपने आप खुल गए। शब्द जीवित लग रहे थे।

पहला वाक्य था—

“जो इस किताब को पढ़ेगा, वह जादू की दुनिया में प्रवेश करेगा, पर लौटेगा वही जो सच को पहचान पाएगा।”

आरव की धड़कन तेज़ हो गई। डर और उत्सुकता साथ-साथ चल रहे थे।

3. जादू की दुनिया में प्रवेश

रात को जब पूरा गाँव सो गया, आरव ने किताब फिर खोली। अचानक तेज़ रोशनी फैली और वह अपने कमरे से गायब हो गया।

जब होश आया, तो वह एक अनोखी दुनिया में खड़ा था। आसमान बैंगनी रंग का था, पेड़ सुनहरे पत्तों वाले थे और हवा में मंत्रों की गूंज थी।

एक बूढ़ा जादूगर सामने आया। उसकी दाढ़ी चाँदी जैसी चमक रही थी।

“स्वागत है, आरव,” उसने कहा,

“तुम्हें चुना गया है।”

“किसलिए?” आरव ने घबराकर पूछा।

“इस दुनिया और अपनी दुनिया—दोनों के लिए।”

4. जादू सीखने की शुरुआत

उस दुनिया का नाम था मंत्रलोक। वहाँ हर कोई किसी न किसी जादू में निपुण था। कोई आग से खेलता, कोई हवा से बातें करता, तो कोई भविष्य देख सकता था।

आरव को भी सिखाया जाने लगा—

मंत्र बोलना, ऊर्जा को महसूस करना, और अपने डर पर काबू पाना।

पर एक बात अजीब थी—

जादू सीखना जितना रोमांचक था, उतना ही थकाने वाला भी।

गुरु बार-बार कहते,

“जादू शक्ति नहीं, ज़िम्मेदारी है।”

आरव समझ नहीं पा रहा था। उसे तो बस चमत्कार चाहिए था।

5. अंधकार का सच

धीरे-धीरे आरव को पता चला कि मंत्रलोक खतरे में है। काला जादूगर कालदंती इस दुनिया की सारी ऊर्जा चुराकर दोनों लोकों पर राज करना चाहता था।

कालदंती मानता था—

“जादू से ही दुनिया चलती है, इंसान कुछ नहीं।”

आरव के गुरु बोले,

“अगर कालदंती जीत गया, तो इंसानी दुनिया भी गुलाम बन जाएगी।”

आरव डर गया। वह तो सिर्फ़ जादू देखना चाहता था, युद्ध नहीं।

6. भीतर का संघर्ष

एक रात आरव ने खुद से सवाल किया—

क्या मैं वाकई इस लड़ाई के लायक हूँ?

उसे अपने माता-पिता, दादी और गाँव की याद आई। दादी के शब्द गूंजे—

“मेहनत ही असली जादू है।”

तभी उसे एहसास हुआ—

जादू बाहर नहीं, भीतर है।

7. निर्णायक युद्ध

कालदंती और आरव आमने-सामने थे। आसमान में बिजली चमक रही थी। मंत्रों की टकराहट से ज़मीन काँप रही थी।

कालदंती हँसा,

“तुम इंसान हो, जादूगर नहीं।”

आरव ने शांत स्वर में कहा,

“मैं इंसान हूँ, इसलिए हार नहीं मानता।”

उसने कोई बड़ा मंत्र नहीं पढ़ा। उसने सिर्फ़ अपना विश्वास, साहस और सीखी हुई समझ एकत्र की।

अचानक कालदंती की शक्ति कमजोर पड़ने लगी। क्योंकि अंधकार डर पर पलता है, और आरव के भीतर डर नहीं था।

8. जादू का असली अर्थ

कालदंती हार गया। मंत्रलोक बच गया।

गुरु ने मुस्कराकर कहा,

“अब तुम लौट सकते हो।”

“क्या मैं फिर कभी यहाँ आ सकूँगा?” आरव ने पूछा।

“जब भी तुम अपने भीतर झाँकोगे,” गुरु बोले।

एक चमक… और आरव फिर अपने कमरे में था। किताब बंद पड़ी थी—अब साधारण।

9. बदला हुआ आरव

अब आरव पहले जैसा नहीं था। उसने पढ़ाई में मेहनत शुरू की, गाँव के बच्चों को सिखाने लगा, और अपने सपनों को सच में बदलने लगा।

लोग पूछते,

“तुम इतने आत्मविश्वासी कैसे हो गए?”

वह मुस्कराकर कहता,

“मैं जादू की दुनिया से होकर आया हूँ।”

पर वह जानता था—

जादू किताबों या मंत्रों में नहीं,

हौसले, मेहनत और सच्चाई में होता है।

10. संदेश

जादूगरी का अनोखा सफ़र हमें यह सिखाता है कि

हर इंसान के भीतर एक जादूगर छिपा होता है।

ज़रूरत है तो सिर्फ़ उसे पहचानने की।



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