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ईशा की अनकही कहानी

ईशा की अनकही कहानी

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इंटरव्यू रूम में कंटेंट राइटर की जॉब के लिए इंटरव्यू चल रहा था। ईशा को इस सॉफ्टवेर कंपनी में HR की पोस्ट पर काम करते हुए लगभग तीन साल हो गए थे। ईशा और प्रियंका दोनों इंटरव्यू लेने में व्यस्त थे। ईशा ने NEXT कह कर अगले पार्टिसिपेंट को बुलाया।

''हेल्लो मैम गुड आफ्टरनून'' राहुल ने दोनों ही इंटरव्यूअर से हाथ मिलते हुए कहा।

''सेम टू यू।प्लीज़ बैठ जाइए'' प्रियंका ने राहुल को सीट की तरफ इशारा करते हुए कहा।

''आपने इससे पहले कभी कंटेंट राइटर का काम किया है?'' प्रियंका ने इस सवाल से इंटरव्यू शुरू किया।

''नहीं, अभी तक तो नहीं पर मैं..'' राहुल दोनों हाथों से समझाते हुए बोला।

''एक मिनट रुको, तुम्हारा कॉलेज कौनसा था?'' ईशा ने शक भरे अंदाज में कहा।

''MNIT, जयपुर।'' राहुल आंखे नीचे करके बोला, ऐसा लग रहा था मानो कुछ छिपा रहा हो।

ईशा तपाक से राहुल को नजरअंदाज करते हुए बोली ''देखो तुमने इससे पहले कही काम नहीं किया है और हम इस पोस्ट के लिए हम एक अनुभवी को ढूंढ रहे हैं। तो आप जा सकते हैं''

''नहीं आप बाहर रुकिए, हम अभी आते हैं'' प्रियंका ने ईशा को बीच में ही चुप किया और दोनों इंटरव्यू रूम से निकल कर अपने केबिन में आ गए।

''ईशा तुम्हे हो क्या गया हैं। वो इस जॉब के लिए बिलकुल सही है और तुम मना कर रही हो''

''यार मैं उसे जानती हूँ और ये भी पता है की वो अच्छा राइटर है'' ईशा ने धीरे से फुसफुसाते हुए कहा।  

''अच्छा तो ये बात है, हमारी मैडम पहले से ही उसे जानती है'' प्रियंका व्यंग करते हुए बोली।

''नहीं, इतने अच्छे से भी नहीं जानती बस कॉलेज में मेरे साथ था पर मैंने कभी उससे बात नहीं की।''

''ओह्ह्ह तो अब बात कर लेना साथ में जो काम करना है, वैसे अगर बात भी नहीं की तो तुम्है कैसे पता की राहुल अच्छा राइटर है, कहीं उसने तुम्है लव लैटर तो लिखकर नहीं दिया था?'' प्रियंका ने आँखे मटकाते हुए कहा।

''हाँ, लव लैटर दिया था पर वो एक मज़ाक था'' ईशा के गाल टमाटर की तरह लाल हो रहे थे, उसकी आवाज़ से साफ़ पता चल रहा था की वो शर्मा रही है।

''ओह्हो। ये तो बहुत ही दिलचस्प लव स्टोरी है। पूरी बात बताओ ना, क्या हुआ था?'' प्रियंका की बातोंं से उसकी उत्सुकता साफ़ झलक रही थी।

''कुछ ख़ास नहीं यार बस हम सबने मिलके राहुल के साथ मज़ाक किया था''

''तू बात को मत घुमा, मुझे पूरी कहानी सुननी है बस।'' प्रियंका ईशा का हाथ पकड़कर बोली।

''यार, शायद उस दिन चॉकलेट डे था और मेरे दोनों रूम पार्टनर्स ने राहुल के साथ प्रैंक करने की सोची। तो उन दोनों ने मुझे बिना बताये ही मेरे मोबाइल से राहुल को मैसेज में ''हैप्पी चॉकलेट डे'' बोल दिया।

प्रियंका ''पर तुम्हारी फ्रेंड ने राहुल के साथ ही मज़ाक क्यों किया?।''

''राहुल क्लास में बहुत कम बोलता था और हमेशा सबसे पीछे की सीट पर ही बैठता था। और हम तीनो को शक था की वो मुझे घूरता भी है तो इसीलिए मेरे दोस्तों ने राहुल के साथ मज़ाक किया।

''अच्छा। पर आगे क्या हुआ?, वो मैसेज पढ़ने के बाद राहुल का रिएक्शन क्या था'' उत्सुकता बढ़ रही थी।

''अगले दिन हम सब लोग कैंटीन में बैठे थे और राहुल हमारे पास आया और उसने मुझे लव लैटर दिया। मेरे दोनों रूम पार्टनर्स हँस रहे थे, पर मुझे तो कुछ पता ही नहीं था तो मैंने गुस्से में राहुल को बहुत भला बुरा कह दिया और में गुस्से मे मेरे रूम में आ गयी।

उसके बाद मेरे रूम पार्टनर्स ने मुझे पूरी बात बतायी तो मुझे एहसास हुआ की मुझे राहुल के साथ ऐसा नहीं करना था। मैंने उस दिन के बाद बहुत बार राहुल से सॉरी बोलने की कोशिश की पर उसने कभी मुझसे बात भी नहीं की।

''हाँ तो अब बोल दे ना सॉरी। राहुल बाहर ही तो बैठा है।'' प्रियंका की बातों से लग रहा था की वो ईशा और राहुल के बीच में सब कुछ सही करना चाहती है।

''नहीं यार अब थोड़ा अजीब लगेगा।'' ईशा ने प्रस्ताव नकारते हुए कहा।

''ठीक है, मैं उसे बोल देती हूँ'' ऐसा कहकर प्रियंका जॉब लैटर लेकर राहुल के पास चली गयी।

उधर राहुल बिल्कुल आराम से सोफे पे बैठा था। ऐसा लग रहा था मानो वो सब कुछ भूल गया है या भूलने की कोशिश कर रहा है। प्रियंका को आते देख वह उठ कर खड़ा हो गया।

प्रियंका ने उसे बधाई दी और जॉब लैटर देते हुए कहा की ''राहुल आप सेलेक्ट हो गए हो।''

राहुल ने लैटर खोला उसमे जॉब के बारे में तो लिखा ही था पर उसके पीछे बड़े से अक्षरो में सॉरी भी लिखा था। राहुल ने थैंक्स कहा और मुस्कराकर जाने लगा।

प्रियंका ने मुस्कराते हुए कहा ''कल टाइम पे आ जाना नहीं तो ईशा मेम फिर से नाराज़ हो जाएगी''

प्रियंका बहुत सुकून महसूस कर रही थी क्योकि वो जानती थी की कहानी ख़त्म नहीं हुई है ये तो ईशा और राहुल की कहानी की बस शुरुआत है, इस कहानी में अभी और भी बहुत रंग है।

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अगला दिन:-

दोपहर के बारह बजे सभी लोग कैंटीन में लंच कर रहे थे। राहुल का कम्पनी में पहला ही दिन था इसलिए वो टेबल पर बैठकर अकेला कॉफ़ी पी रहा था। उसके एक हाथ में कॉफ़ी का मग था और दुसरे हाथ में फ़ोन था जिसमे वो कॉलेज वक्त के फोटो देख रहा था।

''क्या हम यहाँ बैठ सकते हैं।'' ईशा और प्रियंका ने सीट की तरफ इशारा करते हुए कहा।

''तुम्हारा पहला दिन कैसा गया।'' प्रियंका ने बातचीत शुरू करते हुए कहा।

''बहुत अच्छा था।'' राहुल अपने फ़ोन को ज़ेब में डालते हुए हल्की सी मुस्कान के साथ बोला।

ईशा बेहद उत्सुक होकर राहुल से बोली ''शायद कॉलेज में तुम एक किताब लिख रहे थे, तो कहाँ तक पहुची आपकी कहानी''

राहुल ने ईशा की आँखों में देखकर कहा ''हम्म। मेरी कहानी को बस एक क्लाइमेक्स की दरकरार है, हैप्पी एंडिंग होते ही समझो किताब भी पूरी।'' ऐसा लग रहा था मानो राहुल आँखों से ही ईशा को शब्दों में छुपे हुए जज्बात समझाने की कोशिश कर रहा था।

''अच्छा तो वैलेंटाइन डे पर किसको प्रपोज़ किया।'' प्रियंका ने आंखे मटकाते हुए कहा।

''कॉलेज में कोशिश की थी पर, बदले में किसी का गुस्सा ही मिला था'' राहुल ने कटाक्ष किया। 

''राहुल मैं तुमसे सॉरी बोल तो चुकी हूँ अब और क्या करूँ।'' ईशा ने गंभीर आवाज़ में कहा।

ईशा के इस जवाब से टेबल पर सन्नाटा सा हो गया था। तीनो लोग आपस में नज़रे चुरा रहे थे।

सन्नाटे को ख़त्म करने के लिए प्रियंका तपाक से बोली ''चलो मैं तुम लोगो को एक शायरी सुनाती हूँ। तुम दोनों अगर चाहो तो वाह वाह कर सकते हो''

''FB, ट्विटर सब चेक कर लिए, अब आगे क्या क्या आएगा।बहुत ज़ोर से भूख लगी हे, तुम मे से पिज़्ज़ा कौन खिलायेगा..''

''वाह। वैसे ये किस महापुरुष ने लिखा है'' ईशा ने प्रश्न करते हुए कहा।

''ये किसी महापुरुष ने नहीं बल्कि महा महिला ने लिखा हे और उसका नाम है प्रियंका शर्मा।''

ईशा और राहुल इस बात पर मुस्करा रहे थे। शायरी ने अपना काम कर दिया था।

ऐसा लग रहा था मानो बरसो पुरानी बर्फ तेजी से पिघल रही हो, प्रियंका अब आश्वस्त थी की राहुल और ईशा के बीच सब कुछ सामान्य हो गया है। वो अपनी BPL शायरी को मन ही मन धन्यवाद दे रही थी।

प्रियंका इसी माहौल को आगे बढ़ाते हुए बोली। ''ईशा अब तुम्हारी बारी है, एक गरमा गरम शायरी सुना दो जल्दी से''

ईशा एक पल के लिए चुप हो गयी मानो उसके होठ किसी की इजाज़त मांग रहे हो। फिर उसने राहुल की आँखों में मुस्कराते हुए देखकर कहा।

''आवारा बंजारा सा मैं, मेरा परिचय हर दिशा से है,

परियाँ सब साधारण लगती, प्यार मुझे बस ईशा से है।''

राहुल ने चौंक कर ईशा से कहा।''ओह्हो। तो तुमने अब तक इस शायरी को संभाल के रखा है''

''सिर्फ शायरी ही नहीं वो लव लैटर भी संभाल के रखा है..'' ईशा के गाल बिल्कुल टमाटर की तरह लाल हो गए थे। उसके चहरे से लज्जा टपक रही थी।

राहुल समझ चूका था की ईशा के दिल का कोई कोना अभी भी उसके लिए खाली हे। ईशा ने अभी भी उससे जुड़ी सभी यादों को संभाल के रखा था।

प्रियंका चाहती थी की ये प्यार भरी बातचीत किसी मुकाम तक पहुंचे तो उसने राहुल से कहा.. ''और बताओ ना क्या क्या लिखा था? वैसे राहुल तुमने लव लैटर में शायरी के अलावा भी बहुत कुछ लिखा होगा। जैसे वो प्यार भरे तीन शब्द।''

राहुल ने ईशा का हाथ पकड़ा और आहिस्ते से बोला ''I LOVE YOU ईशा''

ईशा भी इस आवेग में डूब जाना चाहती थी तो उसने भी सिर हिलाते हुए प्यार का इज़हार किया और धीरे से राहुल के कान में फुसफुसाते हुए कहा ''लव यू टू।''

''लव यू थ्री दोस्तों'' प्रियंका अकेले ही अपनी बात पर हस रही थी क्योंकि राहुल और ईशा तो एक दुसरे में इतना खो चुके थे की उन्है आस पास न ही किसी का आभास था और न ही किसी की ज़रुरत। वे दोनों तो बस प्यार में डूब जाना चाहते थे। राहुल और ईशा इतने करीब आ गए थे की उनके होंठ एक दुसरे का आलिंगन लेने को आतुर थे।

उन दोनों को होश में लाने के लिए, प्रियंका ने बोतल में से कुछ पानी अपनी हथेली में लिया और दोनों पर छिड़कते हुए बोली..

''तुम दोनों की प्रेम कहानी आज से शुरू होती हे। स्वाह:

ऑफिस में किसी ने देख लिया तो गरबड़ हो सकती हे। स्वाह:

मेरी दक्षिणा में सिर्फ एक पिज़्ज़ा और एक कॉफ़ी ही लाना।स्वाह:''

एकदम से ही दोनों सकपका गए और ऐसे बर्ताव करने लगे की कुछ हुआ ही न हो। ईशा शरमाते हुए अपनी जुल्फों को कान के पीछे छिपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी और राहुल भी झुकी नज़रो से अपने नाख़ून कुतर रहा था।

''राहुल तुम्हे इस जॉब के लिए एक और इंटरव्यू देना पड़ेगा'' ईशा ने कहा।

''अच्छा तो उसमे क्या करना पड़ेगा।'' राहुल मुंह बनाते हुए बोला।

ईशा आँखों को मटकाते हुए बोली ''तुम्हे एक लैटर लिखना होगा।लव लैटर।''

''फिर से'' राहुल हँसते हुए बोला और ईशा भी इस हंसी में शामिल हो गयी..

प्रियंका निश्चिंत होकर उन दोनों को देख रही थी मानो वो किसी रोमांटिक फिल्म का सबसे बेहतरीन दृश्य देख रही हो.. वो इस कहानी में अपना अक्श तलाश रही थी और उसे ये भी मालूम हो गया था की राहुल की किताब अब जल्द ही पूरी होने वाली हे, क्योकि राहुल की कहानी का इससे अच्छा क्लाइमेक्स मिल पाना मुश्किल था।


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