Nancy Sundrani

Abstract

4.0  

Nancy Sundrani

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हर्षिता और संस्कृति

हर्षिता और संस्कृति

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संस्कृति, ना कोई लड़की का नाम है, ना ही किसी संस्कार नाम के लड़के को संस्कृति नाम से चिढाते हैं। यह हमारी संस्कृति, हिंदुस्तान की संस्कृति, हिंदुस्तानियों की संस्कृति।


यह बात साल 2013 की है जब हर्षिता पूरे परिवार के साथ यात्रा पर गई थी। हरिद्वार, वैष्णो देवी और अमृतसर कि यात्रा। हर्षिता की वो पहली यात्रा थी। तो उत्सह अलग था।रात भर रेलगाड़ी में सफर करते हर्षिता पहुंची अमृतसर। यात्रा का पहला दिन था तो जोश भी दोगुना था। पहुते ही वों चल पड़ी गुरूद्वारा की तरफ़ दर्शन करने। दर्शन की, मछलियों के साथ खेली। शाम हो चुकी थी, हर्षिता गयी जलियांवाला बाग हां वहीं बाग जहां पर 13 अप्रैल 1919 में हत्याकांड हुआ था।


दूसरे दिन सरोवर में नहाना था। तब कुछ विदेशी मिले। और उन्होंने नहाने से पहले सूरज देवता को जल अर्पित किया। हर्षिता यह देख कर हैरान हो गई। उसने अपनी मम्मी की तरफ देख कर बोली ऐसा तो हम नहीं करते हैं फिर यह लोग क्या कर रहे है। उसकी मम्मी बोली यह हमारे ही संस्कृति है जिसे हम भूल रहे हैं।फिर हर्षित अपने परिवार के साथ चल परी वैष्णो देवी की और। वैष्णो देवी में कई दिव्य स्थल मौजूद हैं जिनका धार्मिक महत्व है जैसे बाणगंगा, अर्द्धकुंवारी, सांझी छत है। 

- अर्द्धकुंवारी गुफा का उतना ही महत्व है जितना ही मां के भवन का। इस गुफा में मां के कन्या रूप में 9 महीनों तक तपस्या की। इस गुफा को गर्भजून के नाम से भी जाना जाता। 


- मां वैष्णो देवी के दरबार में प्राचीन गुफा का महत्व इसीलिए भी ज्यादा है क्योंकि यहां भैरव का शरीर मौजूद है।


-प्राचीन गुफा पर भैरव को मां नेअपने त्रिशूल से मारा था और उसका सिर उड़कर भैरव घाटी में चला गया और शरीर इस गुफा में रह गया था।


वहाँ पर कुछ ऐसे खास तो नहीं हुआ था बस हर्षिता ने रात के 3:00 बजे स्नान किया था, जिन्दगी में पहली बार। इक लड़की जो इतनी आलसी है, माता के दर्शन करने के लिए रात में 3:00 के बजे स्नान करना ताज्जुब की बात थी हर्षिता और हर्षिता के परिवार के लिए। इतनी बड़ी चढ़ाई चढ़ाने उतारने के बाद के बाद सब थक गऐ थे, पर सुबह 5:00 बजे हर्षिता की रेलगाड़ी थी हरिद्वार तेरे लिए।


हरिद्वार वह स्थान है जहाँ अमृत की कुछ बूँदें भूल से घड़े से गिर गयीं जब धन्वन्तरी उस घड़े को समुद्र मंथन के बाद ले जा रहे थे।


- वह स्थान जहाँ पर अमृत की बूंदें गिरी थीं उसे हर की पौड़ी पर ब्रह्म कुण्ड माना जाता है।


- गंगा में स्नान करना मोक्ष प्राप्त करवाने वाला माना जाता है।


हरिद्वार मैं गंगा माता के दर्शन किए ओम नमो नमो शिवा के भी। वह नजारा ही अलग था उसके लिए गंगा माता के बीचों-बीच शिव भगवान। हर्षिता हर तस्वीर कैमरे में लिया फिरती थी। पर कैमरा गुम हों जाने के कारण वो तस्वीर भी दो गुम हो गई। बस जो बचा है वह है उसके दिलों में वह सारी यादें।


उनही यादों के साथ हर्षिता चल पड़ी नई यादें बनाने।



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