हिपोक्रेसी भाग-1
हिपोक्रेसी भाग-1
सुमन कॉलेज के बाद से ही रिपोर्टर के तौर पर काम कर रही थी परंतु आशातीत सफलता अभी दूर ही थी। ऐसे में सुमन को एक महिला का इंटरव्यू करने का अवसर दिया गया। यह इंटरव्यू सुमन के लिए बहुत मायने रखता था क्योंकि महिला शायद कुछ फिल्मों में छोटा मोटा काम कर रही थी। इंटरव्यू के लिए ट्रेन के फर्स्ट क्लास के डिब्बे में मुलाकात का वक़्त तय किया गया था।
जब सुमन ने महिला को प्रथम बार देखा तब उसकी आंखें खुली की खुली रह गयी। जैसे वस्त्र महिला ने पहन रखे थे सुमन भी पहनने का ख्वाब देख रही थी परंतु वास्तव में पहन नहीं पाई थी।
महिला ने एक नीले रंग की जीन्स पहन रखी थी जो लगभग फटी हुई थी। सही शब्दो में कहा जाए तो तकरेबन 95% फटी हुई थी। और शर्ट की लंबाई बस इतनी थी कि सीने को भी पूरी तरह से ढकने में नाकामयाब। महिला के अंतःवस्त्र इतने दिख रहे थे कि कल्पना की आवश्यकता ही नहीं बची थी।
सुमन की आंखों में चमक आ गयी और इंटरव्यू के टाइटल जुगनुओं की तरह टिमटिमाता दिखाई देने लगा।
आज किस्मत सुमन के साथ थी। उसी ट्रैन में एक विधायक भी सफर कर रहे थे। विधायक महोदय किसी कारणवश शर्ट और पजामा उतार कर बाहर गलियारे में आ गए ठीक वहीं जहां सुमन इंटरव्यू ले रही थी।
एक बार फिर सुमन की आंखें चमक उठी और टाइटल जुगनुओं की तरह टिमटिमाता दिखाई देने लगा।
अगले दिन दोनो की तस्वीर फ्रंट पेज पर एक साथ छपी। दोनो अंतःवस्त्रों में थे लगभग एक जैसे बस टाइटल अलग था। एक के साथ बड़े अक्षर में 'Progressive women' और दूसरे के साथ 'Regressive Men' लिखा था।