एक था मुगलसराय...। एक था मुगलसराय...।
एक बड़ा सूटकेस पहियों पर घसीटते हुए शहरी लड़की प्रतीक्षालय में प्रवेश की, साथ में उसकी आधुनिक मॉम और... एक बड़ा सूटकेस पहियों पर घसीटते हुए शहरी लड़की प्रतीक्षालय में प्रवेश की, साथ मे...
आज भी जब ट्रेन में बैठता हूं तो मुझे याद आते हैं वो हसीं पल और वो खूबसूरत हमसफर...! आज भी जब ट्रेन में बैठता हूं तो मुझे याद आते हैं वो हसीं पल और वो खूबसूरत हमसफर....
"बहुत ज्यादा, कइ मर्तबा मैंने उसे पैसे देने की कोशिश कि ताकि वो डॉक्टर से अपना इलाज़ करवा सके, लेकिन ... "बहुत ज्यादा, कइ मर्तबा मैंने उसे पैसे देने की कोशिश कि ताकि वो डॉक्टर से अपना इ...
एक दिलचस्प कहानी एक दिलचस्प कहानी
दूसरी दादी जिसे मैं ने पूछे बिना जबरदस्ती से आगरा प्लेटफॉर्म पर 6.00 बजे छोड़ दिया ?” दूसरी दादी जिसे मैं ने पूछे बिना जबरदस्ती से आगरा प्लेटफॉर्म पर 6.00 बजे छोड़ दि...