हां मैंने भविष्य देखा
हां मैंने भविष्य देखा
हाँ, मैंने भविष्य में होने वाली घटना अपने सपने मे देखी थी।कई व्यक्तियों को भविष्य मे होने वाली घटनाओं का भान हो जाता है।चाहे उसे सूझ जाये या सपना दिख जाये।हमारे घर मे ये प्रसिद्ध हैं कि मुझे अपने परिवार मे होने वाली घटनाएं दिखाई दे जाती है।बात उन दिनों की है जब मेरी शादी को तेरह साल हो गये थे।किसी बात पर मेरीमायके वालों से कोई बात हो गयी थी मैने बोलना बन्द कर रखा था और तो और मै उनके फोन भी रिसीव नही कर रही थी।एक दिन मै बहुत उदास थी।मन बैचेन था।इसी बैचैनी में मै सो गयी।
मुझे जो सपना दिखाई दिया वो मैं कैसे भूल सकती हूँ ।मुझे मेरे मायके वाला घर दिखाई दिया।मेरे मायके मै हवेली के आगे बहुत बड़ा चबूतरा था।अब तो नक्शा बदल गया है घर का।परन्तु मुझे वो ही घर दिख रहा था जो मेरे बचपन मे था।मुझे ऐसे लगा जैसे मै हवा मै उड रही हूँ ।कोई घर मे मर गया है उसकी अर्थी बन्ध रही है।पीले गेंदें के फूलों से सजाया जा रहा है अर्थी को।मै जैसे उडते हुए अपनी मम्मी के पास पहुंचती हूँ जोर जोर से मम्मी को बुला रही हूँ ।,"मम्मी कौन मर गया है ?किसी की डेथ हो गयी है।"पर मेरी माँ मेरी किसी बात की कोई प्रतिक्रिया नही दे रही है।मैं जैसें दौड़ दौड कर सबसे पूछ रही हूँ पर कोई मुझे जैसे सुन ही नही रहा।अचानक से मैने जैसे उड़ते हुए देखा तो पाया कि मेरी ही लाश अर्थी पर पडी है।और मेरे पति फूल डाल रहे है।इतने मे क्या देखती हूँ मेरा भाई ,मेरे पति अर्थी को कन्धा देते हुए "राम नाम सत्य है "करते हुए शमशान भूमि ले गये।।तभी मेरी आंख खुल गयी।मैने अपने आप को पसीने से तर बतर पाया।
फिर मेरे कयास लगने चालू हो गये।कभी सोचती।शायद मै मरने वाली हूँ कभी सोचती तेरा वहम है।हो सकता है तेरा हाथ आ गया होगा सीने पर और सपने मे दब गयी हो शायद।बस यही कयास लगायें जा रही थी।
बात आयी गयी हो गयी।उसके थोड़े दिन बाद मेरी बहन का फोन आया कि मेरी बडी दीदी अचानक बड़ी बुरी तरह से जल गयी है और बचने की उम्मीद कम है।मेरे तो पैर तले की जमीन ही खिसक गई ।बहुत कोशिशों के बाद भी दीदी को बचाया नही जा सका।जब मै उनकों अन्तिम विदाई दे रही थी तो सोच रही थी उस सपने के विषय में कि शायद भगवान की तरफ़ से कोई इशारा था।वो मुझे पहले ही बताना चाहते थे इस अनहोनी के विषय मे ।मृत्यु मुझे मेरी इसलिए दिखी की जो मरी थी वो मेरी ही माँ जाई थीं ।उस मे और मुझ मे अंतर कैसा।..........
