घूंघरू

घूंघरू

1 min
7.7K


"अरे झुमकी क्या छुपा रही हो अपने पीछे। "रधिया ने उसका हाथ आगे खींचते हुए पूछा।

"ये घूंघरू है रधिया हमें श्यामू ने लाकर दिये हैं और कहा है किसी को बताना मत..वो हमें मेले में लेकर जायेगा वहां पहनायेगा।"झुमकी ने इठलाते हुए कहा।

"मेला? लेकिन अभी तो गांव में कोई मेला नहीं।"

"अरे वह हमें शहर वाला मेला दिखाने ले जायेगा। कह रहा था वहां बड़े बड़े तमाशे होते हैं, नाच गाना होता है, बड़े बड़े लोग तमाशा देखने आते हैं" यह कहती हुई वह श्यामू की झोपड़ी की ओर दौड़ पड़ी।

"लेकिन तुमने मां बाबा को बताया या नहीं... झुमकी को तो मेला देखना था इसलिये उसे रधिया की कोई बात सुनाई नहीं दे रही थी।

आंखों को चकाचौंध कर देने वाली रोशनी से नहायी बिल्डिंग में श्यामू उसे ले गया और उसे घूंघरू बांधने के लिए कहा।

"श्यामू यहां तो कोई मेला नहीं है और ना ही कोई तमाशा, झुमकी ने चारों तरफ देखते हुए कहा।"

तभी आठ दस युवकों ने अंदर प्रवेश करते हुए कहा, "अरे अब तमाशा दिखाओ भाई! श्यामू ने उसे नाचने का इशारा किया।

सहमी सी झुमकी को शहर के मेले और तमाशे का अर्थ समझ आ रहा था।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy