Naseem Khan

Abstract

2  

Naseem Khan

Abstract

गांव

गांव

1 min
91


गाँव हर जिस्म के अंदर धड़कता है। वो कायनात की एक-एक साबुत रूह में गहरे तक समाया है। गाँव के इश्क की चाशनी में डूबी इन दिनों जब कोरोना महामारी जिंदगियां निगल रही है, वो गाँव ही है जिसने शहरों से पलायन कर रहे मजदूरों और घर वापसी कर रहे शहरियों को पनाह दी है। गाँव ने बताया है कि हमारी जड़ें उसी की सुनहरी भस्म में गहरे धंसी हैं। क्योंकि गाँव शाश्वत है। वो हमारी साँसों में पलाश के इन फूलों की तरह महकता रहेगा।


Rate this content
Log in

More hindi story from Naseem Khan

Similar hindi story from Abstract