SAHAB ji
क्योंकि गाँव शाश्वत है। वो हमारी साँसों में पलाश के इन फूलों की तरह महकता रहेगा। क्योंकि गाँव शाश्वत है। वो हमारी साँसों में पलाश के इन फूलों की तरह महकता रहेगा।