एक सच्ची कहानी - भाग 1
एक सच्ची कहानी - भाग 1
एक बच्चा 8 साल उम्र थी उसकी। सपनों में जीता था, कहता था बस बहुत बड़ा आदमी बनना है चाहे कुछ भी हो जाए अब और middle class नहीं रहना। अब सवाल ये नहीं है कि उसके सपने कितने सच्चे या ऊंचे है। सवाल तो ये है कि उसके मन में ये बात आई कैसे? और चलो आ भी गई तो वो अपने अंदर इतना आत्मविश्वास कैसे लाया कि दुनिया की, इस समाज की आंखों में आंखें डालकर ये बात कह पाया। तो चलिए जानते है क्या थी वो वजह, वो क्या नज़ारे थे जिनकी वजह से उस छोटे से बच्चे को छोटे - बड़े, अमीर गरीब का मतलब समझा गई। और क्या ये बालक अपने कहे पर अड़ा रहा या फिर ये भी उसी समाज की एक कड़ी बनकर रह गया।