Amit Kumar

Drama

5.0  

Amit Kumar

Drama

एक नई सुबह

एक नई सुबह

10 mins
716


 किरदार:-शुभम

:- प्रिया

:- प्रिया का पति

:- बच्ची(छोटी बहन)

:- शुभम का बचपन

:- पहला आदमी

:-दूसरा आदमी

:-तीसरा आदमी

:-एक गुड्डा


पहला दृश्य:-

अर्ली मॉर्निंग में गाड़ियों का शोर, बिल्डिंग दर बिल्डिंग के शॉट के साथ….बालकनी में एक लड़का जिसका नाम शुभम है, वो बार-बार अपने मोबाइल में समय देखकर शायद दस बजने वाले है….वो चाय पीते हुए या, सिगरेट का कश पे कश लगाते हुये बार-बार दरवाज़े की और देख रहा है…उसकी बेचैन आंखों को देखकर लगता है उसको किसी का इंतज़ार है…


दूसरा दृश्य:-

एक औरत जिसका नाम प्रिया है वो अपने पति के ऑफिस ले जाने के लिए उसका बेग पैक कर रही ,(पति ने ऑफिस जाने की पूरी तैयारी कर ली है ,वो ऑफिसियल ड्रेसअप में है बस अपने जूते ही पहन रहा है जब प्रिया उसको बैग में टिफिन डालकर देती है,उसकी चाय भी पास में ही रखी गई….) प्रिया ने सिम्पली एक लाइट कलर की नीली या पिंक या जो सुविधानुसार उपलब्ध हो सके वो साड़ी पहनी है और श्रृंगार भी बहुत साधारण सा है लेकिन फिर भी उसकी चेहरे की चमक देखते ही बनती है, वो अपने पति को उसका टिफिन बैग में रखते हुए बैग देती है, पति बैग लेकर और चाय का कप टेबल पर या एक और साइड में रखकर बैग लेकर बाहर की ओर आता है और प्रिया भी उसके साथ बाहर आती है, पति के जाने के बाद प्रिया अपने कपड़े सुखाने के लिए ऊपर छत ओर आती है और कपड़े सुखाते हुए वो शुभम को निहारती है, शुभम भी उसको देखकर खुश होता है…शुभम अपने कमरे में बैठा अख़बार पढ़ रहा है या फिर अपने कपड़े प्रेस कर रहा है, प्रिया वापस अपने कमरे में चली जाती है

दोबारा किसी बहाने से वो ऊपर जाती है और शुभम को देखती है लेकिन शुभम उसको दिखाई नहीं देता, प्रिया शुभम को न पाकर कुछ बेचैन सी हो जाती है, तभी उसकी नज़र नीचे स्टैयर्स पर आते हुए शुभम पर पड़ती है और दोनों एकटक एक दूसरे को देखते है मुस्कुराते है फिर अपने अपने कमरे में चले जाते है, प्रिया अपने कमरे में आकर एक गुड्डे के साथ खेलना शुरू कर देती है, वो उस गुड्डे को बिल्कुल अपने बच्चे की तरह गोद मे झुलाती है खिलाती है…और मुस्कुराकर उसको प्यार करती है…..


तीसरा दृश्य :-

शुभम अपने कमरे में कोई क़िताब पढ़ रहा है अचानक उसकी नज़र अपने मोबाइल के वालपेपर पर जाती है जिस पर प्रिया की शादी से पहले की पिक्स उसके साथ में है….वो उस फ़ोटो को देखता रहता है


चौथा दृश्य:-

प्रिया और उसका पति अपने बेडरूम में सो रहे है पति सो चुका है, प्रिया ने नाईट सूट या सूट सलवार पहन रखा है वो गुड्डे को हाथ में लेकर शुभम के बारे में सोच रही है, उसका पति गहरी नींद में सो चुका है।


पांचवा दृश्य:-

सूरज की किरणों के साथ सुप्रभात होता है, शुभम बेचैन होकर अपने मोबाइल पर दस बजने का इंतज़ार करता है और जब प्रिया को नहीं आता देखता तो उसका कारण जानने के इरादे से वहां से प्रिया के कमरे की ओर चल देता है


छठा दृश्य:-

प्रिया अपने कमरे में बैठी है शुभम भी उसके पास आकर बैठ जाता है, दोनो की नज़रे मिलती है और दोनों एक दूसरे को घूरने लगते है और कहीं खो से जाते है….(फ्लेशबैक शुरू होता है)

शुभम अपने बचपन मे पहुंच गया है जहां वो अपनी बहन की आंखों पर पट्टी बांधकर उसके साथ खेल रहा है…

वहीं दूसरी तरफ प्रिया अपने फ्लेशबैक में गुड्डे को अपना बच्चा समझकर उसको दूध पिलाने का अभिनय कर रही है मानो वो गुड्डा न हो उसका खुद का बच्चा हो…वो गुड्डे को दूध पिलाकर उसे सुलाने लगती है और कहती है हम लोग बाहर घूमने चलेंगे अभी तुम सो जाओ


शुभम फ्लेशबैक में अपनी बहन से राखी बंधवा रहा है जो बिल्कुल प्रिया की हमशक्ल है अचानक कुछ गिरने की आवाज़ के साथ शुभम का भरम टूटता है और वो अपने में वापस लौटता है तो प्रिया को अपने सामने निर्वस्त्र होते देख उठकर उसे रोकता है, प्रिया अभी तक सपने में ही है उसे शुभम में अभी तक एक छोटा बच्चा ही दिखता है शुभम उसे झझोड़ता है तो वो नींद से जागती है तभी साइड में एक मोबाइल पर उसका उसको कपड़े उतारते हुए रोकना एक पौज बटन के साथ रुक जाता है और स्क्रीन पर लिखा आता है कुछ समय बाद……


सातवाँ दृश्य:

कुछ लोग मोबाइल पर mms वीडियो देख रहे है यह वही mms है जो ( प्रिया और शुभम का है प्रिया अपने पति के साथ मेट्रो की ओर जा रही है तभी कोई पीछे से टोंट या कमेंट करता है) जिसको किसी ने अपनी टशन काटने के लिए वायरल कर दिया है धीरे-धीरे वायरल वीडियो प्रिया के पति तक भी पहुँचता है, उसका पति उसे एक थप्पड़ मारता है और उसे बदचलन कहकर उसकी जिंदगी से चले जाने को कहता है

पति:- बदचलन तुम मेरी गैरहाज़िरी में अपने यार के साथ मुँह काला करती रही, दूर हो जाओ मेरी नज़रों के सामने से, आज से मेरा तुम्हारा रिश्ता ख़त्म!(प्रिया अपनी बेगुनाही बयान करने की कोशिश करती है लेकिन वो उसकी एक नहीं सुनता और धक्के मारकर उसे वहां से भगाता है)

मैं तुम्हारे जैसी औरतों को बहुत अच्छे से जानता हूँ….

निकल जाओ मेरे घर से….(प्रिया बेचारी बेबस और लाचार बन रोती रहती है….)


आठवाँ दृश्य:-

शुभम रास्ते में जा रहा है लोग उसको भी कमेंट करते है, वो भी बिना कुछ कहे वहां से निकल जाता है और रूम पर आकर परेशान बैठ जाता है, और मोबाइल के वालपेपर पर अपनी बहन की फ़ोटो देखकर रोता है और हताश हो जाता है…..कुछ समय बाद…


नौवां दृश्य:- 

प्रिया और शुभम कमरे में एक साथ लेकिन अलग अलग बैठे है, कुछ देर खामोश रहने के बाद….

प्रिया:- चलो शादी कर लेते है…


(शुभम प्रश्नवाचक दृष्टि से प्रिया को घूरता है)

शुभम:- तुम पागल हो गई हो क्या? मैंने कभी तुम्हारे लिए ऐसा कुछ नहीं सोच दरअसल…..(उसकी बात बीच में काटकर…)

प्रिया:- मैंने भी कभी तुम्हारे बारे में ऐसा नहीं सोचा लेकिन फिर भी मेरे पति ने मुझपर विश्वास नहीं किया ,समाज भी हमारे रिश्ते को गलत समझता है, हर एक नज़र अब हमें गुनेहगार समझती है, अब हम दोनों को एक दूसरे से मिलना तो दूर एक दूसरे को देखने के लिए भी इनकी परमिशन लेनी होगी….तुम मुझसे शादी कर लो कम से कम इस तरह हम साथ तो रहेंगे....शादी के बाद लोगो की ज़ुबान ओर ताला लग जायेगा और वो हमें ताना नहीं देंगे…..(शुभम प्रिया को सवालिया निगाहों से देखता है और फ्लेशबैक में खो जाता है…प्रिया के हाथ से सिंदूर के डिबिया लेकर वो उसकी मांग भर देता है और उसका हाथ पकड़ कर उसे बाहर लेकर जाता है लेकिन फिर भी लोग ताना मारने से बाज़ नहीं आते…..

पहला आदमी:- यह देखो लैला मजनू की जोड़ी चली आ रही है।

दूसरा आदमी:- अरे भइया यह तो मौका ही ढूंढ रहे थे, आजकल तो भलाई का ज़माना ही नही रहा……

पहला आदमी:- पति से तो निभाई नहीं गई अब यार से निभाएगी…

तीसरा आदमी:- अरे यह वही है न जिनका वीडियो वायरल हुआ था….

दूसरा आदमी:-कैसे बेशर्म लोग है…..मेरे जैसा होता तो चुल्लू भर पानी में डूब मरता अब तक! (दोनो परेशान और घबराकर कमरे पर आ जाते है)

दोनो अपने कमरे में बेड पर सोये है लेकिन उन्हें नींद नहीं आ रही रह रहकर लोगो के ताने उनके कानों में गूंज रहे है, प्रिया गुड्डे को देख रही है, और शुभम अपनी बहन की फ़ोटो को….दोनो मायूस और परेशान है….

दोनो एक दूसरे को अपनी अपनी ज़िंदगी बर्बाद करने के लिए कोस रहे है….


शुभम अपनी बहन की फ़ोटो को देखता है कश पर कश सुलगाये जा रहा है , प्रिया भी गुड्डे को छाती से लगाकर रोये जा रही है….

दोनो उदास बैठे है कुछ देर बाद….उनके अंतर्मन की आवाज़ आती है….

शुभम:- क्या हासिल कर लिया शादी करके….

प्रिया:- इससे तो हम दूर रहकर खुश थे….मज़बूरी का रिश्ता खुशी नहीं देता…

शुभम:- कर भी क्या सकते है, इस ज़िन्दगी से तो मौत भली….

प्रिया:- शायद तुम सही कहते हो, जीने के लिए कोई वज़ह होना ज़रूरी है, बिना वज़ह जी कर क्या हासिल?

शुभम:- अब क्या?(दोनो चाय के कप में कुछ घोलकर पीते है और पीते ही मर जाते है जीने से कहीं ज़्यादा मरना उन्हें आसान लगता है, तभी कुछ गिरने की आवाज़ और……फ्लेशबैक टूटता है…)

प्रिया:- चलो शादी कर लेते है….(शुभम सवालिया निशान सा प्रिया को देखता है और उठकर उसके पास आता है और घुटनों के बल उसके पास बैठकर बड़े प्यार से उसके सर पर हाथ फेरता है और कहता है…..)

शुभम:- तो क्या समाज के डर से हम जीना छोड़ दे, जिसे हमेशा अपनी छोटी बहन के रूप में देखता आया हूँ उससे शादी……तुम मेरी छोटी बहन हो अभी तुम्हारा भाई ज़िंदा है, तुम्हारे पति ने तुम्हारा साथ नहीं दिया तो क्या….अपने वालपेपर पर उसको अपनी छोटी बहन की तस्वीर दिखाता है, बस एक बार तुम यह धागा मेरी कलाई पर बांध दो फिर देखो तुम्हारी और बढ़ने वाली मुसीबतों को तुम्हारा भाई कैसे सम्भालता है……

प्रिया:- (धागा उसकी कलाई में बांधते हुए….)मैंने भी तुम्हें अपने बच्चे के रूप में देखा है मैं हमेशा तुम्हें उसी रूप में प्यार और दुलार करती रही हूं…..उस रोज भी जब तुम मेरे कमरे में बैठे थे तो…..(शुभम उसे रोकता है…..)

शुभम:- आओ मेरी बहन जो हुआ सो हुआ अब तुम एक नई जिंदगी शुरू करो…..

शुभम प्रिया का हाथ पकड़कर उसे बाहर लेकर आता है तभी पीछे से कोई कमेंट करता है…..शुभम प्रिया को लेकर उसके पास आता है और मुस्कुराकर उससे कहता है 

शुभम:- यह मेरी बहन है, जब तुम अपनी बहन के साथ बाहर निकलते हो तब क्या लोग भी तुम्हें लैला मजनू कहते है…..(कमेंट करने वाला अपनेआप में स्तब्ध मूक बना रह जाता है और शुभम और प्रिया आगे की और बढ़ जाते है….. अगली सुबह……


प्रिया का पति श्रवण उसको अपने साथ अपनी ग़लती पर मुआफी मांगते हुए प्रिया को ले जाने के लिए आता है….

श्रवण:- मैं तुम्हें लेने के लिए आया हूँ…..मैं एक कमज़ोर और कच्चे कानों वाला साधारण इंसान निकला मैं तुम दोनों का गुनेहगार हूँ……हो सके तो मुझे मुआफ़ कर देना……

प्रिया:- अचानक तुम्हें अपनी ग़लती का एहसास कैसे होने लगा….? मैं तो बदचलन हूँ जगह-जगह मुँह काला करती फिरती हूँ…….(बीच मे ही उसे रोककर…..)

श्रवण:- मैं हमेशा अंधेरे में ही रहता अगर शुभम के मोबाइल के वालपेपर पर लगी तस्वीर की हक़ीक़त नहीं जान पाता, (शुभम की आंखों में देखता है दोनो की आंखों के क्लोजअप के साथ फ्लेशबैक….) श्रवण अपने कमरे में बैठा हुआ शराब पी रहा है तभी शुभम उस कमरे में दाखिल होता है अचानक लाइट चली जाती है, श्रवण माचिस की तीली से मोमबत्ती जलाता है और कहता……

तुम्हारे जैसे लोगो के आने से लोगो की ज़िंदगी मे अंधेरा हो जाता है, यह तो फिर भी मेरा घर है…..सॉरी घर अब कहाँ रहा ख़ैर जाने दो…..कहो कैसे आना हुआ….(शुभम मुस्कुराता है और कहता है)

शुभम:-मैं तुम्हारी किसी बात पर बहस करने या उसका जवाब देने नहीं आया, मैं तो यह देखना चाहता था कि एक मज़लूम और कमज़ोर औरत को एक बहादुर मर्द जो कि उसका पति भी है उस नाज़ुक स्थिति में निसहाय और अकेला छोड़ देता है जब उसे उसके साथ कि सबसे ज़्यादा ज़रूरत है, मैं उस बहादुर मर्द का खुशहाल चेहरा देखने आए हूँ (अचानक उसका फोन बजता है और उसके मोबाइल के वालपेपर पर प्रिया की फ़ोटो चमकने लगती है….जिसे देखकर श्रवण अपना आपा खोने को होता है लेकिन खुद को संभालते हुए)

श्रवण:-तो नौबत यहां तक आ गई……तुम मेरा मज़ाक उड़ाने आये हो…(शुभम मुस्कुराते हुए…)

शुभम:- आप फिर एक बार ग़लती कर रहे है, यह फोटो आपकी बीवी की नही मेरी छोटी बहन की है, जो हूबहू आपकी प्रिया जैसी थी, लेकिन एक हादसे में मैंने उसे खो दिया, लेकिन जिस आदमी ने अपने साथ सात फेरे लेने वाली बीवी की बात पर ऐतबार नहीं किया वो भला एक अजनबी की बात पर क्यों ऐतबार करने लगा (तभी श्रवण के हाथ से शराब का गिलास गिर जाता है और वो मानो नींद से जागा हो और निढ़ाल सा एक कुर्सी ओर गिर पड़ता है ,तभी फ्लेशबैक टूटता है और दोनों की आंखों पर फोकस लौटता है)

,मैं शुभम तुम्हारा एहसानमन्द हूँ, मैं तुमसे तुम्हारी बहन और अपनी पत्नी को ले जाने की इजाज़त चाहता हूँ…

शुभम:- सुबह का भुला अगर शाम को देर से भी घर लौटे तो उसे भुला नही कहते……

प्रिया:- शुभम…..

शुभम:- तुम एक अच्छी बहन और समझदार पत्नी हो तुम्हें तुम्हारी जिम्मेदारी बताने की गुस्ताख़ी मैं नहीं कर सकता…..बस इतना समझ लो एक ग़मगीन अंधकारमय रात का अंत हो रहा है और एक नई सुबह का आगमन हो रहा है, और हमें इस नई सुबह का बाहें फैलाकर स्वागत करना चाहिए (दोनो का हाथ एक दूसरे के हाथ मे देकर, अंत भला तो सब भला।

                


..









Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama