एक अधूरा प्यार
एक अधूरा प्यार
कॉलेज में हम तीनों की दोस्ती का नाम था। में यानी निल, रमेश और नीलू । सब जलते थे हमारी दोस्ती को देख कर। मुझे कविताएं लिखने का शौक था । नीलू को मेरी कविता बहुत पसंद थी, और मुझे नीलू । धीरे, धीरे हम दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे ।
रमेश हम दोनो को मिलने में मदद करता था । उसने शादी कर लेने की सलाह दी । मुझे डर था , शायद नीलू के माता पिता को इस शादी से ऐतराज हो ?
लेकिन वह जल्दी मान गये। शायद इकलौती बेटी का प्यार था वह, बस उनकी एक शर्त थी जब तक मुझे एक अच्छी नौकरी नही मिलेगी तब तक हमारी शादी नही होगी, हम मान गये ।
एक साल में हमारी पढ़ाई पूरी हो गयी।
मैं बंगलोर चला गया। नीलू रायपुर में ही टीचर बन गयी। रमेश अपने पापा के साथ बिज़नेस मे जॉइन हो गया।
मैं खुश था। अपने सपने को पूरा करने में व्यस्त था। इन दिनों में मेरी लंदन में posting हो गई। मैं काम में व्यस्त हो गया ।
इन्ही दिनों में नीलू के पिता का( जो अब Retired हो चुके थे) देहांत हो गया। मैं उस सिलसिले में कुछ दिनों के लिए रायपुर आ गया। नीलू के घर की देखभाल करने के लिए रमेश को कहा। वह खुशी खुशी मान गया । मैं भी माँ और छोटे भाई को ले कर बंगलोर आ गया। मैं अपने भविष्य को इसी शहर में सवारना चाहता था । नीलू भी राज़ी थी। मैं वापिस लंदन चला गया। मेरी वहाँ पर साल भर के लिए posting थी। सब कुछ इतनी जल्दी जल्दी हो रहा था कि बस...
इन दिनों मैं काम की व्यस्तता और टाइम गैप के कारण नीलू और रमेश के साथ मोबाइल में बात भी कम हो गयी थी। काम के सिवा मुझे ओर किसी बात का ध्यान भी नही था। मैं अपना -मेरा और नीलू का -भविष्य बनाना चाहता था बस। लेकिन ऊपर वाले का शायद कुछ और ही इरादा था।
कुछ दिनों से नीलू और रमेश से बात नहीं हो पा रही थी। न कोई मैसेज न ही कोई वाट्स अप...मैं ने भी कोई ध्यान नही दिया।
और अचानक एक दिन नीलू ने एक मैसेज भेजा। पढ़ कर मेरे पर पहाड़ टूट पड़ा, उसने लिखा था ,
" मैं ने रमेश के साथ आज शादी कर ली है । क्यो यह मैं नही बताना चाहती। तुम समझदार हो। हम आज शाम की फ्लाइट से हनीमून के लिए जा रहे है । हमे फ़ोन मत करना "मुझे यह पढ़ कर , विश्वास नही हुआ। उन दोनो ने अपना फ़ोन बंद कर दिया था। रमेश के घर वाले मेरी आवाज़ सुन कर लाइन काट देते थे।
क्या एक दोस्त इतना धोखा दे सकता है ? और नीलू ? उसे क्या हुआ ? क्या चाहती थी वह ? मैं पागल हो गया था । मेरे आंखों के सामने अंधेरा छा गया था ।
मुझे क्या करना चाहिए ???
(आगे पढ़िए)