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Akanksha Gupta (Vedantika)

Drama Tragedy

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Akanksha Gupta (Vedantika)

Drama Tragedy

दूसरा पहलू

दूसरा पहलू

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जैसे ही सौरभ की कार ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी, उसकी कार के शीशे पर एक दस्तक़ हुई। उसने शीशे में से झाँक कर देखा तो एक बच्चा उससे भीख मांग रहा था। उस बच्चे की जीभ भी कटी हुई थी।

सौरभ ने उस बच्चे को डाँटते हुए कहा- “शर्म नहीं आती इस तरह से भीख मांगते हुए। कुछ काम धंधा करके पैसे कमाओ और पढ़ने की कोशिश करो। चलो अब जाओ यहाँ से।"

वो बच्चा काफ़ी देर तक वहीं पर खड़ा रहा और फिर वहां से चला गया। सौरभ की पत्नी प्रिया उसी कार में बैठी हुई थी। उससे यह सब देखा नहीं गया तो उसने सौरभ से कहा- “हर सिक्के के दो पहलू होते हैं सौरभ। कोई भी बच्चा अपनी खुशी से भीख नही मांगता।

सौरभ ने जैसे कुछ सुना ही नही। वो प्रिया को लेकर ऑफिस आया और दोनों दिनभर काम करते रहे। शाम के समय जब प्रिया ने फोन पर पढ़ा तो उसके आँसू रुक नहीं रहे थे। सौरभ के पूछने पर उसने उसे एक तस्वीर दिखाई जिसमें आज सुबह मिलने वाले उसी बच्चे की लाश के बारे लिखा था जिसे भिखारियों के गिरोह ने मार डाला था।


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