दुनिया के नाम सन्देश
दुनिया के नाम सन्देश


"मनुष्य जन्म अनमोल रे, इसे घूमने में मत घोल रे"
मनुष्य जन्म अनमोल रे, इसे घूमने में मत घोल रे।
मनुष्य रूपी जन्म में तो लॉकडाउन का पालन कर ले रे, इस मनुष्य जन्म को इस घूमने के पागलपन में मत घोल रे।। मनुष्य जन्म बड़ा अनमोल रे...
इसे सरकार के आदेशों के पालन में घोल रे, मनुष्य जन्म अनमोल रे।
इसे बाहर घूमने में मत निकाल रे, बाहर कोरोना बीमारी में मत घोल रे।। मनुष्य जन्म बड़ा अनमोल रे...
अभी घर में रहे ले नहीं तो फिर कभी नहीं रहेगा रे, मनुष्य जन्म अनमोल रे।
अभी इसे घर में रहने में गुजार रे, घूमने में मत घोल रे।। मनुष्य जन्म अनमोल रे..
अभी देश बड़ी मुसीबत में अभी तू मनुष्य, इसे डॉक्टर, पुलिस, सफाई, गरीब की सेवा में गुजार रे।। मनुष्य जन्म अनमोल रे...
मनुष्य जन्म का परिचय अभी नहीं देगा, फिर कब देगा रे, बाहर मत निकल बाहर देश में कोरोना बीमारी रे।। मनुष्य जन्म अनमोल रे..
अभी घर परिवार की चिंता कर रे, अभी नहीं फिर कब करेगा रे।। मनुष्य जन्म अनमोल रे ..
अभी तो संभल जा रे, मनुष्य अभी हिंदुस्तान को कोरोना को हराना। अभी नहीं घर में रहे, तो फिर कब घर में रहेगा।। मनुष्य जन्म बड़ा अनमोल रे, इसे घूमने में मत घोले रे।