Mihika Saraf

Abstract

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Mihika Saraf

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दस्तक मुसाफिर की

दस्तक मुसाफिर की

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वह एक अजनबी मुसाफिर था। उसने गलत घर का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन सही दरवाजा खुलता कौन जानता था? वह किसी प्रकार के कार्य संदेश को उच्च पद और महत्व देने के लिए आया था, लेकिन कौन जानता था कि वह आज मेरे बगल में बैठा होगा जब यह लिख रही हूँ, वह आज मेरा पति है, और हम दोनों आज तक गलत दस्तक के लिए आभारी हैं जो सही दरवाजा खोल गया। लेकिन आज तक हम एक-दूसरे को अज्ञात लोगों की तरह जानते हैं, क्योंकि दिल एक मुसाफिर है, हर रोज़ एक नई संभावना में जीवन को देखने के लिए।


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