डेथ वारंट भाग 5

डेथ वारंट भाग 5

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फिर सभी को पुलिस स्टेशन में ही रोक लिया गया। सरफराज,मुल्ला कानिया के साथ बाथरूम गया था तो उससे पूछताछ चल रही थी।
सालुंखे खुद जांच कर रहा था,बोल कानिये,क्यों मारा सरफराज को ?
मुल्ला बोला,अरे नई साब ! मैं काहे को मारेगा उसको ? मैं तो फौरन फारिग होकर बाहर निकल आया था।
उसने तुमसे कुछ कहा था ? सालुंखे ने पूछा
नॉर्मल बात किया साब !और कुछ नहीं।
दूसरे लोगों ने तो फौरन हाथ खड़े कर दिए। आखिर पुलिस स्टेशन में मौजूद लोगों में से ही तो किसी ने मारा होगा न ? सालुंखे कमिश्नर के पास पहुंचा। वे राम मोहन के साथ वार्ता में व्यस्त थे।
क्यों सालुंखे ? राज्यमंत्री और मेरे पुलिस स्टेशन में रहते किसी ने खून कर दिया! कितनी शर्म की बात है भल्ला बोले।
जी सर ! लेकिन यह तो तय है कि कातिल इन्ही में से कोई है।बच कर कहाँ जाएगा।
राममोहन कुछ पी रहे थे ,वे सिप लेते हुए बोले,आखिर उस आदमी को मारा कैसे गया है ऑफिसर ?
सर ,उसका सिर इतने जोर से दीवार से टकरा दिया गया कि तरबूज की तरह फट गया है। शायद वह चुपचाप पेशाब कर रहा था इतने में कातिल ने अचानक पीछे से उसका सिर दीवार से दे मारा होगा ,सालुंखे बोला।
कमिश्नर बोले, मुल्ला कानिया उसके साथ बाथरूम में गया था तो क्या यह उसका काम हो सकता है ?
नहीं सर !सालुंखे बोला,मुल्ला सिंगल पसली का आदमी है किसी हट्टे कट्टे आदमी को एक वार में सिर पटक कर मार देने के लिए सांड जैसी ताकत चाहिए।
इन अपराधियों में कौन है जो ऐसा कर सकने में समर्थ है ,भल्ला ने पूछा
राजू पंजाबी और इरफान इस काम में सफल हो सकते हैं और कलम्मा नामक औरत भी किसी से कम नहीं है सर ! और वैसे भी ये सब अपराधी हैं तो क्या कहा जा सकता है कि कब कौन क्या कर बैठेगा।
खैर ! तुम इसका पता लगाओ लेकिन हमारी पहली प्राथमिकता बेहरामपाड़ा की आगजनी है। हाई कमान का प्रेशर आया है। चुनाव होने वाले हैं और यह घटना शासन के अच्छे कामों का कबाड़ा कर सकती है ,राज्यमंत्री राममोहन कुशवाहा बोले तो उनके माथे पर चिंता की लकीरें गहरा चुकी थी।
जी सर ! सालुंखे बोला, लेकिन उसका दिमाग कुछ और ही सोच रहा था।

 

कहानी अभी जारी है ....


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