डेथ वारंट भाग 4
डेथ वारंट भाग 4
सालुंखे के जाते ही सब एक दूसरे का मुंह देखने लगे। सरफराज व्यंग्य से मुंह टेढ़ा करके बोला, हुंह! डेथ वारंट! कलम्मा बोली, अगर किसी की वजह से मेरा धंधा खराब हुआ तो मैं उसको छोड़ेगी नई! मालूम नई कौन बॉस है जो अपन सबकी वाट लगा रहेला है।
सरफराज बोला, देखो भाई! ये तो तय है कि हममें से ही कोई बॉस का मददगार है लेकिन वो मददगार ये बात समझ ले कि काम खत्म होने के बाद बॉस उसे दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल फेंकेगा। जबकि हमें तो यहीं रहना है।
हमेशा कम बोलने वाला राजू पंजाबी जो उसके पास ही था, वह कुछ नहीं बोला, बल्कि खिड़की के बाहर देखता रहा। मुल्ला कानिया बोला, बात तो सच है !
अभी तक दांत भींचे खड़ा मोइन सांप की तरह फुफकारता हुआ बोला, बेवकूफों! ये सारी रामायण महाभारत यहीं करोगे क्या?
अचानक सभी को भान हुआ कि वे कहां खड़े थे और उन सभी को यहाँ अकेले छोड़कर चले जाना सालुंखे की चाल भी हो सकती थी। हो सकता है वह कहीं छुपा उनकी बातें सुन रहा हो। सबने फौरन अपने होठों पर ताले लगा लिए। इतने में थाने का माहौल थोड़ा तनावपूर्ण हो गया। पता चला कि गृह राज्य मंत्री राम मोहन कुशवाहा आ रहे हैं जो प्रभावित इलाके का दौरा करेंगे। कुशवाहा बेहद ईमानदार और सादगी पसंद छवि के मालिक थे। उनके दादा स्वरूप किशन स्वतंत्रता सेनानी थे और आजादी की लड़ाई में शहीद हुए थे। राम मोहन सख्त छवि के माने जाते थे तो पुलिस विभाग की हालत हिली हुई थी। इसके पहले कि थाने में बुलाये गए सभी पुराने पापी कूच कर पाते, सायरन बजाती हुई जीप के पीछे कई गाड़ियां थाने के अहाते में आ पहुंची। एक सफेद फॉर्च्यूनर कार से सफेद झक्क कुर्ता पायजामा पहने राममोहन उतरे तो उनके साथ पुलिस कमिश्नर आलोक भल्ला भी थे। उनके आगे पीछे कई तीन और दो सितारा धारी अफसर घूम रहे थे। आलोक भल्ला ने आते ही जब इलाके के छंटे हुए लोगों को वहाँ देखा तो फौरन सालुंखे की ओर देखा जो उनके पास आकर सैल्यूट दे चुका था। सालुंखे बोला, सर ! इन सभी को वार्निंग देने के लिए बुलाया था। पता चला है कि इस मामले के पीछे बॉस का हाथ हो सकता है ।
ओह! आलोक की आंखें सिकुड़ गई। राम मोहन जो ध्यान से सुन रहे थे वे बोले, ये बॉस कौन है भाई? उसकी चर्चा दिल्ली तक पहुंची हुई है।
आलोक बोले, उसी की तलाश चल रही है सर! जैसे ही उसकी पहचान हुई वो हमारे चंगुल में होगा।
इतना कहते हुए कमिश्नर अपने राज्यमंत्री को दफ्तर में ले गए। फिर थोड़ी ही देर में वहाँ हड़कंप मच गया। किसी ने पुलिस स्टेशन के टॉयलेट में सरफराज का खून कर दिया था। उसका डेथ वारंट कट गया था ।
कहानी अभी जारी है .......