Gulafshan Neyaz

Drama

5.0  

Gulafshan Neyaz

Drama

डायरी

डायरी

8 mins
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मायरा फर्श पर खून से लथ पथ तड़प रही थी। नगमा ने ज़ब उसे इस हाल मे देखा तो उसकी जान ही निकल गई। सब तरफ चीख पुकार मच गया उसने अस्पताल जाते वक़्त रास्ते मे ही दम तोर दिया। उसने अपनी हाथों की नसे काट ली थजो घर दुल्हन की तरह सजा था। हर तरफ खुशियाँ बिखरी पड़ी थी। अच्छी अच्छी पकवान की खुश्बूऐ आ रही थी। सब रिस्तेदार खुशी मे चहक रहे थे। अब वँहा सन्नाटा पसरा था। चंद मिनटों मे कैसे घर मातम का बना पता ही नहीं चला।

नगमा की तो जैसे आवाज़ ही बंद हो गई जैसे वो गूंगी ही हो गई हो। लोग तरह तरह की बातें कर रहे थे। रात मे बरात आने वाली थी देखो लड़की ने ख़ुदकुशी कर ली जरूर कोइ चक्कर रहा होगा या जबरदस्ती की शादी होगीं लोग तरह तरह की बातें कर रहे दरवाज़े पर इब्राहिम साहब खामोश बैठे थे।

एक तो बेटी मरी दूसरी पूरी बिरादरी मे इज्जत चली गई। किसी को मुँह दिखाने के लायक नहीं रहे। मायरा उनकी जान थी बहुत प्यार करते थे अपने लाडली से मायरा की मिट्टी मिजल हो गई सब रिस्तेदार तस्सल्ली देकर लौट गए। जिस घर मे सहनाई गूंज रही थी। वही अब सन्नाटा पसरा था। नगमा और इब्राहिम साहब को अभी तक समझ मे नहीं आया मायरा ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया। शादी तो उसके मर्ज़ी से ही फिक्स थी कुछ समझ मे ही नहीं आ रहा था। अम्मी सब ठीक हो जायेगा यीसूफ ने कहा तो नजमा जोर जोर से रोने लगी और इब्राहिम साहेब भी रोने लगाअम्मी मे जरूर पता लगाऊंगा आखिर आपि ने ऐसा क्यों किया

मायरा को गुज़रे एक हफ्ता हो गया। ज़ब नजमा ने मायरा के कपड़े आलमीरे से निकले गरीबो को तकसीम करने के लिए तभी उसमें से एक डायरी गिरी जिसे नजमा ने उठया तभी युसूफ कमरे मे आ गया ऐ क्या है अम्मी लगता है मायरा की डायरी है। अच्छा अम्मी आप ऐ सब छोड़े प्लीज मुझे नास्ता दे मेरे पेट मे चूहें खुद रहे हैं उसने अजीब सा मुँह बनाते होए कहा ताकि उसकी माँ के चेहरे पर मुश्कान आ जाए। नगमा चली गइ तो युसूफ ने उस डायरी को अलमीरा मे ही रख दिया रात हो गई थी युसूफ को नींद नहीं आ रही थी आखिर मयारा ने ऐसा क्यों किया आखिर कोई अपनी ही जान कैसे ले सकता। अगर उसकी थोड़ी सी ऊँगली कट जाती तो पूरे घर को सर पर उठा लेती वो ऐसे क्या मैं मायरा की डायरी पढ़ोंन कंही उसमें उसने कुछ लिखा हो नहीं नहीं वो उसकी पर्सनल डायरी थी। कैसे पढ़ों मे भाई हूं उसका। ऐसी बातें सोच सोचकर युसूफ के सर मे दर्द होने लगा उसने अपनी आँखे बंद कर ली।

और फिर उठा अचानक उसके कदम मायरा के रूम की तरफ बढे। उसने अलमीरा का लॉक खोला और डायरी उठा कर उठा कर अपने रूम की तरफ हर बड़ा कर भागा ऐसा लग रहा था जैसे उसने चोरी की हो उसने रूम का गेट लॉक किया और बेड के कोने पर कन्धा टिका कर उसने डायरी खोली। ज़ब उसने पूरी डायरी पढ़ी तो उसके पाँव से जमीन खिसक गई। मायरा एक खूबसूरत दिल और चेहरे की मलिका जो देखे मर मिटे। बहुत ही भोली लोग दूर दूर तक अपने बच्चों को मायरा की मिसाल देते। 2012मैं मायरा ने टेंथ का एग्जाम फ़ास्ट डिवीज़न से पास किया घर मे खुशी की लहर दौर गई।

अब्बू ने उसे मोबाइल गिफ्ट किया वो भी स्क्रीन टच खुशी से झूम उठी थी मायरा। उसका एडमिसन कॉलेज मे होवा था। बायो लिया उसने घर वाले उसे डॉक्टर बनाने का सपना देखने लगे। मायरा कॉलेज जाने लगी सब कुछ ठीक चल रहा था। जिंदगी अपने रफ्तार पर थी। अचानक एक दिन मायर की मुलाकत कैंटीन मैं उसकी फ्रेंड हिना के भाई शाहिद से होई वो भी उसी कॉलेज मे पढता था और वो सीनियर था। शाहिद और मायरा अक्सर अब मिल जाते कभी कैंटीन मे तो कभी कॉलेज पार्किंग मे पर दोनों की बातें नहीं होती एक दिन मायरा ने अपना फेसबुक खोला तो उसपर शाहिद का फ्रेंडरिक्वेस्ट आया था। मायरा ने मुश्कुराते होए उसे एक्सेप्ट कर लिया। कंही ना कंही वो शाहिद को पसंद करने लगी थी। शाहिद फेसबुक से व्हाट्सप्प पर और उसकी जिंदगी सब मे हाबी होता चला गया। मायरा अब पढ़ाई को भी पीछे छोड़ चुकी थी अब उसके खयालो मे बस शाहिद था। अब दोनों लम्बी लम्बी बातें करते चैट करते। शाहिद की प्यार भरी बातें सुन कर मायरा के गाल सुर्ख लाल हो जाते। अब वो पार्क मे रेस्टुरेंट मे अक्सर एक दूसरे का बांह थामे देखआज वेलेंटाइन डे था।

शाहिद ने उसे अपने रूम पर सरप्राइज देने के लिए बुलाया नहीं शाहिद मे नहीं आ सकती बात समझने की कोशिश करो। अम्मी से क्या बोलूंगी मे और मुझे तुम्हारे रूम पर आने मे डर लग रहा है। मायर तुम को मुझ पर भरोसा नहीं है क्या। ठीक है जैसा तुम्हे अच्छा लगे।

जबरदस्ती प्यार का अहसास नहीं दिलाया जाता मै समझ गया तुमको मुझ पर भरोसा नहीं। उसने ऐसा बातों का जाल फेका की मायरा फंस गई। अम्मी मुझे अपने फ्रेंड से नोट्स लेना है मै जा रही हूँ बेटा जल्दी आना। आजकल तरफ तरह की वारदात हो रही है ज़ब तक तुम घर से बाहर रहती हो कलेजे पर हाथ रह्ता है। अम्मी फ़िक्र ना करे मै जल्दी आ जाओंगी आपको मै कॉल कर इन्फॉर्म करती रहोन गी। मायरा ज़ब शाहिद के रूम पर पहुंची तो वो उसका बेसब्री से इंतेज़ार कर रहा था। मायरा की आँखे फटी की फटी रह गई उसका पुरा रूम फूलों से सजा था। परफ्यूम की भीनी भीनी खुश्बू आ रही थी। शाहिद ने घुटने के बल बैठ कर लाल गुलाब देकर उसे परपोज़ किया तो मायरा को फिल्मी दुनिया हकीकत लगने लगी ये लो मायरा तुम्हारा तौफा क्या है इसमें खोल कर तो देखो ज़ब मायरा ने पैकेट खोला तो उसमें से एक बहुत खूबसूरत पिंक कलर का गाऊन निकला। वाऊ कितना खूबसूरत है। शाहिद ने धीरे से मायरा का हाथ पकड़ा तुमसे खूबसूरत नहीं तुम्हारे आगे तो बिलकुल फीका है तो मायरा थोड़ा सुकचा गई उसने धीरे से अपना हाथ छमायरा प्लीज मुझे पहन के दिखाओ ना यहाँ शाहिद हाँ बाथरूम मे चेंज कर लो। शाहिद मै पहन कर मोबाइल से तुम्हे पीक भेज दूंगी

नहीं मायरा प्लीज मुझे दिखाओ मे समझूंगा की तुम्हे पसंद नहीं आया इसलिए तुमने नहीं पहना ना चाहते होय भी मायरा ड्रेस लेकर बाथरूम की तरफ बढ़ गई वो जैसे ही बाथरूम से बाहर आई शाहिद ने उसे कस कर पीछे से पकड़ लिया। तो मायरा घबरा गई और शाहिद को कस के धकेलते होए एक तरफ खड़ी हो गई ऐ क्या कर रहे हो शाहिद ऐ सब ठीक नहीं है। तो शाहिद भी कड़क आवाज़ मे बोला इसमे गलत क्या है और मायरा की तरफ लपका ऐसा लग रहा था जैसे वो कोई और हो उसका सर पर सैतान सवार हो उसका ऐ रूप देख मायरा के होश उर गए लाख गिडगिराने के अल्लाह का वास्ता और अपने प्यार का वास्ता पर कुछ काम ना आया और वो शाहिद के हवश का शिकार हजिस प्यार पर उसे नाज़ था। वो तो मात्र एक हवश थी मायरा लरखराते होए कदमो से घर गई। उसका जिस्म उसका साथ नहीं दे रहा था रूह अंदर से छलनी हो चुका था।

उसने खुद को कमरे मे बंद कर लिया बार बार मोबाइल पर शाहिद के कॉल आ रहे थे। वो बार बार कॉल काट देती तभी उसके व्हाट्सप्प पर एक वीडिओ आया जिसको देख उसकी आँखे फटी की फटी रह गए उसने शाहिद का कॉल रेसिव किया ऐ क्या है शाहिद।मायरा तुमने अगर ऐ सब बातें किसी को बतया तो ऐ वीडियो सबसे पहले तुम्हारे अब्बू और भैया को और उसके बाद नेट पर डालूंगा।

नहीं शाहिद प्लीज ऐसा मत करना। वो जोर जोर से रोने लगी। अब वो अक्सर शाहिद के हवश का शिकार होती रहती। कितनी बार चाहा की अम्मी को ऐ बातें बता दे। पर चाह के भी ना बता पाई और फ़ाइनल एग्जाम मे फेल हो गई नगमा और इब्राहिम साहेब को बहुत बड़ा धक्का लगा वो बार बार मायरा से जानना चाहते की उसे क्या तकलीफ है शाहिद का कई लड़कियो से अफेयर था। वो। मिट्ठी मिट्ठी बातें कर लड़कियों को प्यार के जाल मे फसता फिर ब्लैकमेल करता।

मायरा ने उस से बहुत आरजू और मिन्ते की पर उसका दिल ना पसीजा उसने तो शाहिद से सच्चा प्यार किया जिसकी उसे इतनी बरी सजा मिली थी। मायरा का अच्छे घर से रिश्ता आया था। सब ने रिश्ते के लिए हाँ कर दी कंही शादी के बाद सही हो जाए आज मायरा की हल्दी थी हल्दी की रस्म के बाद वो अपने रूम मे अकेले बैठी थी। तभी शाहिद का कॉल आया वो उसे मिलने के लिए कह रहा था। मना कारने पर उसके वीडियो उसके होने वाले हस्बैंड को भेजनें की धमकी देने लगा। मायरा गिरगिरति रही पर वो ना सुना अगर ऐ बात सब को पता चल गई तो कितनी बदनामी होगीं उसके अबबु को तो हार्ट अटैक आ जइयेगा।

कितना फक्र करते है मुझ पर कितनी बदनामी होगीं मेरा भाई कंही मुँह दिखाने के लायक नहीं रहेगा यहीं सब सोचकर मे खुद को मौत केहवालऐ कर रही हो युसूफ डायरी पढ़ रहा था। उसके आँखों से आंसू बह रहे थे। क्या गुज़री होगीं मायरा पर। वो गुस्से मे उठा सोचा की वो शाहिद को सजा दिला कर रहेगा ऐ डायरी सबूत है। पर अचानक उसके कदम रुक गये। वो सोच मे पर गया। मायरा के खुदकुशी करने पर इतनी बदनामी होई है।

अगर ऐ बात पता चली तो अम्मी अब्बू जिन्दा मर जाइयांगे सब रिश्तेदार हमें नीची निगाहों से देखेंगे क्या इज्जत रहेगी समाज मे। सब कुछ बिखर जइयेगा जिस इज्जत को बचाने के लिए मेरी बहन ने जान दे दिया उसे भला मे कैसे उछाल सकता हुँ। यहीं सब सोचकर उसने घर के पीछे डायरी पर पेट्रोल छिरककर आग लगा दी। और जबतक खरा रहा की जबतक डायरी का एक एक पेज राख़ ना बन जाए उसे ऐसा लग रहा था। जैसे वो अपने बहन का खून कर उसका सबूत मिटा रहाआज भी दुनिया मे हज़ारो मायरा है जो अपनी जान ले लेती है और शाहिद जैसे लोग आराम से घुमते है। क्योकि बात इज्जत की खानदान की आ जाती है ज़ब किसी लड़की का रेप होता है।

तो समाज ऐसे नज़रो से देखता है जैसे इन सब की जिम्मेदार वो खुद है। समाज मे उसकी इज्जत चली जाती है। और जो ऐ हरकत करता है वो आराम से रह्ता है। भले ही हम इकश्वी सदी मे रहते है पर सोच और मानसिकता पहले जैसे ही है। जँहा रेप की जिम्मेदार लड़की होती है मुजरिम को सजा मिलते मिलते लड़की के परिजनों की हिम्मत जवाब दे जाती है और चप्पल घिस जाते है हो।


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