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Lajita Nahak

Tragedy

3  

Lajita Nahak

Tragedy

छनक पायल की

छनक पायल की

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387

जोरदार बारिश हो रही थी, सड़क पर पानी घुटने तक भरा हुआ था। बारिश की वजह से रास्ता ठीक से नजर भी नहीं आ रहा था। मनोहर जी इधर परेशान हो रहे थे क्योंकि उनकी बीवी Pregnant थी उन्हें हॉस्पिटल ले जाना था। कैसे भी करके वह हॉस्पिटल पहुँच गए। और कुछ ही देर में खुश खबरी मिली उनके घर पे माता लक्ष्मी पधारे हैं मतलब उनको बेटी हुई है। मनोहर जी और उनके बीवी विशाखा बहुत खुश थे क्योंकि शादी के 5 साल बाद यह खुश खबरी सुनने को मिली। मनोहर जी ने यह खुशखबरी अपने मांँ को दी तो वह बहुत खुश हुए आखिरकार उन्हें दादी बनने का मौका जो मिला। 2 दिन में वह हॉस्पिटल से घर गए। घर पहुँचकर देखा तो माँ, पापा, भाई, बहन सब छोटी परी की स्वागत की तैयारियों में लगे हुए हैं। जैसे ही मनोहर जी और उनके बीवी अपने नन्हीं सी जान को लेकर घर में दाखिला हुए तो मांँ ने आरती उतारी। पोती को देखकर दादी के आँखें भर आए। दादा - दादी, चाचा, बुआ सबकी लाडली बन गई थी वह छोटि सी जान। उसकी मम्मी की आने की आहट वह छोटी सी गुड़िया पहचान लेती थी उनकी पायल की आवाज़ से। वह जब भी रोती थी उसके सामने घुंघरू की आवाज़ करो तो चुप हो जाती थी। इस लिए सब ने उसका नाम पायल रख दिया। धीरे धीरे समय के चलते पायल बड़ी हो रही थी। वह जब 4 साल की हुई उसने जिद्द किया कि उसे भी अपने मम्मी जैसी पायल पहननी है, दादी ने अपनी लाडली की दिल रखने के लिए उसके लिए पायल बनवाया। पायल हमेशा इधर उधर भागती रहती थी सिर्फ अपनी पायल की छनक सुनने। उसे इस छोटी सी उम्र में dance के प्रति कुछ ज्यादा ही लगाव हो गया था। धीरे धीरे वह school जाने लगी। समय मानो जैसे रेत की तरह फिसल रहा था।देखते ही देखते पायल आज 21 साल की हो गई और college भी जाने लगी थी। वह बचपन से dance की हर competition में first आती थी। College में भी उसकी भरतनाट्यम नृत्य की सब दीवाने थे। पर पायल के पापा मतलब मनोहर जी को यह dance पसन्द नहीं था, वह school की दिनों से ही यह सब पसन्द नहीं करते थे, उन्हें अपनी बेटी बहुत प्यारी थी बस इसलिए उस वक्त dance के लिए मंजूरी दे दी थी। और देते भी कैसे नहीं क्योंकि हर काम में पायल को सपोर्ट करने दादी भी तो थी। हाँ, दादी थी वह 5 साल पहले ही गुजर गए । उनके जाने के डेढ़ साल बाद दादा जी को heart attack आया था वह भी चल बसे। पायल के चाचा की शादी हो चुकी थी, और बुआ भी शादी करके ससुराल जा चुकी थी। पायल की एक बहन भी थी मतलब उसके चाचा के बेटी, वह पायल से 7 साल छोटी थी उसका नाम प्रीति था। तो अब घर में पायल के पापा, मम्मी, चाचा, चाची और उनकी बेटी प्रीति रहती थी। उस दिन प्रीति का birthday था। घर में मेहमान आए हुए थे, इस ख़ास अवसर पर प्रीति ने अपनी दीदी पायल को भरतना्ट्यम नृत्य करने को बोला। पापा को डाँस पसन्द नहीं था इसलिए पायल ने एक नजर अपने पापा के ओर देखा उनके हां करने के बाद पायल शुरू हो गई अपना नृत्य दिखाने। इसके बाद सारे रिश्तेदारों ने पायल की बहुत तारीफ की । सारे मेहमानों के जाने के बाद पापा ने पायल को बुलाया और बोल दिया कि "school तक यह dance ठीक था, कॉलेज में यह सब नहीं होनी चाहिए पढ़ाई पर ध्यान दो तुम्हें IAS बनना है अपने future के बारे में सोचो।" पायल को भी अपने career का चिंता था। उसने भी खुद से वादा किया था उस IAS OFFICER बनना है। पर वह dance को भी कैसे छोड़ देती। बचपन से उसको dance के लिए कितने सारे trophy मिले है वह सब कैसे भुला दे। अगले दिन पायल कॉलेज गई तो पता चला कुछ ही दिनों में inter college dance competition है पर शायद वह इस बार participate नहीं करने वाली थी। क्योंकि पापा ने साफ साफ dance के लिए मना कर दिया था। पायल अपने पैरों की तरफ देखने लगी उस पायल को उसकी छनक जो उसके लिए रात की लोरी हुए करता था, सुबह की गीत आज वह उसे लोहे की बेड़ियाँ लग रही थी। अपना उदास चेहरा लेकर पायल घर पहुँची और देखा प्रीति भरतनाट्यम करने की कोशिश कर रही थी । पर उसने वह अनदेखा करके अपने कमरे में जा ही रही थी कि प्रीति ने पुकार लिया और उसे dance सीखने को बोली। वैसे तो पायल कभी भी dance सीखने के लिए मना नहीं करती लेकिन आज उसने मना कर दिया। प्रीति को लगा पायल दीदी दुःखी हैं इसलिए वह जाकर अपने मम्मी को बताया। चाची ने खाना लेकर पायल के कमरे में गए और पायल से बात की तो पता चला इस dance competition के बारे में। पायल अपने चाची को बहुत बोल रही थी कि वह पापा को बोले dance के लिए permission दे दें। चाची ने चाचा से बात की और मनोहर जी यानी अपने बड़े भाई से बात करने गए। फिर पायल के पापा ने सबकी बुलाया और डाँटते हुए बोल दिया पायल dance नहीं करेगी। सब ने बहुत समझाया तो आखिरकार मान गए थे वह। लेकिन यह भी बोल दिया था इसके बाद कोई dance नहीं । पायल बहुत खुश थी वह अपने dance के लिए कड़ी मेहनत कर रही थी। एक दिन पायल के dance practice करते समय उसके पापा आ गए और बोलना शुरू कर दिया सिर्फ dance पर ध्यान मत दो पढ़ाई भी करनी है याद रखना। अब बस 2 दिन बचे थे dance competition को।

प्रीति को जैसे पहले ही मालूम हो competiton तो पायल दीदी ही जितने वाली है। इधर कुछ शुरू हुआ नहीं कि उधर प्रीति जीत की पार्टी के लिए उत्साह थी। उसने सब तय कर लिया था dance competition के बाद वह कैसे celebrate करेंगे। Finally वह दिन आ चुका था जिसका पायल और प्रीति को बेसब्री से इंतीज़र था। पायल college पहुंची । प्रीति अपने मम्मी के साथ पायल के कॉलेज गई हुई थी पायल की डांस देखने। जैसे स्टेज पर पायल का नाम announce हुआ audience ताली बजाने लगे । फिर शुरू हुआ उसका डांँस । पायल की dance देखकर वहांँ आए हुए लोग उसकी बहुत तारीफ की। और आखिर में पायल यह competition भी जीत गई थी। उसकी dance देखकर वहाँ आए हुए Mr.Mehta अपने dance academy की तरफ से state level dance competition में पार्टिसिपेट करने के लिए पायल को बोला । यह सुनकर पायल जैसे आसमान में उड़ रही थी। यह बात अपने चाची और प्रीति को बताने वह भागते हुए उनके पास जा रही थी एक हाथ में वह जीती हुई ट्रॉफी और दूसरे हाथ में अपने Mr.Mehta की दी हुई visiting card, उसने देखा कॉलेज के बाहर सड़क के उस पार चाची और प्रीति खड़े थे। वह दौड़ कर रॉड क्रॉस कर ही रही थी अचानक एक गाड़ी ने पायल को टक्कर मार दिया। उसके हाथ से वह trophy और visiting कार्ड दोनों उड़ कर दूर जाकर गिरी। इधर पायल सड़क पर उछल कर गिरी और उसके पैरों के उपर से गाड़ी चढ़ के निकल गई। चाची और प्रीति रोड के उस तरफ खड़े हुए थे उनके आंखों के सामने यह सब हो गया। पायल बेहोश ही चुकी थी उस हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। हॉस्पिटल पर सारे घर वाले पहुंच चुके थे। पायल को होश आया तो उसने अपने आप को हॉस्पिटल में पाया। आंख खुली तो सारे घर वाले सामने खड़े थे। उसने अपने मम्मी को बोला मम्मी मैं competition जीत गई और मुझे Mr.Mehta ने बोला है मैं उनकी एकेडमी के तरफ से state level dance competition में हिस्सा लूँ। उसकी मम्मी रोए जा रही थी। पायल जब बेड से उतारने की कोशिश करी उसे अपने पैरों का ना होना महसूस हुआ उसने जब अपने ऊपर से bedsheet उठाया तो देखा उसकी पैर घुटने से कटे हुई है। वह ये देख के कुछ समय के अचंभित रह गई । और टेबल पर रखे हुए उसकी वह पायल को हाथ में लेकर उन्हें सहलाने लगी और जोर जोर से रोने लगी। Doctor ने बताया accident की वजह से उसकी दोनों पैर बुरी तरह से टूट चुके है और कभी जुड़ नहीं सकते इसलिए उन्हें काटना पड़ा। हॉस्पिटल से discharge हो कर वह घर गई। अब शायद उसे पूरा जीवन पायल को व्हील चैर पर ही बिताना होगा। पायल की मम्मी उसको उसके कमरे में लेकर गई। उसके आंखों के सामने वह सारी ट्रॉफी को देख रही थी जो वह डांस कॉम्पटीशन में जीता था। वह उस ट्रॉफी को देखकर आज खुश नहीं थी गुस्से से आग बबूला हुए जा रही थी। क्योंकि वह कभी भी dance नहीं कर सकती थी। वह पायल की छनक जो पहले उसकी दिल को सुकून दिलाती थी अब वह पायल की छनक उसे बेचैन कर रही थी। घर में जो पहले पायल पहन कर घूमती रहती थी अपनी नृत्य से सबको विमोहित कर दे देती थी आज वह नाचना तो दूर खुद से उठ भी नहीं सकती थी। जो पायल पहनने को तरसती थी आज उस पायल पहनने को उसके पैर ही नहीं है। आज उस घर में वह पायल की छनक कहीं खो गई है। 



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