STORYMIRROR

Raj Aryan

Abstract

3.0  

Raj Aryan

Abstract

चेहरा

चेहरा

3 mins
254


 मैं 18 वर्ष की हो गई थी और कॉलेज जाना शुरू किया था। मेरे पिताजी मुझे रोज़ कहते थे " तुम किसीसे भी शादी करो मगर शादी तो करो "। मैं रोज़ अपना सिर हिलके "जी " कहती थी । 


ये सब चल ही रहा था कि एक दिन यश शर्मा कॉलेज में दाखिल हुआ । वह देर से दाखिल हुआ था क्योंकि उसके माता पिता गुजर गए थे और उसका इस दुनिया में कोई नहीं था । वह बाहर में काम करता था और पढ़ाई भी करता था । मुझे वह बहुत पसंद आया और एक आम लड़की की तरह उसको मैने मेरे लिए प्यार जगाया ।  


अब हम दोनो एक दूसरे से प्यार करने लगे थे । 

हमारे कॉलेज में एक और लड़का था ' रवी ' । उसे मैं पसंद थी पर मुझे वो पसंद नहीं था । मुझे उसका चहरा पसंद नहीं था । रवी, यश का बहुत ही नजदीकी दोस्त था । रवी और यश की आवाज एक जैसी थी । यहाँ कॉलेज खत्म हुआ और मेरी और यश की शादी तय हुई। हम दोनो की शादी बहुत धूम -धाम से हुई । 


1 साल बाद मैं और यश एक दूसरे के साथ खुश थे । सब ठीक था । यश मुझे छुट्टियों में घुमाने ले जाता था । यश अच्छा पैसा कमा लेता था । उसका खुद का रेस्टोरेंट था । एक दिन यश घर से निकला और घर नहीं लौटा । मैने पूलिस कंप्लेंन की मगर यश नहीं मिला । 


1 महीने बाद अचानक से दरवाजे़

पर दस्तक हुई । मैने दरवाजा खोला और वो वही चहरा था यश का । मैं देखते ही खुश हो गई । यश से पूछने से पहले ही उसने कहा कि उसका मोटर दुर्घटना हो गया था और फोन भी टूट गया था और उसे मेरा फोन नंबर याद नहीं था इसलिए वह मुझसे बात नहीं कर पाया । मैने उसे माफ कर दिया और बहुत खुश हो गई । 


50 वर्ष बाद , 

मैं अपनी आखरी सास ले रही थी और मेरे साथ हॉस्पिटल में यश था । उसने मुझे जीवन भर बहुत प्यार दिया और मैने उसे उसका शुक्रिया अदा किया । 

उसने कहा कि ' मैं यश नहीं हूँ , मैं रवी हूँ ' । मैं अचम्भीत हो गई और मैने उसे बोला ' क्या' ..

रवी ने बताया की यश की मौत 50 साल पहले ही हो गई थी । उसने कहा " यश को केंसर था और उसका ऑपरेशन फेल हो गया । यह बात वो तुम्हे नहीं बताना चाहता था क्योंकि वो तुम्हे खुशियों से भरा जिंदगी देना चाहता था । ऑपरेशन से पहले यश ने मुझे कहा की "अगर मैं नहीं रहा तो तुम मेरी बीवी का ख्याल रखना।" इसलीए मैने प्लास्टिक सर्जरी करवाया और मैने तुम्हे बेइन्तेहाँ मोहब्बत दी । अगर कोई गलती हुई हो तो माफ़ कर देना "।


रवी की बात खत्म होते ही मेरी सांस रुक गई । मरने के बाद भी मेरा जिस्म सोचता है कि मुझे यश से प्यार था या उसके चहरे से ? 



Rate this content
Log in

More hindi story from Raj Aryan

Similar hindi story from Abstract