STORYMIRROR

Prabodh Govil

Drama

2  

Prabodh Govil

Drama

बसंती की बसंत पंचमी- 7

बसंती की बसंत पंचमी- 7

2 mins
111

जॉन कुनकुनवाला अपने कॉलेज की कैंटीन में बैठा किसी का इंतजार कर रहा था। उसने एक बड़ी सी टेबल को बुक कर रखा था और उसके चारों तरफ़ कुछ एक्स्ट्रा कुर्सियां लगवा कर कुछ लोगों के बैठने की व्यवस्था कर रखी थी।

कुछ देर बाद ही जॉन अपनी चार- पांच फ्रेंड्स से घिरा हुआ था। वो सब बातों में तल्लीन थे और ऑर्डर दिया जा चुका था। जॉन ने केवल लड़कियों को ही इस पार्टी में बुलाया था पर एक लड़की अपने साथ अपने बॉय फ्रेंड को भी ले आई थी।

इस तरह जॉन और आर्यन के साथ सभी लड़कियां घेरा बना कर बैठी थीं और जॉन की बात ध्यान से सुन रही थीं।

जॉन की आवाज़ इस तरह आ रही थी मानो वो कोई ख़ुफिया प्लान डिस्कस कर रहा हो। आर्यन और बाकी लड़कियां उसकी बात अविश्वास पर इंटरेस्ट से सुन रहे थे।

जॉन क्या बोल रहा था, इस बात से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि जल्दी ही ऑर्डर के आइटम्स एक एक करके आने लगे थे। उधर वेटर धुआं उड़ाती ट्रे से उठा उठा कर प्लेट्स टेबल पर रख रहा था, और इधर इधर चटखारे लेकर सब मित्र अपनी अपनी प्लेट का कब्ज़ा संभालने में लगे थे। आखिर थे तो सब बच्चे ही! जब सबकी मनपसंद डिशेज आने लगीं तो सब कुछ भूल कर खाने में जुट गए।

पार्टी तो जॉन दे रहा था, उनकी क्लास में पढ़ने वाला उनका फ्रेंड। आर्यन भी जॉन की क्लास का न सही, पर था तो उन्हीं के कॉलेज का स्टूडेंट।

कुछ देर बाद सब इस तरह बाहर निकल रहे थे मानो पूरा प्लान तैयार है...(जारी)



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama