बीवी भाग गई
बीवी भाग गई
पूरे ऑफिस को पता चल गया था कि निखिल की बीवी उसे छोड़कर चली गई पर लोगों के लिए यह बात कि बीवी भाग गई किसी सनसनी खबर से कम नहीं थीं। कुछ दिन फिर हफ्ता और एक महीना कब तक छुपाता, आखिर सबको पता चल ही गया। पहले रिश्तेदारों, पड़ोसियों और अब ऑफिस वालो को कि छह महीने की शादी इस तरह फनाह हुई जैसे सुनामी की तबाही। निखिल के माँ-बाप देहरादून में रहते थीं। कुछ समय निखिल के साथ रह और दूसरी शादी की नेक सलाह देकर चले गए। रिश्तेदारों और पड़ोसियों को तो वह शुरू से भाव नहीं देता था। इसीलिए उनकी बात बेपरवाह लहजे से सुनकर भी नही सुनता था। अब बात ऑफिस की जहाँ आठ-दस घंटे तो बिताने ही हैं। उसके आते ही चपरासी से लेकर उसके साथी भी मजाक करने से नहीं चूकते थे।
विनय और शेफाली कहते, “यार निखिल तू तो बड़ा पतिव्रता था, सारे घर के काम करता था। तेरा तो कोई चक्कर भी नहीं था “ फिर क्या हुआ?"
तू तो हनीमून पर सिंगापुर या मलेशिया भी ले गया था। यार! कितनी सेक्सी और हॉट कपललग रहे थे। फिर मेघा क्यों भाग गई? शेफाली भी बोल पड़ी।
पूजा ने तो एक दिन लिफ्ट लेने के बहाने कह भी दिया "कहीं और चक्कर तो नहीं था, पता करों।"
निखिल कोई जवाब नहीं देता बस हाँ-हूँ कहकर लोगों को अनसुना कर दिया करता था। वो पहले भी ऑफिस में ज्यादा नहीं बोलता था और अब बिलकुल चुप। एक दिन तो बॉस ने बुलाकर निखिल को ऐसा लपेटा जैसे बीवी न भागकर उसे एड्स हो गया हो।
बॉस बोले, "क्या बात हैं निखिल? क्या तुम अपनी बीवी को मारते थे ?"
"नहीं सर कैसी बात कर रहे हैं आप? आप मुझे जानते नहीं हैं क्या? आपको मैंने मेघा से मिलवाया था, उससे मिलकर लगा ऐसा कि मैंने उसे कभी कुछ कहा होंगा।"
"फिर तो निखिल, मैं तो यही कहूँगा कि बीवियों को ज्यादा छूट नहीं मिलनी चाहिए। उनकी लगाम थोड़ी कसकर रखो, अच्छा बेटा अब मैं तुम्हे क्या कहो?"
"कुछ नहीं कहिए सर।" निखिल चुपचाप यह कहकर बाहर निकल गया।
'मिस्टर बेचारा, लल्लूलाल और जोरू का गुलाम, बनाम लुटा शाहजहाँ' आदि जुमले और गाने गाकर सब उसे चिढा़ते थे। पर वो केवल अपना काम करता और ऑफिस से निकल जाता। एक दिन जब रमेश की पार्टी थी तो बहुत मना करने पर भी पब ले गए और बोले, "पी ले निखिल, देवदास जितना पीना है पी।" निखिल भी फ्री की दारू पीता जा रहा था और सोच रहा था कि इन्हीं कमीने लोगों ने मेरी शादी में फ्री की दारू पी और सगन भी नहीं दे गए। कमीने आज हिसाब करों इनका।
“यार निखिल, एक बात बता, देख तुझे तेरी भागी हुई बीवी की कसम" रजत ने लगभग यह बात निखिल पर गिरते हुए बोली तो वो भी गुररराते हुए बोला," पूछ क्या बात हैं?"
"देख!भाई, अगर कोई सेक्स की प्रॉब्लम है, तो बोल मेरा मतलब अगर जेंट्स प्रॉब्लम हैं तो बता हम किसी को नहीं कहेंगे। बल्कि बंगाली बाबा हैं,मेरी जान पहचान के। बीवी कैसे खुश होती हैं, सब बढ़िया से समझायेंगे ।"
निखिल की दारू उतर चुकी थी। वह अपने दोस्तों को धक्का देते हुए बोला "कल बात करते हैं।"
अगले दिन दोपहर को कैंटीन में जब सब ऑफिस कर्मचारी बेठे हुए थे तो निखिल बोला, दोस्तों मुझे एक महीना से ज्यादा हो गया यह देखते हुए कि बीवी मेरी भागी पर अफ़सोस मुझसे ज्यादा आपको हैं। हाल फिलहाल मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि मेरी बीवी क्यों चली गई। दरअसल हुआ यूँ कि उसके माँ-बाप ने उसे बहुत नाज़ों से पाला उसे कोई कमी नहीं दी। पर “चार लोग क्या कहेंगे” यह कहकर उसके सपने तोड़ दिए। जो लड़की तीन साल की उम्र से अच्छा गाती थी और एक दिन बड़ी सिंगर बनना चाहती थी। उस लड़की की शादी मुझ जैसे एम.बी.ए. वाले बोरिंग से करवाकर उसके सपनो की तिलांजलि दे दी । जब एक दिन उसने मुझे यह बताया तो मैंने उसे आज़ाद कर दिया ताकि वो अपना सपना पूरा कर सकें। मुझ जैसे बेचारे देवदास पति की कामना आज यहाँ बैठी हर लड़की को हैं। मगर मेरी बीवी भाग गई उसमे कमी मेरी हैं। मेरी सेक्स लाइफ सुधारने का लेक्चर देते हुएँ दोस्तों से कभी पूछे कि उनकी बीवियाँ उनसे जान छुड़ाने के लिए कितनी तैयार हैं। बस यह कहकर निखिल एक जाबाज़ सिपाही की तरह बिना पीछे देखे कैंटीन से बाहर निकल सीधा अपनी सीट पर आ गया।
इस बात को एक महीना और बीत गया है । सब ऑफिस के लोग लंच में अपनी बीवियों से कुछ न कुछ बनवाकर निखिल के लिये लाते हैं। अब उसे नहीं सुनाई पड़ता कि कोई कह रहा हो कि “बीवी भाग गई।“