मन की आवाज सुनो!
मन की आवाज सुनो!
श्रीनिवास अपने कमरे में बैठा, डेल कार्नेगी की क़िताब 'द लीडर इन यू' पढ़ रहा था, तभी उसकी माँ ने उसे आवाज़ लगाई शिरू बाबा बुला रहे हैं, उसने घड़ी में टाइम देखा, किताब बंद कीІ और एक लम्बी गहरी साँस ली और धीरे-धीरे कदमों से बाहर बरामदे में बैठे पिताजी की पास आकर बोला, "जी बाबा, आपने बुलाया? " उसके बाबा ने हाथ में पकड़ा चाय का कप नीचे रखा, और उसे घूरते हुए बोले, "बैठो" І वह पास रखी चेयर पर बैठ गया, और उसके बैठते बाबा बोल पड़े, तुम्हें एक साल हो गया है,कॉलेज के बाद इंटरशिप भी किए हुए, मगर तुम नौकरी क्यों नहीं करते? जिस कंपनी ने तुम्हें जॉब दी थीं, वह ऑफर भी तुमने ठुकरा दिया І आखिर तुम्हारे दिमाग में चल क्या रहा है? बाबा की आवाज़ तेज़ हो गई और उनकी आवाज़ को सुनकर माँ आ गईІ श्रीनिवास ने अपने बाबा को देखा, फ़िर थोड़ा सोचकर बोला," मुझे नौकरी नहीं करनी, मुझे इंटर्नशिप करके लगा कि मैं नौकरी करने के लिए नहीं बना हूँ І"
"फ़िर क्या करना चाहते हो, तुम्हारे बाप की सरकारी नौकरी है,इसका मतलब यह नहीं कि तुम मेरी कमाई पर ऐश करो І रिटायरमेंट के बाद में और तुम्हारी माँ वापिस कोलकता अपने पुराने घर जाकर रहने वाले हैं І उस दो कमरों के मकान में तुम भी अपने बीवी-बच्चो के साथ रहोंगे क्या?" बाबा की आवाज़ में गुस्सा है І माँ ने पानी का गिलास बाबा को दिया और कहा, "शांत रहिये, आप बीपी की गोलियाँ खाते हैं І"
"बाबा मैं, कोई अपना स्टार्टअप खोलना चाहता हूँ І मेरा मतलब है कुछ ऐसा जिसे करकर मुझे ख़ुशी हो और कल को जब मैं आपकी उम्र तक पहुँचूं, तू मुझे एक आत्मसन्तुष्टि हूँ І बाबा और माँ उसे लगातार देखते रहे हैं और माँ,बाबा पहले से ही बोल पड़ी, " श्रीनि,कुछ सोचा है? या फ़िर सब हवा में है І तुम अपने बाबा को साफ़-साफ़ बताओ कि तुम करना क्या चाहते हो? श्रीनिवास समझ गया कि माँ उसे बाबा के गुस्से से बचाना चाहती हैंІ
माँ उसी में लगा हुआ हूँ, बस आप लोगों को जल्द ही बता दूंगा І
तुम्हारे पास छह महीने है, कुछ नया शुरू करो या मैं तुम्हारी नौकरी के लिए अपने ऑफिस के दोस्त मनोहर से बात करूँगा І समझें, यह कहते ही बाबा उठ खड़े हुए और माँ भी श्रीनिवास के सिर पर प्यार से हाथ रखकर चली गई І
बाबा भी अपनी जगह गलत नहीं है, वे भारत 'सरकार के टूरिज्म विभाग में सुपरवाइसर है І वो हमेशा से ही कोलकत्ता में ही नौकरी करना चाहते थें, मगर किस्मत उन्हें दिल्ली ले आई І यहाँ कि आबो हवा उन पर इतनी हावी हो गई है कि वे बंगाली बोलना भूल चुके हैं І यही बात उन्हें कचोटती है, उन्होंने सोच लिया है कि बेटा नौकरी करके कहीं भी बस जाएँ, वह वापिस कोलकत्ता जाएंगे І उन्होंने मुझ पर और मेरी बहन मनोरमा पर काफ़ी पैसा लगाया है І मनोरमा तो पिछले साल किसी इंजीनियर से शादी करके न्यूयोर्क में ही सेटल हो गई थीं І अब बचा मैं, तो जाहिर सी बात है,मेरे पीछे ही पड़ेगे І
यही सब सोचते हुए वह अपने कमरे में गया और अपने दोस्त रोहित गुप्ता यानी अपने प्यारे मच्छर को फ़ोन करने लगा І लगातार घंटी बजने के बाद उसने फ़ोन उठाया और बोला,
"कहाँ है, तू? कितने महीनो से बात नहीं हुई,"
"यार ! मेरी नौकरी लग गई है І सारा दिन गधो की तरह लगा रहता हूँ І"
"अरे ! मेरे दिमाग में कुछ चल रहा है, आज रात मुझे जंकयार्ड कैफ़े में मिलІ
देखता हूँ, (उबासी लेते हुए)І"
"ड्रामे मत मार , मैं लम्बू को भी कॉल करने वाला हूँІ"
"ठीक है" कहकर उसने फ़ोन रख दियाІ
रात को ठीक नौ बजे दोनों दोस्त कैफ़े के बाहर मिलें, और लम्बू का इंतजार करने लगें І मगर लम्बू का कोई दूर-दूर तक कोई नामों-निशान नहीं थाІ श्रीनिवास ने उसे पब्लिक बूथ से फ़ोन भी किया, मगर उसका फ़ोन नहीं मिलाІ तब वह रोहित की तरफ देखता हुआ बोला," चल मैं, बात शुरू करता हूँІ एक काम करते है,अंदर बैठकर बातें करते हैंІ रोहित ने कैफ़े के अंदर जाने का ईशारा कियाІ दोनों कैफ़े के अंदर पहुचे, कैफ़े में ज़्यादा भीड़ नहीं थींІ दोनों ने एक कोने में रखा टेबल देखा,और वहाँ जाकर बैठ गए І हाँ यार, अब बता, तुझे तो पता ही है कि ऑफिस से कैसे थका हुआ आया हूँІ हिम्मत ही नहीं थीं, मगर अपनी पुरानी दोस्ती मुझे यहाँ खींच लाईІ उसने हँसते हुए कहा तो श्रीनिवास भी उसे देखकर हँसने लगाІ
यार! मैंने सोचा है, मैं अपना ख़ुद का कुछ शुरू करो और मुझे तुम दोनों का साथ चाहिएІ मेरा मतलब है, हम तीनों पार्टनर्स बन सकते हैंІ श्रीनि ने गहरी सांस लेते हुए कहा तो रोहित उसे देखते हुए बोला,"करना क्या है? कुछ सोचा है?" हाँ, मैं अपनी कॉलोनी के प्रदीप से मिला था, वह बेचारा मेडिकल कॉलेज में रैंगिंग का शिकार होकर डिप्रेशन में चला गया थाІ और उसके एक दोस्त ने भी पढ़ाई का तनाव न झेलते हुए आत्महत्या कर ली थींІ और कॉलेज की एक लड़की रैगिंग के कारण शोषण का शिकार हुई और इसी शर्म और डिप्रेशन के कारण उसने बिस्तर पकड़ लिया І एक बारहवीं के बच्चे को उसके दोस्त ने सिर्फ़ इसलिए मारा क्योंकि वो उसकी दोस्त को मन ही मन पसंद करता थाІ
यार! तू ये सब मुझे क्यों बता रहा है? रुक, ज़रा मैं कुछ आर्डर कर दो, तेरी ये सब बातें सुनकर मेरा गला सूख रहा हैІ यह सब कहते हुए उसने वेटर को ईशारा किया और कुछ ड्रिंक्स का आर्डर दियाІ तू कहना क्या चाहता है? मैं एक रेडियो एफ़.एम. खोलना चाहता हूँ, जो लोगों के मन की बात को दुनिया तक पहुँचायेगा І यानी सबसे पहले हम यूथ को टारगेट करेंगे, जो अपने सपने, अपने जीवन और देश से आकांक्षाएँ, दुनिया के साथ बाटेंगा І आजकल स्ट्रेस दिनों-दिन बढ़ता जा रहा हैІ और इन्हीं सब के चलते युवा वर्ग के मध्य आत्महत्या के मामले काफ़ी हद तक सामने आ रहें हैं І हम उनकी प्रॉब्लम को सुनेगे और उनकी समस्याओं का समाधान भी करेंगेІ श्रीनि एक ही साँस में सब बोल गयाІ
वाह ! यार तूने तो सब सोच लिया है, पर लेकिन ये सब होगा कैसे ? रोहित ने ड्रिंक पीते हुए सवाल कियाІ
श्रीनि ने उसे घूरते हुए देखा और कहाँ, हमने इंजीनियर कॉलेज में क्या सिर्फ नेता बनने गए थेंІ
मैं और तू पहले फ्रीक्वेंसी खोजने का काम करेंगे, और उसके बाद सरकार से हमारे चैनल को मान्यता दिलवाने के लिए थोड़े धक्के खायेंगे І
और मैं कहां जाऊँगा? यह सुनते ही दोनों ने पीछे मुड़कर देखा तो अमित खड़ा थाІ
अरे ! लम्बू तू? हमें तो लगा कि दोस्त हुए पराए І
ऐसा कैसे सोचा तूने, मेरे बापू ने अपनी फैक्ट्री में फँसा रखा है, मुझे भी तो आज़ादी चाहिएІ अमित ने रोहित के हाथ से ड्रिंक लेते हुए कहाІ
पर मैं,फिलहाल नौकरी ' नहीं' छोड़ सकताІ मेरे घर के हालात कुछ ठीक नहीं हैंІ रोहित ने दोनों दोस्तों को देखते हुए कहाІ
अबे ! मच्छर, तेरे घर में एक बूढ़ी माँ है, दो जवान बहनें हैं, जिनकी शादी करनी है І ये कहकर दोनों ज़ोर से हँसने लगेंІ
फ़िर श्रीनि गंभीर होते हुए बोला," मैं कल से नए-नए आए इंटरनेट के माध्यम से हर जगह अपने रेडियो का कंटेंट बाँटना शुरू करने वाला हूँ, ताकि हम ऑडियंस को कनेक्ट कर सकेंІ दोनों ने श्रीनि के कंधे पर ख़ुशी से हाथ रख दियाІ तभी वेटर उनकी टेबल पर बर्गर रखकर चला गयाІ रोहित ने बर्गर मुँह में डालते हुए कहा कि ऋतु को भी अपने साथ जोड़ लेते हैंІ क्यों श्रीनि? यह सुनते ही श्रीनि मुँह में बर्गर डालते-डालते रुक गयाІ और वह दोनों को देखते हुए बोला, मेरा और ऋतु का ब्रेकअप हो गया हैं І क्यो? तुमने तो मरने-जीने की कस्मे खाई थीं І और तो और तुम्हें देखकर तो यशचोपड़ा ने रोमांटिक फिल्मे बनानी शुरू की थीं І यह कहकर दोनों श्रीनि का मज़ाक उड़ाने लगेंІ मच्छर,लम्बू सालों चुप करो І
पता नहीं यार! आख़िर ये लड़कियाँ, क्या चाहती हैं? उसे लगा, मैं नौकरी और अपने फ्यूचर के लिए ज़्यादा गंभीर नहीं हूँ І और उसके अलग ही सपने है, और शायद मैं उन सपनों में कहीं फिट नहीं होता І श्रीनि का कहते हुए मुँह उतर गया І और दोनों उसे हमदर्दी से देखने लगे І थोड़ी देर ख़ामोश रहने के बाद श्रीनि फ़िर कहने लगा, "मेरे बाबा ने मुझे,सिर्फ़ छह महीने दिए हैं, अगर मैंने कुछ नहीं किया तो फ़िर मेरी किस्मत में नौकरी हैІ तू परेशां मत हों, कुछ न कुछ हो जायेगा І अमित ने उसके कंधे पर हाथ रखा І कुछ देर बाद तीनों बात करके निकल गए І बाय ! लम्बू बाय! मच्छरІ यह कहकर श्रीनि बस स्टॉप की तरफ चला गया І और वो दोनों स्कूटर पर निकल गए І बस में जाते हुए, श्रीनि को ऋतु और उसकी बातें याद आती गईІ और वो अपना ध्यान हटाने के लिए खिड़की से बाहर देखने लगा І कुछ दिनों बाद उसे ऋतु की एक सहेली मिली, जिसने उसे बताया कि वह कम्पनी की तरफ़ से अमेरिका निकल चली गई हैं І और वापिस आने की भी कोई उम्मीद नहीं हैंІ ब्रेकअप होने के बावजूद उसे यह बात बुरी लगी कि अब वो कभी ऋतु को नहीं देख पायेगाІ
दिन बीतते गए, श्रीनि ने नए-नए आये इंटरनेट का कनेक्शन सबसे पहले अपने घर में लिया І फ़िर हर जगह अपने रेडियो,जिसका नाम '113. 4 मन की आवाज सुनो' रखा, उसके बारे में लिखना शुरू किया І फ़िर तीनों फ्रेक्वेंसी को ढूँढ़ने लग गए, तीनों ने ट्रांसमीटर की मदद से यह काम करना शुरू कर दिया І कई दिनों की मेहनत के बाद उन तीनो को सफलता मिली और ज़्यादा नहीं, तो 10 किलोमीटर की रेंज तक, उन्होंने अपने एफ.एम. को पहुँचाया І पर एफ.एम पर प्रोग्राम देने की शुरुआत श्रीनि ने की І क्योंकि बाकी दोनों के पास समय का आभाव था, और श्रीनि कॉलेज के दिनों से ही एक अच्छा वक्ता था І उसने शुरू में रैगिंग पर बात की, उसने अपने अनुभव और बाकी कॉलेज स्टूडेंट्स के अनुभव अपने प्रोग्राम में शामिल किएІ
और उनकी आवाज़ को स्थानीय प्रशासन तक पहुँचाया, ताकि रैगिंग पर कोई सख़्त कारवाही की जा सकें І शुरू के चार महीनों में उसने महसूस किया कि उसका एफ.एम उतना प्रभाव नहीं छोड़ रहा, जितना कि उसने सोचा था, क्योंकि गानों की कॉपीराइट लेना भी ज़रूरी है, मगर ये सब इतना आसान नहीं है І और तो और वह अकेला सबकुछ संभाल नहीं सकता І उसे नई आवाजें भी चाहिए और गाने भी चाहिए І इसलिए उसने सबसे पहले अपने कॉलोनी के लोगों से बात कर उन लोगों को बोलने के लिए प्रोत्साहित किया, जो रेडियो पर बोलने की इच्छा रखते थें और साथ ही अच्छा गाते और बजाते भी थें І उसने काफ़ी लड़के-लड़कियों को बोलने का मौका दियाІ फ़िर जब एक दिन उसे कई कॉलेज के बच्चों ने बताया कि उसने जो रैगिंग और नशा मुक्ति पर प्रोग्राम दिया था, उसे उनके जीवन में सकरात्मक बदलाव आए हैंІ यहाँ तक कि उनके कॉलेज प्रशासन ने भी उनका साथ दिया हैІ उस दिन उसे लगा कि वह अब पीछे नहीं हट सकताІ
देखते ही देखते छह महीने, छह साल में बीत गए І लम्बू और मच्छर ने भी अपनी नौकरी और फैक्ट्री छोड़ दीं और पूरी तरह एफ.एम. को चमकाने में लग गए І उनका प्रोग्राम 'कॉलेज के दिन', जिसमे श्रीनि ने सबसे पहले अपने कॉलेज के दिनों का जिक्र किया और लोगों को उस चुनाव, राहुल और स्पीच की बातें बताई तो उसके प्रोग्राम की रेटिंग इतनी बढ़ी कि उनका एफ.एम दिल्ली के टॉप पांच एफ.एम में शामिल हो गयाІ और उस दिन के बाद से तीनों दोस्तों ने पीछे मुड़कर नहीं देखाІ अब उन्होने दिल्ली के साउथ एक्स में अपना ऑफिस खोल लिया हैंІ और श्रीनि, रोहित और अमित एफ.एम. के सी.ई.ओ. बन गएІ
अब हर तरह के लोग इनके एफ.एम से जुड़ चुके हैं, इन्होंने महिला, बच्चे, बूढों और जवानों के लिए अलग-अलग प्रोग्राम देने शुरू कर दिएІ इससे काफ़ी लोगों को रोज़गार मिला है, साथ ही युवा बच्चों को इंटरशिप करने का मौका मिला हैІ उनके दूसरे प्रोग्राम, 'इंजीनियरो की दुनिया', 'सपनों की उड़ान' और 'यंगिस्तान' काफ़ी हिट हैІ इनकी रेडियो जॉकी भी लोगों के बीच काफ़ी प्रसिद्ध हो चुकें हैंІ मगर श्रीनि रोज़ रात को 10 से 11 "बातें अनकही" प्रोग्राम ज़रूर करता हैІ इस प्रोग्राम में वो उन लोगों की बातें सुनता है, जो अपने प्रेम का इज़हार नहीं कर पाए, या कोई ख़ास बात किसी ख़ास इंसान से नहीं कह पाए І इस प्रोग्राम की ख़ास बात यह हैं कि इसमें लोग आख़िर में अपना नाम बताते हैं, उसका यह प्रोग्राम भी काफ़ी हिट हैंІ
उनकी इस एफ.एम के सफ़र के आठ साल बीत चुके हैंІ और कल उसके पापा की रिटायरमेंट पार्टी हैं І और उसकी सोनाली के साथ सगाई भी है І आख़िर उसने माँ -बाबा की पसंद से शादी करने के लिए हाँ कर दी , वैसे भी सोनाली अच्छी लड़की है, एक न्यूज़ चैनल में पी.आर. का काम करती हैंІ श्रीनि और उसकी पसंद भी काफ़ी मिलती-जुलती हैं І मच्छर और लम्बू की शादी भी हो चुकी हैंІ अब उसका नंबर हैंІ आज रात उसका प्रोग्राम है, अमित ने उसे कहा भी कि वह आज का प्रोग्राम किसी और रेडियो जॉकी को दें देंІ मगर उसने मना कर दियाІ
"दोस्तों घड़ी की सूइयाँ 10-45 बजा रहीं हैं, और मुझे यकीन है कि हल्की-हल्की बारिश आप सभी के मन को गुदगुदा रहीं होगीІ अब इस गाने के बाद हम एक आख़िर कॉलर लेंगे, मैं हूँ श्रीनि और आप सुन रहें हैं, 113.4 पर बाते अनकहीІ और फ़िर 'गाना; यह रात भीगी भागी, यह मस्त हवाएँ' चलने लगाІ गाना ख़त्म होने के बाद उसने बोलना शुरू किया, दोस्तों हमारे साथ एक कॉलर जुड़ रहें हैं, जी बताएँ, और कॉलर ने बोलना शुरू करता है…..
मुझे लगता है कि बहुत देर चुकी है, पर अगर आज यह बात नहीं कह पाई तो शायद कभी नहीं कह पाऊँगी, क्योंकि इस तरह की बेख़ौफ़ हिम्मत रोज़-रोज़ नहीं आतीІ मैम,आपने बिल्कुल सही कहाІ आप निडर होकर अपनी बात बताएं, श्रीनि के चेहरे पर मुस्कराहट हैं І
मुझे लगता था कि मैं अपने पहले प्यार को भूलकर जिंदगी में आगे बढ़ जाऊँगीІ और मैं आगे बढ़ते हुए काफ़ी दूर भी निकल गई थींІ और इस सफ़र में मुझे नया हमसफ़र भी मिल गया था, मगर जब जीवन में मुश्किल वक़्त आया तो सबने साथ छोड़ दिया, फ़िर उस इंसान की याद आई, जिसका साथ मैंने छोड़ा थाІ उस दिन महसूस हुआ कि सच्चा प्यार और सच्चा साथ बड़ी मुश्किल से मिलता हैंІ उसकी कदर करनी चाहिएІ मैम, अपने बारे में कुछ बतायेंगी І मैंने इंजीनियरिंग की है, कुछ साल अमेरिका में रहकर नौकरी की, अपनी पसंद के लड़के से सगाई भी कर लींІ सबकुछ अच्छा चल रहा था, तभी एक हादसे ने मुझे व्हीलचेयर पर पहुँचा दिया और सहारे की जरूरत पड़ी तो अपनी पसंद भी साथ छोड़ गईІ एक साल तक अपनी बीमारी से लड़ते हुए,जिस दिन अपने पैरो पर खड़ी हुई,उस दिन भारत वापिस आ गईІ श्रीनि ने रेटिंग के डिब्बे को देखा तो वह हैरान हुआ कि आज प्रोग्राम की रेटिंग पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ रहीं हैं І मैम, अपना नाम औरअपने उस ख़ास का नाम भी बताए, क्योंकि हमारे लिसनर आपकी बात को बहुत ध्यान से सुन रहें हैं І
मेरा नाम ऋतु है, और श्रीनि आई.एम.सॉरी, मैं तुम्हारे प्यार को समझ न सकीं І और जब ज़िन्दगी के उस मोड़ पर पहुँची, जहाँ से पीछे मुड़कर देखा तो कोई नहीं था, तब तुम्हारी बहुत याद आईІ आई नू आई एम सेल्फिश पर फ़िर भी आई.मिस.यू. एंड आई.लव.यू, श्रीनिवास राऊ І यह कहते हुए ऋतु रोने लगीІ यह सुनते ही श्रीनि को यकीन नहीं हुआ कि यह ऋतु है, उसकी ऋतु हैІ उसे लग तो रहा था कि आवाज़ जानी-पहचानी है, मगर उसने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि यह ऋतु होगी І उसने ख़ुद को सँभालते हुए कहा," तुमने सही था कि बहुत देर हो चुकी हैंІ दोस्तों, एक गाने के साथ अपना प्रोग्राम ख़त्म करते हैं, आपसे फ़िर मुलाक़ात होगीІ तब एक लिए शुभ रात्रि, गुड नाईटІ" और गाना शुरू, " छोड़ो न मुझे यूँ बेक़रार सा, कर भी दो इज़हार तुम अपने प्यार का….
श्रीनि कई घंटो तक स्टूडियो में बैठा, ऋतु के बारे में सोचता रहाІ और फिर स्टूडियो से बाहर निकला तो रोहित को देखकर हैरान हो गयाІ
क्यों मच्छर ? इतनी रात को क्या कर रहा है? तेरा प्रोग्राम सुनकर रहा न गयाІ क्या सोचा है? सोचना क्या है, कहा तो है कि देर हो चुकी हैंІ क्या पता, सोनाली ने भी यह सुन लिया हों І नहीं, उसने नहीं सुना होगा, उसकी नाईट शिफ्ट होती है और वो कभी मेरा प्रोग्राम नहीं सुनतीІ श्रीनि ने गहरी सांस लेते हुए कहाІ
अगले दिन श्रीनि और सोनाली एक बैंकेट हॉल में मेहमानों से बधाइयाँ ले रहे हैंІ तभी श्रीनि की माँ ने अंगूठी श्रीनि के हाथों में पकड़ाई और कहा कि सगाई की रस्म शुरू करते हैंІ सोनाली ने भी मुस्कुराते हुए अँगूठी श्रीनि को पहना दीं, मगर श्रीनि उसे अँगूठी पहनाते हुए रुक गया और सोनाली उसके चेहरे पर उलझन को देखकर बोली, " दूसरों की अनकही बातें सुनते-सुनते अपने दिल की आवाज़ को क्यों नज़रअंदाज कररह हों? मतलब? यहीं कि कल मैंने शिफ्ट कैंसिल कर दी थीं, और प्रोग्राम सुन लिया थाІ श्रीनि के चेहरे पर मुस्कन आ गई І
तीन महीने बाद, "दोस्तों मैं हूँ, श्रीनि और आप सुन रहे 113.4 पर "बाते अनकहीІ" अगर हमारे प्रोग्राम के जरिये,आपकी अनकही बात आपके किसी अपने तक पहुँची है तो अभी कॉल करें, आज हम उन लोगों से बात करेंगे, जिन्हें उनके खोए हुए हमसफ़र मिल गए हैं І जैसा मेरा साथ हुआ, हो सकता है कि आपके साथ भी हुआ हूँ, यह कहकर उसने गाना शुरू किया І "गुम है, किसी के प्यार में दिल सुबह शाम" और अपने साथ बैठी ऋतु को देखकर उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया І आज श्रीनि का दिल ही जानता है कि वो कितना ख़ुश है, अगर उसने अपने ,मन की आवाज़ न सुनी होती तो न उसका सपना पूरा होता और न ही उसका प्यार उसके साथ होताІ माँ हमेशा कहती हैं, मन में भगवान रहते है,इसलिए उसकी आवाज हमेशा सुननी चाहिए І