STORYMIRROR

Kanak Harlalka

Tragedy

4  

Kanak Harlalka

Tragedy

भेड़िया आया

भेड़िया आया

1 min
544

'भेड़िया आया, भेड़िया आया,' का शोर किसी कहानी के झूठे शोर सा नहीं था। 

बल्कि सच में ही कई दिनों से गांव में भेड़िए के आने की बहुत चर्चा हो रही थी। 

कोई कहता ' वह कभी भी कहीं भी आ सकता है ।' 

कोई कहता 'वह किसी ऐसे रास्ते से आता है न किसी को दिखाई पड़ता है, न किसी की पकड़ में आता है,' 

कोई कहता भेड़ की खाल ओढ़ कर उन में मिल जाता है फिर शिकार 

करता है।'

चरवाहे को अपनी भेड़ों की सुरक्षा की चिंता हो रही थी।

वह उन्हें मन्दिर के पीछे वाले मैदान में चराने ले जाने लगा। उसे विश्वास था कि मन्दिर के पास भेड़िया आने का दुस्साहस नहीं करेगा।

 लोगों का आना जाना लगा रहता है। पंडित जी, साधु बाबा सभी संतों का पवित्र प्रभाव है, और फिर भगवान जी भी तो यहीं रहते हैं।

पर आज ही दोपहर में उसे किसी काम से उसे बाहर जाना पड़ गया था।

वह मन्दिर के मैदान में साधू बाबा की देख रेख में पंडित जी को जरा खयाल रखने कह चला गया था।

जब लौटा तो उसकी भेड़ वहां नहीं थी।

उसे क्या पता था कि भेड़िया उसी दिन आएगा, अपने गुप्त रास्ते से,और वो भी मन्दिर के परिसर से होता हुआ सीधे पीछे वाले मैदान में।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy