Dhara Viral

Inspirational

2  

Dhara Viral

Inspirational

बेटे का हुनर

बेटे का हुनर

3 mins
118


अरे तुम्हें एक बात कहूं? मैंने कहा बिल्कुल कहिए पतिदेव अभी तो बिल्कुल फ्री हूँ। अरे मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ। मुझे तो पता ही नहीं था।‌ यार मैं खुद से सवाल कर रहा हूं कि मैं इस घर में रहता हूँ या नहीं? और मैं मन ही मन सोच रही थी कि ऐसा क्या हो गया है? मैंने इन्हें क्या‌ नहीं बताया? मैं याद करने की कोशिश कर रही थी पर कुछ याद नहीं आ रहा था। मैंने पतिदेव से पूछा क्या‌ बात हो गई? बताओ तो सही। और अंततः पूरे बीस मिनट तक सोचने पर मजबूर करने के बाद उन्होंने घोर आश्चर्य के से कहा कि ये मन(हमारा बेटा)की आवाज़ कितनी अच्छी है, वो कितना अच्छा गाता है। मुझे तो पता ही नहीं था कि मेरा बेटा इतना अच्छा गाता है, तुम्हें पता था क्या?

मैं कुछ देर आश्चर्य से उनके सामने देखती रही और फिर मैंने पूछा‌ ये बात थी क्या? उन्होंने जवाब दिया हां बिल्कुल। मैंने कहा हां मुझे पता है कि वो बहुत अच्छा गाता है और काम्पिटिशन्स में वो अव्वल भी आता है। आपने सर्टिफिकेटस देखे तो थे। हां पर मैंने उसे गाते हुए पहली बार सुना और वो भी चुपके-चुपके। मैं इतना ज्यादा व्यस्त हो गया हूँ कि, मैं अपने बेटे के हुनर को नहीं पहचान पाया? हां पर मैंने उससे पूछा भी तो नहीं कभी चलो आज उसी से सुन लेते हैं। प्रतीत ऐसा हो रहा था कि वो ये सब मुझसे कह रहे हैं लेकिन नहीं वो तो खुद से ही कह रहे थे।

फिर भी मैंने पूछा कैसे? आज हम सभी साथ बैठते हैं और सब अपना-अपना पसंदिदा एक गाना गाएँगे। और ठेर सारी बातें करेंगे। बस फिर क्या था हम सब ने मिलकर सारा काम खत्म किया और बैठ गए। सबने गाया और जब मन की बारी आई उसे थोड़ी हिचकिचाहट तो हुई पर उसने गाया। विरल ने पहली बार अपने बेटे के हुनर को पहचाना। मैं भी अपने बेटे को सुन रही थी पर मेरी नज़रें विरल कि तरफ ही थीं। बहुत कम ऐसा होता है कि वो भावुक होते हैं पर उस वक्त थे। उसी वक्त उन्होंने मन से पूछा क्या चाहिए बेटा? उसने कहा बस पापा म्यूजिक। तुने मुझसे पहले क्यों नहीं कहा? मन ने मासूमियत से जवाब दिया पता नहीं पापा। और विरल ने कहा तुम दोनो बच्चों से वादा है कि तुम जो बनना चाहते हो उसमें मैं और तुम्हारी मम्मी हमेशा तुम्हारे साथ हैं।इस लाकडाउन में ही सही पर एक व्यस्त पिता ने अपने बेटे को हुनर को पहचाना। पर कहीं कहीं ऐसा होता है। माता-पिता इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपने बच्चों कि इच्छाओं को पहचान नहीं पाते है और अपनी उम्मीदें उन पर थोपने लगते हैं। पर अब लग रहा है कभी कभी परिवार को जानने के लिए लाकडाउन हो जाना चाहिए। इस बहाने ही सही एक दूसरे से खुलकर बात तो हो सकेगी। 

लाइक और फोलो करने हेतु आग्रह करती हूं।

   


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational