बैड टच
बैड टच
झन्नाटे दार तमाचे के साथ गूंजा "गेट आउट, बासटर्ड।" इसके साथ भड़ाक से दरवाज़ा बंद हुआ और उसकी की आँखों के आगे अँधेरा छा गया।
कुछ मिनट बाद चेतना लौटी तो रील घूमनी शुरू हुई।
आज स्कूल जरा देर से छूटा था उस पर बुरी तरह से गर्मी। बच्चे भुने आलू की तरह दिख रहे थे। स्कूल से रिक्शे में बच्चों को बिठाकर वो भवानी की जय बोलकर चल दिया। पसीने से पेंट आधी भीग चुकी थी कि कोहिनूर बिल्डिंग आ गयी। जहाँ वो रानी बिटिया को छोड़ता है। रानी बिटिया को देखता तो उसे गाँव में छोड़ी अपनी नातिन तरोई याद आने लगती। दुबले पतले हाथ पाँव सुकुमार काया जैसे छानी चढ़ी तरोई, जब वह नातिन को तरोई कहकर पुकारता तो वो मुँह बिचकाकर कहती..."तरोई गयी पेट में।"
आज जब रानी बिटिया भारी बस्ता उठाकर थके क़दमों से आगे बढ़ी तो उसे जाने क्या सूझी और वो बोल उठा 'रुको'। गेट पर एक नज़र दौड़ाई सिक्योरिटी गार्ड नहीं था। बाकी बच्चों को रिक्शे पर छोड़ वो तेज़ी से रानी बिटिया की तरफ लपका और उसके कंधे से बस्ता उतार कर उसके साथ चलने लगा। मन ही मन बुदबुदाया 'तरोई गयी पेट में।'
सीढ़ी एक...सीढ़ी दो...सीढ़ी तीन...सीढ़ी ग्यारह रानी बिटिया के कदम बोझिल होते जान पड़े और तब उससे रहा नहीं गया उसने एक हाथ में बस्ता तो दूसरे से रानी बिटिया को गोद में उठा लिया रानी बिटिया जोर से चिल्लाई "बैड मैन। मुझे नीचे उतारो।" लेकिन उसे चिल्लाने को अनसुना कर वो और तेज़ी से सीढ़ियां चढ़ने लगा।
इधर रानी बिटिया के भीतर भी रील चलनी शुरू हुई।
आज ही क्लास में दो आंटिया क्लास टीचर के साथ आयी थी जिन्होंने 'गुडटच-बैडटच' समझाते हुए, लिफ्ट मेन, मिल्क मेन, वॉच मेन वैन मेन सहित सभी बेड मेन के बारे में बताया था और कहा था की मम्मी के अलावा तुम्हें कोई भी इधर उधर टच करे, गोद में उठाये तो चिल्लाकर मना करना तुंरत घर में या टीचर को कंप्लेंट करना।
'बैड मैन, छोड़ो मुझे' रानी बिटिया लगातार कहे जा रही थी और वो लगातार हँसता हुआ उसे गोद में उठाये तेज़ी से ऊपर चढ़ता जा रहा था।
थर्ड फ्लोर आते ही रानी बिटिया उसकी गोद से कूदकर कॉल बेल की तरफ लपकी और अगले ही क्षण घर के अंदर भागते हुए, माँ से लिपटकर बोली " ये बैड मैन मुझे बैड टच कर रहा था।"
रानी बिटिया की माँ ने रानी बिटिया के पापा से कहा 'सुनिये...बेबी क्या कह रही है ?'
आगे फिर उसे बस इतना याद है "तमाचा ...गेट आउट बास्टर्ड...भटाक।"
लौटकर जब वो बाकी बच्चों को बिठाकर रिक्शा खींच रहा था...उसे लग रहा था वो अपनी लाश ढो रहा है।