STORYMIRROR

Dr Alka Mehta

Drama Horror

3  

Dr Alka Mehta

Drama Horror

बावड़ी का सच

बावड़ी का सच

3 mins
517

गांव के लोग अक्सर कुछ बातों में उलझ कर अपने आस-पास एक ऐसा चक्रव्यूह अपने विश्वासों से बना लेते हैं जिसको तोड़ना आसान नहीं होता। पर पढ़े-लिखे लोगों के लिए उन बातों में तर्क ढूंढना आसान नहीं होता।

गाँवों में पानी के लिए कुओं के अलावा बावड़ियां भी होती हैं जहाँ वे लोग नहाते हैं।


हिरकपुर गांव पहाड़ी की तलहटी में बसा एक गांव था। जहाँ के लोगों में एक डर फैला हुआ था कि उनके गाँव के बावड़ी में रात को स्वर्ग की अप्सराएं उतर कर स्नान करतीं हैं और अगर उनको नहाते हुए कोई देख लेता है तो वो जीवित नहीं रहता। जिन लोगों ने इसका दुःसाहस किया था उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और कई लोगों ने उस बावड़ी से रात में आवाज़ें भी सुनीं थीं।


उनमें इतना डर बैठ चुका था कि दिन में भी कोई उस तरफ नहीं जाता था। प्रकाश अपने गांव का एक पढ़ा-लिखा इंसान था। वह इस बात में विश्वास नहीं करता था। उसे लगता था बात कुछ और है और वह सोचता था किसी न किसी दिन बावड़ी का सच जान कर रहेगा।


गांव में दिवाली का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा था। घरों में मिठाइएं बनायीं जा रहीं थीं।

बच्चे पटाखे छोड़ रहे थे, गाँव के लोग दीपों से घरों को सजाये हुए थे। चारों ओर रौनक ही रौनक थी।


प्रकाश दिन में ही एक मिठाई की टोकरी बावड़ी पर रख आया था और आधी रात होने का इंतज़ार कर रहा था। आधी रात को जब गांव के लोग सो गए और कोई हलचल नहीं रही तो वो बावड़ी कि ओर चला। वहां उसे बहुत से आवाज़ें सुनायीं दे रहीं थीं और दिल कि धड़कनें बढ़ने लगीं इस डर से कि कहीं उसके जीवन का अंत न हो जाये।


इसी सोच-विचार में उसे न जाने कब नींद आ गयी। सुबह उसकी आँखें खुलीं तो दिन चढ़ आया था और आवाज़ें भी नहीं आ रहीं थीं। और मिठाई की टोकरी भी नज़र नहीं आ रही थी। उस दिन उसे निराशा ही हाथ लगी और वो गांव वापस आ गया।


प्रकाश के मन में उलझन थी कि वो आवाज़ें कैसीं थीं। उसने सोचा वो पूर्णिमा के दिन अवश्य जा कर बावड़ी का सच जान कर रहेगा। पूर्णिमा की रात आधी रात होने पर उसके कदम फिर बावड़ी की और चल पड़े। आज भी उसे आवाज़ें सुनायीं दे रहीं थी, उसने दीवार की ओट में छिप कर जानने की कोशिश की और जो उसने देखा की चोरों का एक गिरोह अपने द्वारा चुराए सामान को बावड़ी के तहखाने में छुपा रहे थे!


उसे समझते देर न लगी की इन लोगों ने ही गांव में अफवाह फैलाई होगी। अचानक उसके मुंह से चीख निकली और चोरों ने उसे पकड़ कर वहीँ ख़त्म कर दिया और अगले दिन गांव के लोगों को प्रकाश की निर्जीव देह मिली। उस बावड़ी का सच तो प्रकाश के साथ ही ख़त्म हो गया। उन्होनें सोचा कि, इसने भी वही कोशिश की होगी और इसका यह हाल हुआ है। उनका डर और भी गहरा हो गया।


मानो या न मानो आज भी गांव के लोगों में यही डर फैला हुआ है रात को स्वर्ग की अप्सराएं उतर कर स्नान करतीं हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama