abishake maandhania

Romance Fantasy Others

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abishake maandhania

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अपनी पहचान

अपनी पहचान

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मोनिका एक छोटे से गांव की लड़की थी उसके पिताजी एक छोटे से स्कूल में हेडमास्टर थे उसे घर में सब मनो बुलाया करते थे।

मोनिका को अपने गांव से दूर पढ़ाई के लिए शहर के कॉलेज में एडमिशन लेना था। उसके पिताजी ने उसका एडमिशन शहर के कॉलेज में करवा दिया। आज मोनिका

का कॉलेज में आज पहला दिन था। वह अपने कमरे से बाहर निकली और तैयार होकर कॉलेज के लिए निकल गई। कॉलेज के अंदर जाते ही उसे उसकी सहेली नेहा मिल गई उसने मोनिका को आवाज लगाई और उसे अपनी क्लास में उनकी तरफ बुलाया। मोनिका जल्दी-जल्दी अपने क्लास की तरफ जा रही थी तो एक लड़के से टकरा गई दोनों ही नीचे गिर गए।

फिर वह लड़का जल्दी से उठा और उसने मोनिका के उठने में उसकी मदद की और अपनी किताबें लेकर वहां से निकल गया। मोनिका भी उठ कर अपनी तलाश की तरफ चली गई। उसे सभी लड़कियां पसंद नहीं करती थी क्योंकि उसका रंग सांवला था। उसे उसे यह सब देख कर अपने गांव की याद आ गई जहां पर सब उसे कल्लू बुलाते थे।

इसलिए उसे इस बात का जरा भी दुख नहीं था। क्योंकि उससे इस सब की आदत थी लेकिन कोई था। जिसे यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं की और वह मोनिका को यूँ उदास होते नहीं देख सकता था। क्लास में पहले नंबर पर होने के बाद भी मनोज किसी से बात नहीं करता था। मनोज वही लड़का था। जो कॉलेज के पहले दिन मोनिका से टकराया था। और उसे देखते ही उस पर फिदा हो गया था। मनोज दिल्ली के एक बिजनेसमैन का बेटा था। जो कि लंबा और हैंडसम गहरी आंखें सुंदर चेहरा जिसे देखते ही हर लड़की उसके पीछे पागल हो जाती थी लेकिन वह कभी भी लड़कियों से बात नहीं करता था। और उनसे दूर रहता था, लेकिन मोनिका को देखने के बाद उसके दिल में कुछ कुछ होने लगा था। मोनिका सेकंड टॉपर होने के कारण अब मनोज के साथ ही बैठती थी और मनोज इस बात से बहुत खुश था। वह कुछ ना कुछ बहाने से मोनिका से बातें कर लेता था। इसी तरह कॉलेज का पहला साल खत्म होने वाला था। तो कॉलेज में आज एनमल फंक्शन था। वैसे तो मनोज कभी भी कॉलेज के किसी प्रोग्राम में नहीं आता था। लेकिन आज वह सिर्फ मोनिका के लिए आया था।

आज उसने काले रंग की शर्ट और जींस पहनी थी और इसका कोट उसके साथ बहुत साइन कर रहा था।

उसे देखकर सभी लड़कियां उसके लिए पागल हुई जा रही थी लेकर मनोज ने किसी को एक नजर तक भी नहीं देखा। उसकी नजरें तो किसी और को ढूंढ रही थी थोड़ी देर बाद उसने देखा कि गेट से एक लड़की पटियाला सूट के साथ सांवले रंग में किसी परी से कम नहीं लग रही थी। मनोज उसको देखता ही रह गया। मनोज जी ने आज सोच लिया था कि वह मोनिका को अपने दिल की बात जरूर बताएगा, इसलिए उसने मोनिका को अपने साथ बुलाया और पार्क में ले गया, वहां जाकर मनोज ने मोनिका को शादी के लिए प्रपोज किया।

यह देख कर मोनिका को तो जैसे सदमा ही लग गया था। वह कुछ देर तक कुछ ना बोल पाई और वैसे ही वहां खड़ी रही। मनोज ने उससे कहा क्या बात है क्या तुम मुझे पसंद नहीं करती? तो मोनिका ने कहा नहीं ऐसी बात नहीं है मुझे डर लगता है कि कहीं मैं जिससे प्यार करूं वह मुझे मेरे सांवले रंग की वजह से मुझे छोड़ ना दे। मनोज ने कहा मैंने तुम्हारे सांवले रंग से नहीं तुमसे प्यार किया है और मैं तुम्हें कभी भी तुम्हारे सामने रंग की वजह से नहीं छोड़ सकता। तुम मेरा प्यार हो तुम ही मेरी दुनिया हो तो मोनिका ने भी अपना सर हां में हिला दिया। लेकिन मोनिका ने कहा मैं तुमसे शादी कॉलेज खत्म होने के बाद अपने पापा का सपना पूरा करने के बाद ही करूंगी, तो मनोज ने कहा मुझे इस बात से कोई दिक्कत नहीं है।

फिर मनोज और मोनिका ने अपने कॉलेज के समय खूब मेहनत कर कर पढ़ाई की और मोनिका अपने कॉलेज में टॉप किया और मनोज सेकंड पोजीशन पर आ गया।

अपने कॉलेज खत्म होने के बाद मोनिका आईपीएस बनकर अपने पापा का सपना पूरा कर दिया और अपने सांवले रंग को एक अलग ही पहचान दिलाई।

थोड़े दिनों में ही मनोज और मोनिका की शादी हो गई इस तरह से मोनिका ने अपने काले रंग को अपने लिए मुसीबत नहीं बल्कि एक पहचान बनाई।



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