Lokesh Gulyani

Drama

2.5  

Lokesh Gulyani

Drama

अपना ख़ून

अपना ख़ून

2 mins
416


"सी सी टीवी कैमरा में देखने से ये तो नहीं पता चल रहा कि क़त्ल किसने किया पर भरोसा रखिये। हम क़ातिल को जल्द ढूंढ निकालेंगे।" कुछ ऐसे ही फ़िल्मी जुमले दे कर पुलिस चली गयी। पीछे छोड़ गयी रोती हुई मिसेस भाटिया और उनकी बेटी पम्मी। कल तक हंसने-खेलने वाले सबसे मीठा बोलने वाले भाटिया साहब आज खामोश थे।

"चलो मम्मी उठो आप वहाँ पलँग पर बैठ जाओ। ज़मीन ठंडी है।"

"नहीं पम्मी मुझे इनके पास ही रहने दे। कल भी यही कह रहे थे संतोष तू न मेरे पास रहा कर। तू साथ रहती है तो सब अच्छा लगता है। पर किसे पता था के फिर खुद ही छोड़..... ।" कहते-कहते संतोष रोने लगी। इतने में फ़ोन की घंटी बजी और पम्मी फ़ोन उठाने दूसरे कमरे में चली गयी।

"हह.. हैलो कौन।"

"जानेमन मैं, काम हो गया न? बोला था न तुमको मैं सब संभाल लूँगा अब बस तुम बुड्ढी के सिग्नेचर ले लो कागज़ात पर फिर सब कुछ अपना।"

"हम्म! पर उन्हें जान से मारने की क्या ज़रूरत थी?"

"तो कैसे होता सब, क्या वो कभी अपनी जायदाद तुम्हें सौपने के लिए बुड्ढी को बोलते की कागज़ात पर सिग्नेचर कर दो। एक पल को तो छोड़ते नहीं थे दोनों एक दूसरे को। पता है कितनी मुश्किल से टपकाया है। और मारना इसलिए भी ज़रूरी हो गया था क्योंकि उन्होंने मेरा मास्क हटा दिया था।"

"पता है मम्मी की रो-रो कर हालत ख़राब है।"

"तो मैं क्या करूँ, मैंने कहा था के मुझे घर से निकालो। जब देखो घर जवाई होने के ताने देते थे बुड्ढा-बुड्ढी।"

"विक्की तुम तो हमेशा मेरे साथ रहोगे न ?"

"ऑफ़-कोर्स जानेमन जहाँ पैसा, सॉरी जहाँ तुम वहाँ विक्की।"

"मम्मी,हमारे साथ ही रहेगी, बोलो रहेगी ना ?"

"हम्म !" दांत पीसते हुए ये हम्म निकला था विक्की के मुँह से।"

"ओह आई लव यू विक्की।" फ़ोन दोनों तरफ़ से रखे जा चुके थे। पम्मी अपनी माँ को ढाढ़स बंधाने जा चुकी थी। उधर विक्की दो और ख़ून करने का मन बना चुका था। 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama