मेरी अभी तक 6 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। सभी Amazon.in पर उपलब्ध हैं। किताबों के नाम इस प्रकार हैं: जे, बोध, ज़हनी अय्याशी एवं वो कहानी यही है।
लम्बाई बढ़ी तो मेरे हाथ घर के अनजान कोनों तक जाने लगे लम्बाई बढ़ी तो मेरे हाथ घर के अनजान कोनों तक जाने लगे
आख़िरी बार हसरत से उसने एक-एक शब्द पढ़ा और उस पर हौले से अपनी उँगलियाँ भी फेरी। आख़िरी बार हसरत से उसने एक-एक शब्द पढ़ा और उस पर हौले से अपनी उँगलियाँ भी फेरी।
पम्मी अपनी माँ को ढाढ़स बंधाने जा चुकी थी। उधर विक्की दो और ख़ून करने का मन बना चुका था। पम्मी अपनी माँ को ढाढ़स बंधाने जा चुकी थी। उधर विक्की दो और ख़ून करने का मन बना चु...
चुनिंदा रंग देखे थे उन आँखों ने पर नीलम का मोरिया रंग उसे बहुत भाता था। जिस दिन मालिक उसे नीलम पकड़ा... चुनिंदा रंग देखे थे उन आँखों ने पर नीलम का मोरिया रंग उसे बहुत भाता था। जिस दिन ...
ज़रा सोचो एक अकेली बिल्डिंग शहर से कटकर जंगल के पास और उसके अंदर पाँचवे माले के 13 नंबर अपार्टमेंट म... ज़रा सोचो एक अकेली बिल्डिंग शहर से कटकर जंगल के पास और उसके अंदर पाँचवे माले के ...
बेवफाई करने को मिली भी तो कौन मेरी ही पक्की सहेली, चचचचच! बेवफाई करने को मिली भी तो कौन मेरी ही पक्की सहेली, चचचचच!