मेरी अभी तक 4 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। सभी Amazon.in पर उपलब्ध हैं। किताबों के नाम इस प्रकार हैं: जे, बोध, ज़हनी अय्याशी एवं वो कहानी यही है।
Share with friendsआख़िरी बार हसरत से उसने एक-एक शब्द पढ़ा और उस पर हौले से अपनी उँगलियाँ भी फेरी।
Submitted on 02 Oct, 2020 at 15:32 PM
पम्मी अपनी माँ को ढाढ़स बंधाने जा चुकी थी। उधर विक्की दो और ख़ून करने का मन बना चुका था।
Submitted on 09 Jan, 2020 at 05:55 AM
चुनिंदा रंग देखे थे उन आँखों ने पर नीलम का मोरिया रंग उसे बहुत भाता था। जिस दिन मालिक उसे नीलम पकड़ा देता, मानो उसे खुद ...
Submitted on 19 Dec, 2019 at 05:31 AM
ज़रा सोचो एक अकेली बिल्डिंग शहर से कटकर जंगल के पास और उसके अंदर पाँचवे माले के 13 नंबर अपार्टमेंट में भटकती, वो टेढे क...
Submitted on 18 Dec, 2019 at 07:29 AM
बेवफाई करने को मिली भी तो कौन मेरी ही पक्की सहेली, चचचचच!
Submitted on 10 Dec, 2019 at 15:24 PM