STORYMIRROR

Vijay Vibhor

Drama

2  

Vijay Vibhor

Drama

अन्नदाता

अन्नदाता

1 min
600

"अरे रमुआ ! ई बार की को वोट दई हो ?"

खेत की मेड़ पर पेड़ की छाँव तले लगभग झूलती हुई सी टूटी हुई चारपाई पर पसरे हुए जमींदार ने हुक्के का धुआँ आसमान में छोड़ते हुए पूछा "माई बाप ! हमार वोट तो अन्नदाता को ही जई है।" बिना रुके खेत मे कस्सी चलाते-चलाते रमुआ ने जवाब दिया।

जमींदार का पारा सातवें आसमान पर था, "साले नमक हराम, ईका मतबल तू हमें वोट नाही देईबे।"


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama