Prem Bajaj

Inspirational

4  

Prem Bajaj

Inspirational

अन्धविश्वास

अन्धविश्वास

2 mins
253


अनिल के पिता कि शहर में बहुत अच्छा कारोबार, लेकिन अनिल हर समय आवारा दोस्तों के साथ घूमता रहता, पिता को ना तो व्यापार में मदद करता, ना उनकी कोई बात सुनता समझता। इसीलिए कोई भी उसे पसंद ना करता।

अनिल के पिता को हार्ट अटैक आया,और वो कुछ पल के मेहमान।

 पापा मैंने आप को बहुत सताया, मुझे क्षमा कर दें, बस आप ठीक हो जाएं, आप जैसा कहेंगे, मैं वैसा करूंगा, आप की हर बात सुनुंगा।

बेटा मेरा बचना मुश्किल है, मेरा समय शायद पूरा हो चुका।

लेकिन अगर तुम मेरी अन्तिम इच्छा पूरी करदो तो मेरी आत्मा को शांति मिलेगी।

 मुझसे बहुत बड़ा अपराध हुआ, मैने जीते जी आपकी सेवा -सुशुर्षा नही की लेकिन अब मैं समझ गया हूं कि माता-पिता की सेवा ही परमोधर्म है, जो आप कहेंगे मैं करूंगा, और आप से वादा करता हूं कि मां की सेवा करूंगा।

 जब मेरी मृत्यु हो उस माह में 15 दिनों तक मेरे पसंदीदा पकवान बना कर सभी रिश्ते-नाते, दोस्तों एंव फैक्ट्री के सभी काम करने वालों को खिलाना।

अनिल ने पिता की मृत्यु के पश्चात हर साल यही किया, और हर एक को यही कहता कि जीते जी जिसने मां- बाप की सेवा कर ली उसे ये सब करने की भी आवश्यकता नहीं, सभी खाते और आशीश देते, इस तरह से उसका जीवन बदल गया और वो सबका एक अच्छा दोस्त, अच्छा इन्सान, वर्कर के लिए अच्छा मालिक बन गया।

मां की भी खूब सेवा करता, एक दिन मां से पूछा कि पापा की आत्मा को अब शान्ति मिली होगी।

मां ने समझाया कि ये जो कुछ भी वो दान- पुण्य कर रहा है या गरीबों को खाना खिला रहा है ये उसके पापा तक नहीं पहुंच रहा, यह केवल हमारे मन का भ्रम है, एक अन्धविश्वास है कि जो हम खाना गरीबों को या किसी पंडित को खिलाते हैं वो हमारे पुर्वजों तक पहुंचता है, यहां से कोई टिफिन सर्विस नहीं वहां के लिए, मात्र अपने मन को सुकून देना और अपना पुण्य एकत्रित करना है ‌

मां ने उसे समझाया कि वो पहले से ज्यादा बेहतर बन गया, सबका चहेता बन गया, इन्हीं कर्मों के कारण,अगर जीते जी मां -बाप की सेवा की जाए, उन्हें खुश रखा जाए तो बाद में ये ढकोसले करने की ज़रूरत नहीं। 

हमारा दिया हुआ खाना कपड़ा कुछ भी हमारे पुर्वजों तक पहुंचेगा ये एक अन्धविश्वास से बढ़ कर कुछ नहीं।

अर्थात आज के पढ़े-लिखे लोग कहते हैं कि जो हम खाना, कपड़ा या पैसे देते हैं, क्या वो हमारे पुर्वजों के पास पहुंचते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational