आज अगर बात बड़ी तो मैं घर में कह ही दूंगी कि सासू मां मुझे तो अलग ही कर दो। आज अगर बात बड़ी तो मैं घर में कह ही दूंगी कि सासू मां मुझे तो अलग ही कर दो।
युनिकी प्रतिख्या हर पल केलिए प्रतिख्या बनकर रह गया l युनिकी प्रतिख्या हर पल केलिए प्रतिख्या बनकर रह गया l
अस्पताल में दाखिल कराया गया और 6 जुलाई को उन्होंने अन्तिम सांस ली। अस्पताल में दाखिल कराया गया और 6 जुलाई को उन्होंने अन्तिम सांस ली।
पर वाकई भिन्न भिन्न अदृश्य रंगों में हम सभी अंतर तक डूबे हुए तो है। पर वाकई भिन्न भिन्न अदृश्य रंगों में हम सभी अंतर तक डूबे हुए तो है।
कपड़ा या पैसे देते हैं, क्या वो हमारे पुर्वजों के पास पहुंचते हैं। कपड़ा या पैसे देते हैं, क्या वो हमारे पुर्वजों के पास पहुंचते हैं।
वक्त हमारा है, चाहे तो इसे सोना बना लें या चाहे तो इसे सोने में गुजार दें। वक्त हमारा है, चाहे तो इसे सोना बना लें या चाहे तो इसे सोने में गुजार दें।