Kameshwari Karri

Inspirational

4.0  

Kameshwari Karri

Inspirational

अम्मा चली अमेरिका

अम्मा चली अमेरिका

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भाग —- १

 

मुर्ग़े की बांग की आवाज़ सुनाई देते ही बड़ी अम्मा की भी आवाज़ सुनाई देने लगी अरे कलमुँही अभी से ही उठा दी तुझे नींद नहीं आती है क्या ? 

आस पड़ोस के सभी लोग उन्हें बड़ी अम्मा कहकर ही पुकारते थे। असल में उनका नाम सरस्वती था। छोटी अवस्था में ही पति की मृत्यु हो जाने से इकलौते बेटे की ज़िम्मेदारी उस पर ही आ गई थी ....जो थोड़ा सा खेत था उसमें ही बुआई कर खुद खाए न खाए बच्चे को उसने इंजीनियरिंग करा दिया। अपने देश से भी ज़्यादा अच्छे मौके अमेरिका में मिलेंगे माँ आकाश के कहने पर न चाहते हुए भी उसने आकाश के अमेरिका जाकर पढ़ने की ज़िद के लिए हामी भर दी .....पर मन मानने को तैयार नहीं था कि आकाश के पिता अंग्रेजों के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए गांधी जी के साथ थे। उन्होंने ने कहा बेटा फिरंगियों की ग़ुलामी करेगा। अगर मुझे पहले ही पता रहता तो अपने साथ खेतों पर ले जाकर वही सिखा देती थी न। मैं तुम्हें पढ़ाती ही नहीं थी कहते हुए अपने पल्लू से आँसू पोंछने लगी। आकाश ने कहा अरे माँ आप तो बस मैं अमेरिका जा रहा हूँ फिरंगियों के देश ब्रिटिश नहीं..,

तो क्या हुआ बेटा बात तो एक ही है न दोनों ही जगह गोरे लोग ही रहते हैं कल ही मंदिर में मिलने पर श्याम की माँ गौरी ने बताया था। श्याम और आकाश एक ही स्कूल में पढ़ते थे साथ ही पड़ोसी भी थे। असल में आकाश के दिमाग़ में अमेरिका जाने वाली बात श्याम ने ही डाली थी....वह दो साल पहले ही वहाँ पहुँच गया था। 

इतना समझाने पर भी जब बेटे के कान में जूं तक नहीं रेंगी तो अम्मा ने आखिरी उपाय को आज़माने की कोशिश की और कहने लगी ....,

मेरा अकेला लाडला बेटा इस उम्र में मुझे अकेले छोड़कर चला जाएगा और वह रोने लगी....

ओह अम्मा, आप भी मैं कोई वहाँ परमानेन्ट रहने के लिए नहीं जा रहा हूँ दो साल रहकर पैसा कमाकर वापस आऊँगा और एक नई कंपनी खोलकर अपने ही गाँव के बच्चों को नौकरी दूँगा यह मैं सोच रहा था अब आप नहीं चाहते तो नहीं जाऊँगा। गाँव की तरक़्क़ी की बात सुनते ही अम्मा ने उसे जाने की इजाज़त दे दी....

आकाश ने कहा अम्मा मुझे दस हज़ार रूपये चाहिए किरोड़ीमल जी से उधार ले लेते हैं मैं वहाँ से ही उनके उधार का चुकता कर दूँगा अम्मा ज़ोर से चीख पड़ी ख़बरदार उधार की बात बोली तो... मैं अभी ज़िंदा हूँ मेरे पास जो नौलखा हार है वह किस दिन काम आएगा .. नहीं माँ वह तो आपके मायके वालों का दिया आपका स्त्री धन है आप मेरी पत्नी को देने वाली थी न ...अगर तुम्हारे पिता होते तो हमें यह दिन देखने नहीं पड़ते कोई बात नहीं कल ही करोड़ी मल जी के पास जाकर पैसे ला ले जब तुम्हारे पिताजी ही नहीं रहे मैं क्या करूँगी इन्हें अपने पास रखकर तुम्हारे कुछ काम आएगा तो और क्या चाहिए .... वैसे भी हम उसे बेचेंगे नहीं बेटा गिरवी रखकर पैसे लाएंगे लाख मनाने पर भी जब माँ नहीं मानी तो नौलखा हार गिरवी रखकर पैसे ला लिए। 

 कुल मिलाकर आकाश के विदेश जाने का समय आया अम्मा ने बहुत सारी हिदायतें दी कैसे रहना है क्या करना है सब आकाश ने सारी बातें सुन ली और हाँ हमें हाँ मिलाता रहा क्योंकि जाते जाते उन्हें दुखी नहीं करना चाहता था। एयरपोर्ट तक आने की ज़िद की अम्मा ने ...पर दूर है और वापस कैसे आएगी कहकर मना किया और फिर जल्दी आने की क़सम खाकर सात समंदर पार उड़ गया। 

क्रमश:


इसे हुए दो साल हो गए अब की कहानी में चलते हैं ......

मुर्ग़े के बाँग देने से पहले ही उनकी नींद खुल गई थी नींद खुल गई कहने से बेहतर है कहना कि अम्मा रात भर सोई ही नहीं थी मुर्गे को डाँटना तो दिखावा था ... क्योंकि आज अमेरिका से श्याम आने वाला है, वह आकाश के बारे में जानकारी देगा यह सोचते हुए उसके पैर ज़मीन पर नहीं पड़ रहे थे। जल्दी से नहा धोकर पूजा अर्चना करके वह रसोई में पहुँची उसने सोचा पूरी और आलू की सब्जी बना देती हूँ आकाश को बहुत पसन्द है श्याम खाए तो मुझे अच्छा लगेगा यह सोच कर उसने पूरी सब्ज़ी बना दी। ठीक नौ बजे श्याम अपनी माँ गौरी के साथ आया उसे देख अम्मा की आँखें भर आईं। कैसी हैं आंटी श्याम के मुख से सुनते ही बरस पड़ीं वहाँ जाने से पहले मौसी बुलाता था अब यह नया क्या सीख कर आया है। गौरी ने वही तो दी देखिए ने अपने संस्कार भूलते जा रहे हैं, बात को और आगे न बढ़ाते हुए श्याम ने कहा मौसी पूरी सब्जी बनी है न अच्छी ख़ुशबू आ रही है खिला दीजिए मुझसे रहा नहीं जा रहा है, अम्मा ने हँसते हुए कहा ज़रूर तू बैठ मैं लाई। खाने के बाद हाथ धोकर उसने अम्मा से कहा मौसी आकाश ने आपके लिए पैसे भेजे हैं कहते हुए तीस हज़ार रुपये उनके हाथ में रख दिए इतने पैसों को देख अम्मा ने कहा क्यों रे वहाँ क्या कर रहे हो तुम लोग ग़लत तरीक़े से तो पैसे नहीं कमा रहे हो न ..... अरे मौसी आप भी .....आकाश को अच्छी नौकरी मिल गई है उसने नई गाड़ी और घर भी ख़रीद लिया है। यह सुनते ही अम्मा ने हाथ जोड़कर भगवान को शुक्रिया कहा और गौरी से बोली गौरी हमारे सरपंच की दूसरी बेटी है न बहुत सुंदर है उससे आकाश की बात चलाएँगे तो अच्छा है न .... गौरी को चुप देख अम्मा ने कहा क्यों री मुंह बंद क्यों है कहीं ऐसा तो नहीं कि अपने बेटे के लिए सोच रही है पर मैं कहे देती हूँ मुझे बहू के रूप में वही लड़की पसंद है तू अपने बेटे के लिए किसी और को ढूँढ लेना समझी ...,,,आकाश जो कुछ भी कहने जा रहा था वह गौरी को भी मालूम था अम्मा कैसे सहेगी सुनकर सोच रही थी ....अब बात को घुमाना क्यों ? सोचते हुए श्याम ने कहा मौसी आकाश वहीं गोरी लड़की मारिया से शादी करना चाहता है उसने मुझे आपको अपने साथ लेकर आने को कहा है शादी इसी महीने के २५ तारीख़ को है। बात सुनते ही अम्मा रोने लगी गौरी ने समझाया दी बच्चों को पैदा कर सकते हैं पर उनकी क़िस्मत नहीं आप दुखी मत होइए। अम्मा ने रोते हुए कहा तू जानती है न गौरी कितने अरमान थे मेरे... कैसा परिवार है हमारा स्वतंत्रता सेनानी थे सब और उनके घर का चिराग़ फ़िरंगी से शादी करने जा रहा है ... हे भगवान यही दिन देखने रह गए थे। दीदी अब क्या कर सकते हैं हिम्मत रखिए और जाने की तैयारी कीजिए कहते हुए गौरी और श्याम अपने घर चले गए। 

रात भर अम्मा को नींद नहीं आई , शादी होने के बाद आज तक उसने रेल भी नहीं देखा था अब एयरप्लेन में चढ़ना पड़ रहा है कोई बात नहीं रो धोकर बहला फुसलाकर बेटे को मना लूँगी वापस लाकर सरपंच की बेटी से ब्याह दूँगी, ऐसा सोचते ही अम्मा को अच्छा लगा और वे निश्चिंत हो कर सो गई। 

क्रमश: .....


भाग -२

मंदिर के पुजारी ने बताया कि अम्मा गुरुवार का दिन अच्छा है आप जिस काम के लिए जा रही हैं वह काम आसानी से हो जाएगा तो उसी दिन निकलिए.....अम्मा ने श्याम को बता दिया और खुद तैयारी में लग गई, श्याम ने कहा सुबह छह बजे निकलना है हमें, मैं आ जाऊँगा ,आप रेडी रहना अम्मा ने कहा ठीक है। श्याम ने कहा मौसी यहाँ से हमें स्टेशन जाना है और चेन्नई की ट्रेन पकड़नी है ,चेन्नई से अमेरिका की फ़्लाइट। अम्मा अमेरिका जा रही है पूरे गाँव में खबर फैल गई बस सब उनसे मिलने आने लगे कब वापस आएँगी ? बेटे की शादी वहीं कर देंगी क्या ? सब सवाल पे सवाल पूछे जा रहे थे अम्मा का दिल रो रहा था पर उन्होंने मुस्कुराते हुए ही सबके सवालों को सुना पर उत्तर न देना बेहतर समझा क्योंकि मुँह खोलेंगी तो आँखें चुप नहीं रहेंगी। सबेरे श्याम के आते ही वे बाहर निकलीं उन्हें देख श्याम का मुँह खुला का खुला रह गया क्योंकि उन्होंने इतना सामान रखा कि बस ! श्याम कुछ बोल भी नहीं सकता क्योंकि वे लेक्चर देना शुरू कर देंगी , ख़ैर, स्टेशन पहुँच कर फ़र्स्ट क्लास डिब्बे में उन्हें बिठाया। क्योंकि आकाश ने कहा था कि माँ को कोई भी तकलीफ़ न हो। इसीलिए फस्टक्लास का टिकट ख़रीदा। आराम से बैठते ही उन्होंने पूरी और सब्जी नाश्ते के लिए दिया दोनों ने खाया फिर अम्मा ने बड़े से फ़्लास्क से दो कपों में चाय उड़ेल दिया चाय बहुत ही अच्छी बनी थी। अम्मा ने कहा ... श्याम थोड़ी देर मैं सो जाती हूँ क्योंकि रात भर सो न सकी थी। और थोड़ी ही देर में वह खर्राटे भरने लगी , मैं भी अपने साथ लाई पुस्तक पढ़ने लगा। 

थोड़ी ही देर में अम्मा उठ गई। ओहो एक बज गया पता ही नहीं चला श्याम , साथ ही ट्रेन के चलते रहने से कुछ ज़्यादा ही देर सो गई ...चलो खाना खा लेते हैं श्याम ने कहा मौसी अभी से खाना मुझे तो भूख भी नहीं है उन्होंने उसकी एक नहीं सुनी पेपर प्लेट में थोड़ी सी बिरयानी और दही की चटनी डाल कर दी अम्मा खाना बहुत अच्छा बनाती हैं पेट भर जाता है पर दिल नहीं भरता, फिर से पेट भरकर खाया। शाम चार बजे अम्मा ने कहा श्याम गाड़ी रोकने के लिए कह मुझे लघुशंका के लिए जाना है। अम्मा गाड़ी बीच में नहीं रुकती है यहाँ बाथरूम है मैं दिखाता हूँ चलिए उन्हें बाथरूम दिखाता है। अम्मा ने दरवाज़ा खोलकर देखा बहुत छोटा सा है पर बहुत सुंदर है... यह सोचते हुए वे उसमें गई आधे घंटे बाद नहा धोकर बाहर आई....

मैं उन्हें बताना चाहता था कि वहाँ नहाते नहीं है पर उनका लेक्चर कौन सुने सफ़ाई के बारे में इसलिए चुप्पी ज़्यादा अच्छी है सोच कर चुप रहा। फिर से हमने फ़्लास्क की चाय पी और उनके द्वारा बनाए हुए मुरकुल खाने लगे ..... अम्मा बताने लगी कि आकाश के पिता के गुजरने के बाद कितनी कठिनाइयों का सामना उन्हें करना पड़ा कैसे उन्होंने अकेले ही उसका पालन पोषण किया .... सच में ही उनकी हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी एक अकेली औरत बिना किसी की मदद के एक बच्चे को पालकर अच्छी शिक्षा देकर विदेश भेजना कोई आसान काम नहीं था। 

रात भूख न होने के कारण दोनों ने दो दो केलों से ही अपना पेट भर लिया मैंने अम्मा से कहा सो जाइए अम्मा सुबह हम चेन्नई में उतर जाएँगे। अम्मा जल्दी ही खर्राटे भरने लगी मेरी नींद आँखों से कोसों दूर थी। सोच रहा था जब अम्मा मार्गेट से मिलेंगी तो उनकी कैसी प्रतिक्रिया होगी। सोचते हुए कब आँख लगी पता नहीं चला ...

सुबह चाय की आवाज़ से आँख खुली अम्मा तो पहले ही उठ गईं थीं मेरे ख़याल से उन्होंने नहीं भी लिया था ...

चेन्नई स्टेशन पर हम दोनों उतरे मैंने कहा 

अम्मा यहाँ हमारे पहचान के कोई नहीं हैं इसलिए हमें होटल में रहना पड़ेगा थोड़ी देर की ही बात है शाम को चार बजे हमारी वाशिंगटन की फ़्लाइट है एयरप्लेन की बात सुनकर उनके पेट में कुछ होने लगा क्योंकि उन्होंने तो फ़्लाइट कभी देखा भी नहीं था अगर आकाश के पास नहीं गई तो वह उस फ़िरंगी लड़की से शादी कर लेगा उससे आकाश को बचाना है तो मुझे जाना ही पड़ेगा मेरे पास और कोई चारा नहीं है न चाहते हुए भी अम्मा को हाँ कहना पड़ा होटल जाते हुए अम्मा ने बड़ी बड़ी इमारतों को आँखें खोलकर देख रही थी अपने गाँव के बाहर उन्होंने कभी कदम भी नहीं रखा था देखते देखते वे होटल पहुँच गए , पाँच सितारा होटल था। एक ही रूम लिया क्योंकि श्याम की फ़्लाइट थी हमारी ......अम्मा ने पूरी और सब्जी का डब्बा खोला दोनों ने उसे ही खाया क्योंकि वे बाहर का खाना नहीं खाना चाहती थीं...

फिर वे थोड़ी देर सो गई। श्याम ने कहा मौसी चलिए तैयार हो जाइए हमें निकलना है, अरे बेटा बस पाँच मिनट में तैयार हो जाती हूँ आँख लग गई थी कहते हुए अंदर चली गई.....


क्रमश:

     भाग —-३

शाम को पाँच बजे तक एयरपोर्ट पहुँच गए वहाँ की रोशनी और बड़े बड़े काँच के दरवाज़ों को देख उन्हें ऐसा लगा जैसे वे इंद्र की सभा में आ गईं हैं। उन्होंने ने श्याम का हाथ डरकर पकड़ लिया और कहा चल वापस चलते हैं मुझे डर लग रहा है श्याम ने कहा मौसी यहाँ तक आ ही गई हैं तो चलिए उसकी शादी में आप नहीं रहेंगी तो उसे बुरा लगेगा ...नहीं श्याम मेरे बारे में उसे ख़याल होता तो इस तरह मेरी इजाज़त के बिना फ़िरंगी से शादी की बात नहीं सोचता 

उनकी आँखें भर आई। श्याम ने उनका हाथ पकड़ा और चलने लगा। कभी गाँव से बाहर भी कदम न रखने वाली अम्मा एयर इंडिया वाली फ़्लाइट में बैठ गई। थोड़ी ही देर में एक बहुत ही सुंदर सी लड़की अम्मा के पास आकर पूछती है मेम do you want water अम्मा ने कहा मेम नहीं अम्मा कहो और उन्हें समझ में नहीं आया कि वह क्या पूछ रही है श्याम ने कहा मौसी वह पानी चाहिए है क्या पूछ रही है अम्मा ख़ुश हो गई कि जान न पहचान पर पानी के लिए पूछ रही है कितने अच्छे संस्कार हैं। श्याम पूछ उससे माता पिता कौन हैं अपने आकाश के लिए पूछती हूँ इतनी अच्छी-अच्छी लड़कियों को छोड़कर उस फ़िरंगी के पीछे पड़ा है श्याम ने कहा मौसी यह एयर होस्टेस है उनका जॉब है हर किसी के साथ वे ऐसा ही बात करती हैं। थोडी ही देर में वह लड़की ब्रेड बटर लाती है वह लड़की मौसी को भा गई थी इसलिए उसे देखकर भी कुछ नहीं कहा कोई दूसरा होता तो न मालूम क्या हाल करतीं। उस लड़की से कहा जब मैं बीमार थी तब मैंने इसे खाया था अब तो मैं भली चंगी हूँ तो मैं क्यों खाऊँ उस लड़की ने कहा if you want any thing you can ask us ma’am अम्मा को समझ तो कुछ आया नहीं पर श्याम से कहा बेटा अच्छा पूरी सब्जी या कुछ और बनाकर खिला सकते हैं न श्याम ने कुछ नहीं कहा सिर्फ हँसने लगा.... चल बहुत हँस लिया वहाँ मेरे बैग में अचार है पकड़ा दे खा लेती हूँ खाने के बाद उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली वे इधर-उधर हिल रही थी उन्हें देख श्याम ने कहा मौसी बाथरूम जाओगी मौसी ने कहा नहीं रे नीचे जाने वाले लोगों पर गिरेगा श्याम ने एयरहोस्टेस को बुलाया और मौसी की मदद करने के लिए कहा फ़्लाइट में भी बाथरूम है जानकर अम्मा को हैरानी हुई। तभी फ़्लाइट फेसफिक महासागर के ऊपर से जाने की एनाउंन्समेंट हो रही थी अम्मा ने कहा श्याम खिड़की खोल न थोड़े पैसे डालूँगी और सागर को प्रणाम करूँगी श्याम ज़ोर से हँसने लगा मौसी खिड़की खोलें तो फ़्लाइट में हवा भर जाएगी और गिरने की संभावना होती है इसलिए सारे खिड़की दरवाज़ों को बंद कर देते हैं। 

यह सब गोरों की माया है मालूम नहीं और क्या क्या देखने को मिलेंगे सोचते हुए सो गई। अचानक बहुत बड़ी आवाज़ के साथ उनकी नींद खुली देखा तो श्याम चाय पी रहा था यह आवाज़ कैसी है श्याम मुझे तो डर लगा कि फ़्लाइट न गिर गई हो श्याम ने कहा मौसी हम आ गए हैं दस मिनिट फ़्लाइट रुकने वाली है, अपने गाँव से बाहर कदम न रखने वाली अम्मा अब अमेरिका की धरती पर उतरने वाली थी। 

क्रमश:


 भाग-4 

अम्मा सूती साड़ी सर पर पल्लू और हाथ में सूती बेग के साथ अमेरिका की धरती पर पैर रखती हैं। आकाश और मारिया दोनों आए थे अम्मा ने सोचा मारिया मेम साहेब के समान छोटे बाल और फ्रॉक पहन कर आएगी पर वह तो साड़ी और सर पर पल्लू लेकर हाथों में चूड़ियाँ पहनकर खड़ी थी एक बार उसे देखते ही अम्मा का दिल पिघल गया फिर उन्होंने सोचा नहीं मेरे बेटे ने उससे यह फ़ैन्सी ड्रेस डलवाया होगा कल से फिर अपने ही रंग में रंग जाएगी। 

ऐसा सोचते हुए सीढ़ियों पर पैर रखा यह क्या वे तो अपने आप चलने लगीं हैं श्याम ने मौसी को पकड़ लिया ताकि वे आगे की तरफ़ न गिरे फिर बताया मौसी इसे एस्केलेटर कहते हैं , मौसी ने कहा बहुत बढ़िया है इन गोरों का मायाजाल चलने वाली सीढ़ियाँ , उड़ने वाले कमरे ( लिफ़्ट) 

जैसे ही वे बाहर आए आकाश छोटे बच्चों की तरह माँ से लिपट गया अम्मा भी गदगद हो गई और कहा क्या है बेटा इतना कमजोर हो गया खाना ठीक से खाता नहीं है क्या....तभी ऐसा लगा जैसे किसी ने पैर छुए देखा तो मारिया थी पैर छूकर उसने कहा सफ़र कैसा था माँजी....अम्मा ने उसकी तरफ़ भी नहीं देखा और आगे निकल गई आकाश को बहुत बुरा लगा पर मारिया हँसते हुए उनके पीछे चल दी। 

घर पहुँचते ही श्याम ने कहा मौसी अब मैं चलता हूँ शाम को मिलूँगा कहकर चला गया। अम्मा ने नहा धोकर खाना खाया और कुछ देर आराम करके उन्होंने आकाश को बुलाया यह क्या है बेटा तुम्हारी माँ अभी ज़िंदा है इस बात को भूल गए क्या ? मैंने कितने सपने देखे थे तुम्हारी शादी को लेकर, मेरे सारे अरमानों पर तुमने पानी फेर दिया। यह फ़िरंगी ही मिली तुम्हें शादी के लिए और कोई नहीं मिला मैंने यही संस्कार तुम्हें दिए थे। कोई बात नहीं है आकाश मेरी बात मान और चल अपने गाँव चलते हैं और किसी अच्छी लड़की से तुम्हारी शादी करा दूँगी। आराम से वहीं साथ रहेंगे। 

आकाश को ग़ुस्सा नहीं आया क्योंकि उसे मालूम था कि इस स्थिति का सामना तो करना ही है। आकाश ने कहा माँ शांति से मेरी पूरी बात सुनिए फिर बताइए कि मैंने ग़लत किया है सही..... दस महीने पहले जब मैं यूनिवर्सिटी से आ रहा था मेरा एक्सिडेंट हो गया था , मारिया जो मेरे साथ पढ़ती थी उसने मुझे देख कर अस्पताल पहुँचाया दो महीने तक रात दिन उसने मेरी सेवा की....... माँ जब छोटा था मुझे बुखार आया था रात दिन आपने मेरा ख़याल रखा था ठीक वैसे ही मारिया ने मेरा ख़याल रखा था माँ उस पल मुझे आप ही उसमें दिख रही थी तब मुझे लगा वही मेरी जीवन संगिनी बनने के काबिल है बोलिए न माँ मैंने ग़लत किया क्या? अम्मा ने कहा बेटा इतना बड़ा एक्सिडेंट हो गया और तुमने मुझे बताया भी नहीं मैं इतनी परायी कब से हो गई कहते - कहते उनके आँखों से आँसू बहने लगे ....... सब सुनकर अम्मा ने चुप्पी साध ली, रात भर जगकर माता को याद करती रहीं और मारिया को दुआएँ देती रहीं। 

दूसरे दिन सुबह मारिया फिर सुंदर सी साड़ी पहनकर कचौड़ी बनाकर लाई और कहा नमस्ते मम्मी जी कैसी हैं ? आप मैंने जवाब तो नहीं दिया पर हँसते हुए अंदर चली गई। आकाश और मारिया दोनों बात कर रहे थे मैं अंदर से आई और अपनी शादी की चार चूड़ियों को निकाल कर मारिया के हाथ में पहना दिया दोनों बहुत खुश हुए और पैर छूने के लिए झुके मैंने उन्हें उठा कर गले लगाया...अगले हफ़्ते दोनों की शादी पीट्सबर्ग के बालाजी मंदिर में हो गई , मैंने कहा मुन्ना अब मैं वापस नहीं जाऊँगी यहीं तुम लोगों के साथ ही रह जाऊँगी, मेरा तो वहाँ कोई भी नहीं है सुनकर आकाश और मारिया दोनों खुश हो गए क्योंकि वे सोच रहे थे कि माँ को कैसे रोकें उन्होंने तो उनकी मुश्किल आसान कर दी थी। अम्मा एक रात सोई फिर नहीं उठीं उन्हें देख ऐसा लग रहा था जैसे उन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी इन छ: महीनों में ही जी लिया है। मारिया ने एक बच्ची को जन्म दिया जिसका नाम उन्होंने सरस्वती रखा जो बड़ी अम्मा का नाम था। 



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