Kishanlal Sharma

Tragedy

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Kishanlal Sharma

Tragedy

अछूत

अछूत

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"तुम्हारे अंश ने मेरे गर्भ मे जगह बना ली है।अभी यह बात सिर्फ मुझे मालूम है, लेकिन ज्यादा दिन तक छुपी नहीं रह सकती।"

'किसी को पता चले,उससे पहले। सफाई करवा लो।"निशी की बात सुनकर करन बोला।

"नन्ही जान को संसार मे आने से पहले मरवा डालने की  सलाह दे रहे हो ?"

"इसके  अलावा और क्या उपाय है ?"

"है  क्यों नहीं, शाादी कर लो। किसी को पता नहीं चलेगा।"

"शादी और तुमसे ?"निशी की बात सुनकर करन बोला, "तुम अछूत हो।  अछूत को हमारे घर कि देहरी भी नहीं  लाँघने देते और तुम मेरे से शादी की बात कर रही हो।"

"शादी के नाम पर में अछूत हो गई। मेरी देह से खेलते समय में कभी अछूत नहीं लगी।" करन की बात सुनकर निशी तिलमिला गई।


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