Neha Sinha

Drama

5.0  

Neha Sinha

Drama

अब तो तुम सास बनने वाली हो

अब तो तुम सास बनने वाली हो

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आज राहुल मेरे इकलौते बेटे के लिए लड़की देखने का कार्यक्रम बना था इसलिए बिन्नी मेरी छोटी ननद भी अाई हुए थी। मैंने और बिन्नी ने तैयार होना शुरू किया जाने के लिए । और मुझे तैयार होते देख बिन्नी बोली " अरे भाभी! आप क्यों इतना तैयार है बहू देखने जा रही हो, तो सास जैसी लगों भी तो। अब हल्के रंग पहनना शुरू करो और थोड़ा तैयार भी कम हुआ करो। बिन्नी के ऐसा बोलने पर मैंने साड़ी चेंज कर ली और लिपिस्टिक भी साफ करके हल्के रंग की लगा ली । बालों को भी बांध कर चोटी गूंथ ली। और खुद को शीशे में देख कर सोच में पड़ गई क्या सच में मै इतनी बूढ़ी हो गई हूं सास बनने जा रहीं हूं तो क्या हुआ। अब मुझे क्या बहू के लिए अपनी पसंद बदलनी पड़ेगी।

थोड़ी देर बाद बाहर से राहुल की आवाज अाई " मम्मी देर हो रही है आज तो कम समय लगाओ तैयार होने में अब तो आप सास बनने वाली हो अब आपको क्या ज्यादा तैयार होना "। मुझे बुरा तो बहुत लगा लेकिन बस जल्दी जल्दी निकल पड़े हम लोग । रास्ते में राहुल के पापा मेरा बुझा चेहरा देख कर बोले " क्या हुआ तबियत ठीक नहीं क्या? या समय नहीं मिला क्या तैयार होने का साड़ी भी कैसी पहनी है"। ये बिन्नी ने पसंद की है बोली यहीं पहनना भाभी। क्यों अच्छी नहीं लग रही ? नहीं ठीक है लेकिन बहुत मरा मरा सा रंग है। तुम्हे कहां पसंद है ऐसा और तुम पर अच्छे भी नहीं लगते ऐसे रंग। अब तो आप आदत डाल ही लो अब बहू आने वाली है । मै तो बूढ़ी हो गई । किसने कहा तुम बूढ़ी हो गई । इन्होंने मुझे चिढ़ाते हुए बोला।

पहुंच गए हम लोग लड़की देखने। रोशनी था लड़की का नाम वो अाई हमसे मिलने, एकदम सादगी भरी हल्के पीले रंग का सूट पहने हुए और कोई मेकअप नहीं चेहरे पर। साधारण से बाल बंधे हुए। लेकिन बहुत ही प्यारी गुड़िया जैसी लगी मुझे। राहुल को भी रोशनी पसंद आ गई। और तीन महीने बाद की तारीख तय कर दी शादी कि ।

आज दिन में मै, ये और राहुल गए शादी की शॉपिंग पर साड़ियों की दुकान पर बैठे थे हम और एक से एक साड़ियां देखते जा रहे थे । कई सारी साड़ियां पसंद की हमने रोशनी के लिए। शादी में आने वाले रिश्तेदारों के लिए । फिर राहुल के पापा बोले अपने लिए भी ले लो। मै देख ही रही थी कि तभी मुझे एक साड़ी दिखाई दी " भैया वो लाल वाली साड़ी जो वहां रखी है निकलना" । साड़ी देखते ही पहली नजर में पसंद आ गई मुझे लेकिन वैसे ही राहुल बोला ये साड़ी तो रोशनी के ऊपर बहुत अच्छी लगेगी मैंने भी हा में हा मिला दिया। आप अपनी उम्र के हिसाब से साड़ी लीजिए। ये कुछ बोलने जा रहे थे मैने इशारे से इन्हे चुप करा दिया। राहुल बेटा तुम ही अच्छी सी साड़ी पसंद कर दो मेरे लिए। हा मां देखना अभी पसंद करता हूं। और हल्के हल्के रंग की कई साड़ियां दिला दी मुझे।

हमेशा तो मुझे बहुत उत्साह रहता था नई साड़ियां लेने में । लेकिन इस बार मेरी पसंद की एक भी साड़ी नहीं थी उसमें। क्या सोचा था, कितनी उत्साहित थी मै, इकलौते बेटे की शादी में खूब शौक करूंगी लेकिन ये क्या हो रहा था मेरे साथ । क्या सास बनने से एक दिन में ही बूढ़ी हो गई? मै कल तक तो कितने शौक श्रृंगार करती थी। सब कितनी तारीफ करते थे । और आज हर कोई यहीं बता रहा है। सास बनने वाली हो। अब मुझ पर यह सब अच्छा नहीं लगेगा। एक दिन में मै कैसे अपना मन बदल लू कैसे अपने शौक बदल लू? पता नहीं क्यों लेकिन ये मरे मरे फीके फीके से रंग पहन पहन कर मेरा मन भी मर सा गया था।

शादी का समय भी आ गया सब मेहमान घर आ गए आज सुबह से मै पूरे घर में काम के चक्कर में इधर उधर घूम रही थी थोड़ी देर बाद मेरी बहन आ कर मुझसे बोली " ये घुंघरू वाली पायल चेंज कर, बहू के पैरो में अच्छी लगती है ऐसी पायल । तुम कहां छम छम करती घूम रही हो "। बहुत ही पसंद थी मुझे ऐसी पायल, अभी इसी साल शादी की सालगिरह पर दिलवाई थी इन्होंने। और उस समय मेरी यही बहन तारीफ करते थक नहीं रही थी पायल की। ऐसा मन में सोचते सोचते बदल ली पायल। फिर मैंने पूरी शादी में इसका खयाल रखा कि ज्यादा मेकअप न हो और न ही ज्यादा खिले खिले चटकीले रंग पहनूं। ज्यादा श्रृंगार न करू, सास जैसी दिखू ।

हो गई शादी भी और रौशनी घर आ गई। जैसा हमने उसे पहले दिन देखा था उसे वैसी ही थी वो शांत और सादगी भरी। नई नई दुल्हन थीं फिर भी ज्यादा शौक श्रृंगार से दूर। उसे देख देख कर और भी मेरा मन न होता सजने संवरने का। सोचती लोग क्या कहेंगे । आज मै और ये राहुल की शादी के बारे में बाते कर रहे थे तभी ये बोले क्या हो गया है तुम्हे? तुम क्यों इतना बदल गई हो ? न अच्छे से तैयार होती हो न सजती संवरती हो। तुम्हारी पायल की आवाज से तो मेरी नींद खुलती थी सुबह सुबह वो भी बदल ली तुमने। हाथों में भी ये कड़े पहन लिए पहले कहां तुम मुझसे खुद कहती थी चलो आज नई चूड़ियां दिलवा दो। मैंने अपनी उदासी छुपाते हुए बोली अब मै सास बन गई हूं न इसलिए बदलाव ज़रूरी है।

ये बोले " सास बनने से क्या पसंद बदल दोगी?

लेकिन मै क्या करू जब भी रौशनी को देखती हूं तो मन में यही आता है । वह तो बहू है और इतनी सादगी से रहती है और मै सास हो कर उसके सामने ज्यादा तैयार हूं तो कैसा लगेगा

ये बोले " तो वो रौशनी की पसंद है लेकिन जो तुम्हे पसंद है वो तुम करो "। और मै सोच में पड़ी थी लोग क्या कहेंगे, कई बार तो कहीं जाने के समय रोशनी को देख कर मुझे कपड़े बदले पड़ते मेकअप कम करना पड़ता।

आज दिन में सब के ऑफिस जाने के बाद मै रौशनी को पुरानी फ़ोटो दिखा रही थी। फोटो देखते देखते रौशनी बोली मम्मी आप की तो पहले से ले कर अभी मेरी शादी के पहले तक की कितनी अच्छी अच्छी फोटो है। कितना अच्छा मेकअप और कितनी सुन्दर साड़ी पहनी है सब में, लेकिन ये मेरी शादी से आप में बड़ा चेंज आ गया। ऐसा क्यों ? मैंने आप की अलमारी में भी बहुत अच्छी अच्छी साड़ियां देखी है लेकिन अब क्यों नहीं पहनती आप उन्हें ? मुझे तो ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने मेरी दुखती रग में हाथ रख दिया हो थोड़ी आंखे भी नम हो गई मेरी। रौशनी भी चिंतित हो गई क्या हुए मम्मी क्या बात है कुछ गलत पूछ लिया क्या आपको बुरा लगा ? नहीं बेटा क्या बताऊं ये सब बदलाव तो उस दिन से शुरू हुआ जिस दिन तुझे देखने आए थे। तेरी बिन्नी बुआ ने पहली बार अहसास दिलवाया था, अब सास बनने वाली हो थोड़ा रंग ढंग बदलो भाभी।

और पापा जी क्या वो भी ऐसा सोचते है। नहीं नहीं वो तो मुझे बहुत बोलते है। पहले की तरह रहा करो। शौक श्नगार करो। लेकिन अब ठीक भी है सास बन गई हूं मुझ पर अच्छा नहीं लगेगा ये सब बहू पर अच्छा लगता है , और तुम भी इतनी सादगी से रहती हो जबकि तुम नई बहू हो , अब मै क्या श्रृंगार करू मै तो सास हूं।

मम्मी ऐसा क्यों सोच रही है आप? आप सास बनी होंगी लेकिन मैंने तो हमेशा आपको माँ माना है । मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा कि आपकी बेटी यानी मेरे आते ही आपको इतना बदलना पड़े। आप जैसी थी वैसे ही रहिए सजने संवरने में पद की बाधा कैसी। आप राहुल की मम्मी थीं तब आप अच्छे से रहती थी मेरी मम्मी बनने के बाद आप क्यू बदलें। रही मेरी बात मै हमेशा से ऐसी ही हूं मुझे ज्यादा शौक नहीं। लेकिन शादी के बाद मै कहा बदली और आपने कभी ज़ोर भी नहीं डाला मुझे बदलने के लिए तो आप को मेरी वजह से अपने शौक बदलने की जरूरत नहीं।

चलिए अब ये सब साड़ियां हटा के रख दीजिए और कोई अच्छी सी साड़ी पहनिए। और मेकअप करिए। मन ही मन इतना प्यार आ रहा था अपनी गुड़िया जैसी बहू पर , मैंने तुरंत आंसू पोंछते हुए उसे लगे से लगा कर उसके गालों को चूम लिया। मेरे बेटे ने कभी मेरे मन की बात न जानी और मेरी बहू ने आज फिर से जीवन में रंग भर दिए । आज कई दिनों बाद मैंने बहुत मन से श्रृंगार किया और शीशे में देख कर खुद ही शर्मा गई। ये भी ऑफिस से आ कर मुझे देखते ही मुस्कुरा कर बोले आज कई दिनों बाद मेरी थकान फिर से दूर हो गई तुम्हे ऐसे देख कर। और राहुल भी घर आ कर बोला मम्मी बहुत अच्छी लग रही है आप ऐसे ही रहा करिए।


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