२४ घंटे सभी के लिए
२४ घंटे सभी के लिए
सोसायटी में एक नई फैमिली कुछ दिनों पहले ही रहने आयी। घर में पति पत्नी, दो बच्चे और सास ससुर थे। आए हुए कुछ ही दिन हुए थे कि फलक सुबह सुबह जॉगिंग सूट पहन कर कान में हेड फोन लगाए निकली और आस पास की महिलाएं उसे देखती रह गई । फिर अक्सर अपनी गाड़ी से आती जाती हुए नजर आ जाती। देखने में भी एकदम स्मार्ट और स्टाइलिश। ज्यादा न किसी से बात करना, अपने काम से काम रखना। कोई बात कर ले तो मुस्कुराकर जवाब दे देती। बस ऐसी ही थी फलक।
धीरे धीरे सोसायटी की गॉसिप गैंग के बातों का हॉट टॉपिक बन गई फलक। आए दिन सब फलक की ही बातें करते। फलक रोज़ बच्चों को स्कूल बस में बैठा कर जॉगिंग करने निकलती और उसी समय दूसरी तरफ गॉसिप गैंग गार्डन में एक्टिव रहता।
सब लेडीज बातें करती जरूर घर में कोई काम नहीं करती होगी। हमें देखो बच्चों को स्कूल भेजने के बाद घर का कितना काम होता है सास ससुर को भी देखना होता है। ऐसे में कैसे ध्यान रखें खुद का। किसी ने कहा बहुत कंजूस हैं कामवाली भी नहीं लगाई है। तो पक्का सास काम करती होगी। नहीं तो हमें देखो कहाँ समय मिलता हैं, की खुद के लिए शॉपिंग पर भी चले जाएं। किसी ने कहा बहुत घमंड भी है इसे, किसी से बात नहीं करती। हम यहां रोज़ बैठते है लेकिन कभी आई नहीं हमसे मिलने।
भले ही सब फलक की बुराई करते हो लेकिन सब के मन ये बात थी कि ये क्या करती है, कैसी है, कैसा रहन सहन है इसका, कैसे इतनी खुश दिखती है ? सब की जिज्ञासा धीरे धीरे बढ़ रही थी। सब ने प्लान बनाया चलो एक दिन साथ में उसके घर चलते है और पता करके आएंगे "आखिर ये चीज़ क्या है"?
फिर एक ने बोला "लेकिन ऐसे उसके घर जाने से कुछ पता नहीं चलेगा। सच तो उसकी सास बताएगी। तो ठीक है मै अपनी सासू माँ को बोलती हूं शाम को सत्संग के बहाने साथ ले जाए उसकी सास को बस फिर क्या, सब पता चल जाएगा।“
यह भी आज़मा कर देख लिया लेकिन फलक सास तो बस गुण गान ही करती हैं बहू की ,ऊपर से उसके सास की संगति में मेंरी सास उससे तुलना करने लगी मेंरी। संयोग से सोसायटी की लेडीज़ न्यू मेंबर्स मीटिंग रखी गई और उसमें नए लोगों को परिचय के लिए बुलाया गया। मीटिंग शुरू हुई सबने अपना परिचय देना शुरू किया। फलक की बारी आते ही सब ध्यान से सुनने लगी। फलक ने अपने बारे में बताया, वह एक गृहिणी हैं। अपने परिवार के बारे में और अपने शौक़ के बारे में बताया उसे पेंटिंग करना अच्छा लगता हैं और वह इसकी ट्रेनिंग भी देती हैं।
उसके जाने के बाद सब सोचने लगीं साधारण सी तो हैं फलक क्या खास हैं ? हम सब की तरह वो भी परिवार संभालती हैं। पति, बच्चें और सास ससुर का ध्यान रखती हैं। घर का सारा काम करती हैं। तो खास क्या हैं उसमें? खास ये है कि ये सब करते हुए वो खुश रहती हैं। अपनी सेहत का ख्याल रखती है । अपने शौक को भी अभी तक जिंदा रखा है । और हम क्या करते हैं ? दूसरों की जिंदगी में क्या चल रहा है उसके ताक झांक में ही लगें रहते हैं। हम जो भी काम करते हैं वो तो अपने घर का और अपनों का ही हैं तो रोज़ रोज़ का रोना कैसा? घंटों गॉसिप करते समय का दुरुपयोग करतें हैं और सोचते हैं हमारे पास समय कहां? दिन के "२४ घंटे तो सभी के लिए हैं " और यह हम पर निर्भर करता है हम समय का कितना उपयोग कर पाते हैं।
