I'm Neha and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsमुझे तो अहसास ही नहीं था अभी तक उन्हें हमसे कितना लगाव है सच असली मज़ा तो अपनों, अपने परिवार के साथ ही है जीवन का।"
Submitted on 28 Jun, 2019 at 13:23 PM
सच शादी के बाद बच्चों के साथ शायद इसी तरह से बारिश का सच्चा आंनद लिया जा सकता है।,एक कप चाय चंद पकौड़े और बच्चों संग मस्त...
Submitted on 19 Jun, 2019 at 19:53 PM
सुनो न हम जो इतने दिनों से बातें कर रहे थे, बदले-बदले से मिजाज़ के बारे में पापा-मम्मी के; लगता है आज मुझे पता चल...
Submitted on 12 May, 2019 at 19:50 PM
हम जो भी काम करते हैं वो तो अपने घर का और अपनों का ही हैं तो रोज़ रोज़ का रोना कैसा? घंटों गॉसिप करते समय का दुरुपयोग कर...
Submitted on 12 May, 2019 at 18:53 PM
जिसके पास जो चीज नहीं होती सही मायने में उसे उस चीज की कीमत पता होती हैं
Submitted on 11 May, 2019 at 21:04 PM
रोज चला जाता मै मछली पकड़ने। अम्मा गुस्साते हुए " फिर वही बात चुप हो जा अब"। तभी मंगलू को याद आया उसकी पैंट की जेब मे...
Submitted on 09 May, 2019 at 21:01 PM
इस बार सच में माँ की बातें मुझे समझ में आई और खाना बनाने को लेकर मेरा नजरिया बदल गया।
Submitted on 29 Apr, 2019 at 18:57 PM
मुझे तो ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने मेरी दुखती रग में हाथ रख दिया हो थोड़ी आंखे भी नम हो गई मेरी। रौशनी भी चिंतित हो गई
Submitted on 15 Apr, 2019 at 13:05 PM
कितना ज्यादा ध्यान लगाना पड़ता हैं और अंतिम दिन तो ऐसा लग रहा था कि कार नहीं प्लेन चलाना सीख गई हूँ ।
Submitted on 28 Mar, 2019 at 13:17 PM
मैं सोच में पड़ गई कि वे पहले सच बोल रहे थे, या अब।
Submitted on 19 Mar, 2019 at 07:56 AM
"लेकिन आप को सरप्राइज कैसा लगा ? ये तो बताइये पहले...." सब लोग खिलखिला कर हँस दिए बस.....!
Submitted on 19 Mar, 2019 at 06:09 AM
" किसने कहा तुझे? मैं जानती हूँ उसे खूब पसंद हैं मीठा। तुम लोगो की फरमाइशें पूरी करने के चक्कर में हर बार अपना मन मार ले...
Submitted on 13 Mar, 2019 at 11:15 AM
मुझे हौसला मिल गया। फिर पूरे दिन मैंने वहीं साड़ी पहनी, लोग बातें बनाते रहें।
Submitted on 13 Mar, 2019 at 11:10 AM