आपकी लीला

आपकी लीला

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अब तक तुम्हें समझ में नहीं आया जो तुम इस तरह की बातें करती हो ! कम से कम कुछ तो तुम्हें इस बारे में सोचना चाहिए यार, तू इतनी लापरवाह कैसे हो गई ? अब मैं कहूं भी तो क्या कहूं ! तुमसे तुम्हारा बच्चा छीन लिया, कौन सी घुटी पिलाई है तुम्हें जो तुमको वो बंदा सही लगने लगा है !

नहीं, सही लगने जैसा कुछ नहीं पर ऋषि उसका भी तो बेटा है फिर ऋषि को भी तो फादर की जरूरत है वो भी तो अभय को बहुत प्यार करता है, मिस करता है इसीलिए मैंने ऐसा किया है फिर एक हफ्ते की ही तो बात है आ जायेगा वापस। अभय को देखते ही देखा नहीं ऋषि उससे बेताहाशा लिपट गया था। फिर मम्मी जी भी तो वहां हैं ना !

वो तो ठीक है लेकिन इतना ही अपने बेटे को प्यार करता था तो छोड़ कर गया ही क्यों, वो भी उस औरत के लिए जो उसकी कुछ नहीं है वो ही उसका दीवाना बना फिरता है लेकिन अभय और तुम्हारी लव मैरिज थी ना फिर भी वो उसके चक्कर में ? अब उसका कहना है कि वो तुमसे नहीं बल्कि उस छमकछल्लो से प्यार करता है, कुछ दाल में काला है !

बात तो तुम्हारी ठीक ही है पर केवल दाल में ही कुछ काला नहीं पूरी दाल ही काली है और यही पता लगाना है इसमें तेरी मदद चाहिए, करेगी ?

अरे तुम्हें ऐसा पूछते हुए शर्म नहीं आती ? 

आती है, कहते हुए शिखा हंस पड़ी, अच्छा सुन तू तो सब जानती ही है ऋषि के जन्म के एक साल बाद अभय और लीला का सिलसिला चल पड़ा, पहले अभय लीला से कटता था वही उसके आगे-पीछे घूमती रहती थी वो उसे घास तक नहीं डालता था,

अक्सर टालता रहता,

फिर पता नहीं क्या हुआ,

मैं दो-दिन के लिए राखी पर घर गई हुई थी तब से ‌मेरे आने के बाद पूरा माहौल ही बदला हुआ था अभय एकदम से मानो उसका हो गया था,

लीला ने पता नहीं क्या लीला की,

कि सबकुछ हिल गया ! कैसे हिला ? क्यों हिला ? यही पता लगाना है। 

ओके,

वी विल ! पर तुम्हें ऐसा क्यों लगता है ?

वो ऐसा इसलिए कि अबतक जिस औरत से कतराता आया है उसी से इस तरह बेइंतहा प्यार करने का दावा करता है,

सिर्फ दो दिन में ! ऐसा क्या हो गया,

मेरी तो कुछ समझ में नहीं आता ! अभय का चेहरा देख ना, कितना उदास और मुरझाया हुआ लगता है,

गुस्सा तो आता ही है पर दया भी आती है कुछ तो उसके साथ ग़लत हो रहा है !

अरे ओ दरियादिल मॅडम, क्यों भूल रही है कि इसी अभय ने उस औरत के कारण तुम्हें तलाक़ देने की तैयारी कर ली और तुम,

ठीक है, जो करना है करो, मैं साथ देने को तैयार हूं। तुम कहती हो तो मान लेती हूं मगर मुझे तुम्हारे उस पर बहुत गुस्सा है !

अरे मेरी मां गुस्सा तो मुझे भी है पर उससे प्यार भी करती हूं और जब तक सारा सच जान न लूं तब तक अभय से मैं न पूरी तरह से कट पाऊंगी और न ही जुड़ी रही पाऊंगी,

ऐसे में ऋषि पर भी ध्यान नहीं दे पाती हूं,

किसी भी काम में मेरा मन नहीं लगता ! इससे मेरे कॅरियर पर भी इफेक्ट हो रहा है और इन सबसे बचने के लिए, इस पार या उस पार होने के लिए ये सब करना जरूरी है लेकिन अभय और लीला को उसकी भनक नहीं लगनी चाहिए,

इसके लिए कोई ऐसा बंदा चाहिए जिसे ये दोनों ही जानते न हों !

ओके, हो जायेगा। मेरी जेठानी का भाई जो पिछले एक साल से यहां है पुलिस इंस्पेक्टर रजत शर्मा सीबीआई में है उससे बात करती हूं।

करती हूं नहीं, आज ही करनी है और मुझसे भी मिलवाना है पर सबसे सीक्रेट रखना है, समझी ?

जी बिल्कुल मॅडम ! चलती हूं, कल मिलते हैं।

कल नहीं आज ही।

हां बाबा, कोशिश तो आज की रहेगी, उससे बात तो करूं आज वो फ्री है कि नहीं !

ठीक है मुझे तुम्हारे फोन का इंतजार रहेगा।

अंजलि ने रजत से बात की और वो मिलने को भी तैयार हो गया, शाम के पांच बजे मिलने का वक्त मुकर्रर हुआ शिखा के घर पर मिलना तय रहा,

वहीं मिलना सेफ भी था अभय तो वैसे ही साथ में रहता नहीं है इसलिए वो आयेगा भी नहीं । रजत ने सिविल ड्रेस में मिलना ही उचित समझा,

सब सीक्रेट जो रखना था। शिखा ने आॅफिस से हाफ डे ले लिया और चार बजे ही आ गई थी, आते हुए स्नेक्स भी लेकर आई। ठीक पांच बजे वे लोग भी पहुंच गए, शिखा ने चाय बना ली तब तक,

चाय नाश्ते के साथ ही तीनों बैठे। कुछ देर बाद रजत ने ही कहा - हां शिखा जी बताइए अपनी प्रोब्लेम,

मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूं ? शिखा ने शुरूआत से सारा माजरा बयान कर दिया। ठीक है,

हो जाएगा पंद्रह दिन दीजिए,

हम सोलहवें दिन मिलते हैं !

जी,

बिल्कुल ! शिखा ने कहा। फिर कुछ देर यूं ही इधर-उधर की बातें होती रही। इसी दौरान रजत का सेलफोन बज उठा,

काॅल रिसीव करने से पहले बोला - अब इजाजत दीजिए और फोन पर हॅलो बोलते हुए निकल गया।

पंद्रह दिन बाद शिखा के ही घर पे मिले। शिखा के दिल की धड़कनें तेज हो गई, मन ही मन सोच रही थी पता नहीं क्या खबर होगी ! रजत बिना किसी भूमिका के बोला - आपका सोचना सही है, अभय को फंसाया जा रहा है ! आपकी लीला ने बहुत बड़ी चाल खेली है ! शिखा और अंजलि ने अपनी सवालिया निगाहों को रजत के चेहरे पर टिका दिया ! अजी, आपकी लीला के साथ तो मुझे भी लीला करनी पड़ी ! दो दिन उसे फाॅलो किया तीसरे दिन से इश्कबाजी ! चार-पांच दिनों तक तो फ्लर्ट,

और फिर मेरे बारे में सब अच्छी तरह से जानकर तसल्ली भी कर ली कि लोगों को फंसाने में उसके काम आ सकता हूं तो उसका प्यार मुझपर ढुलने लगा खुद ही अपने भांडे फोड़ती गई,

एक दिन फाॅम में आकर बोली - अपन दोनों मिलकर सोलिड कमा सकते हैं !

ये तो एकदम धांसू आइडिया है पहले अपन पुरानों को संभालते हैं, मेरे हाथ में पांच लोग है,

तेरे पास कितना ?

मेरे पास ज्यादा कुछ नहीं,

बस एक ही है लेकिन है सोलिड ! पनवेल में उसका बहुत बड़ा फाॅर्म हाऊस है, गोरेगांव में उसका चार बेडरूम का फ्लॅट है बीवी को तलाक़ देकर मेरे साथ शादी करने वाला है, शादी से पहले ही सब अपने नाम करवाने वाली हूं !

तुमसे बहुत प्यार करता है,

वाह क्या बात है !

 प्यार- व्यार कुछ नहीं,

वो तो मुझे घास भी नहीं डालता था,

एक दिन जब इसकी बीवी दो दिन के लिए बाहर गई हुई थी तब इसके घर पर गई और उसके न चाहते हुए भी उसके साथ रही , उससे मिन्नतें की - एक दिन के लिए तो अपने प्यार का अहसास होने दो, समझूंगी पूरी जिन्दगी जी ली,

बस, इस तरह अपने प्यार की दुहाई दी और कहा - बस एक ही इच्छा है मेरी कि एक बार तुम्हारे लिए खाना अपने हाथ से तुम्हारे ही घर में बनाकर तुम्हें खिलाऊं, यह अहसास तो भले एक दिन के लिए ही सही पर जीना चाहती हूं, जी लेने दो,

जो मेरे लिए पूरी जिन्दगी से कम नहीं होगा सुबकते हुए कहा,

भोले भंडारी को आ गया मुझपे तरस ! मार दी अपने पांव पर कुल्हाड़ी ! आगे तुम समझ सकते हो क्या हुआ होगा !

अरे यार, सुनने में बड़ा मज़ा आ रहा है,

बताओ ना, प्लीज़।

खाने के साथ नशे की दवा खिला दी और फिर ये देखो, एकदम बिना कपड़ों के आपत्तिजनक वीडियो और तस्वीरें, बुरी तरह से फंस गया बेचारा,

मैंने प्रोपर्टी के पेपर्स भी बनवा लिए हैं अगले महीने की बीस तारीख को शादी है उसी दिन साइन भी करवा लूंगी !

 शादी कर लेगी,

फिर मेरा क्या होगा ? तू तो मेरी पार्टनर है !

 शादी किसे करनी है ! उसका तलाक न होने का बहाना करके मना कर दूंगी,

अब तो अपन पार्टनर है तू किस दिन काम आयेगा ?

यार, तेरा तो प्लान भी सोलिड और बंदा भी,

वाह - वाह,

मजा आ गया ! चल फिर मिलते हैं। 

तेरे पांच बता ना !

कल मैं सब बताता हूं ना,

सुनकर तू चक रह जाएगी, अपन का प्लान भी कम मत समझना,

बोले तो एकदम सोलिड ! चल गुडबाय बोलने का अब,

अपन चलता है !

लीजिए सारा कच्चा चिट्ठा, अभय को भी बुला लीजिए।

लेकिन आयेंगे नहीं बुलाने से भी फिर भी कोशिश करती हूं।

कहिए बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ गई है,

बच्चे का सुनकर तो आना ही चाहिए और वहीं हुआ घबराया हुआ आॅफिस से पच्चीस मिनट में आ गया लेकिन सामने इंस्पेक्टर रजत को देखकर तो सिटीपिटी गुम,

! सर आप ? ऋषि कहां ?

अभय जी सब ठीक है नथिंग टू वरी,

टेक इट ईजी ! इत्मीनान से बैठिए फिर कुछ सुनिये और देखिए,

रजत ने मोबाइल आॅन किया,

जैसे-जैसे रिकाॅर्डिंग सुनता गया अभय हैरान होता गया,

इतना बड़ा धोखा ! मैंने तो सोचा था मुझसे गलती हुई !

हुई नहीं करने जा रहे थे आप पर आपकी पत्नी को भरोसा था लेकिन आपको खुद ही खुद पर भरोसा नहीं था ! काश आपको भरोसा होता तो आप और आपका परिवार इस तरह सफर नहीं करते ! किसी भी रिश्ते में कितना जरूरी है भरोसा !

आय म वैरी सौरी शिखा,

माफी के लायक़ तो नहीं फिर भी हो सके तो अपने अभय को माफ कर देना ! इस लीला को तो छोड़ूंगा नहीं,

आखिरकार उसने अपना कर दिखाया था कि तुम्हें मुझसे दूर कर देगी,

 ओह,

उसने अपनी हदें तोड़ ही दी,

सौरी,

रियली,,,, रियली सौरी,

फोरगिव मी यार,,,,

 अभय भाई यह शिखा के कारण ही लीला से पीछा छूटा है !

 कहां, उसके पास तो वो सब।

वो सब कुछ नहीं,,, इस वक्त वो हवालात की हवा खा रही है, चलिए,

मिलवाता हूं आपकी लीला से !

रजत भाई, सबसे ज्यादा तो इन सबमें आपकी लीला है ! किस तरह आपका शुक्रिया अदा करूं,

मेरी सहेली का घर बचा लिया !

अंजलि,

यार तू भी तो मेरी बहन है,

तेरी सहेली, मेरी सहेली ! कहते-कहते ठठाकर हंस पड़ा, साथ ही सब लोग भी ! अभय को छेड़ते हुए रजत कहता है - वाकई आपकी लीला का तो जवाब नहीं ,

सच में अभय जी,

सबके ठहाकों के साथ रजत का स्वर गूंज उठा - आपकी लीला अपरम्पार है ! 


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