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Neeraj Agarwal

Crime Inspirational Thriller

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Neeraj Agarwal

Crime Inspirational Thriller

आप और हम जीवन के सच.......... एक यथार्थ

आप और हम जीवन के सच.......... एक यथार्थ

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आप और हम जीवन के सच में आज हम सोशलमीडिया और संसारिक आकर्षण और रिश्ते सम्बन्ध जो छल फरेब और स्वार्थ से अंधकार में गरिमा के साथ मन की सोच और जवानी के गलत उमंग और प्यास का सच है बस हम सभी जीवन के रिश्तों में दर्द और एहसासों का सच और परिस्थितियों के साथ जरूर मन की सोच का मंथन करे। आओ पढ़े............ आप और हम जीवन के सच वो भी एक कटु सत्य और हकीकत की राह....           

रोहन एक नौजवान लड़का है और उसकी माँ आकर्षण मांसल देह वाली उन्मुक्त विचारों की महिला है और जब रोहन मात्र 4 वर्ष का रहा होगा तब उसके पिता का देहान्त एक कार एक्सीडेंट में हो गया था।

तब रोहन के पालन पोषण के लिए रोहन की आकर्षण देह वाली माँ परिवार समाज के लोगो से गुजर करने के लिए काम और सहयोग मांगा तब किसी ने उसे शरण न दी और वहशी नजरों से उसके शरीर के शोषण की सोच रखते बेचारी अपना तन को कहाँ ले जाए और घर के सगे चाचा से ही एक बार हमबिस्तर हुई उसकी दुनिया ही वासना के खेल में डूब गई बड़ा होता रोहन माँ के आँचल में वासना के ईमानदार समाज और सगे चाचा के संबंध को माँ के साथ अंतरंग संबंध के साथ बड़ा होता रहा माँ के साथ रोहन सोता था पता न माँ को न बेटे को चाहत का पता न चला और चाचा भी बीमारी से चल बसे तो रोहन और उसकी माँ कामना को धन सम्पति तो मिली परन्तु माँ बेटे भी अपने रिश्ते न पावन रख सके थे। आप और हम जीवन के सच में एक हकीकत को कल्पना की सोच समझे बस आजकल का दौर हम छल फरेब और स्वार्थ के साथ परिस्थिति का समझौता भी कहते है।           

रोहन की अब उसके बचपन से मानसिकता और अपनी माँ का शोषण और जवान माँ के साथ एक बिस्तर पर सोना और गलत संबंध का बीमार हो चला था।

अब उसकी माँ की तरह और भी नारी उसे मिलने लगी और अब उसे समाज में भी संभव बनाना एक धन और लालच अय्याशी का शौक लग चुका था। रोहन ही अब शारीरिक वासना के धंधे को अपना कर्म और रोजगार बना चुका था।          आप और हम जीवन के सच में आज यह कहानी एक सच और सोशलमीडिया पर ऐसे चरित्र आज भी ट्वीटर पर और अन्य सोशलमीडिया पर आज सच को समझ सकते है आज किसी को कोई धन का सहयोग और बच्चा गोद देने में सहयोग नहीं करेगा आज की नारी सतीत्व तो तब रखे जब पुरुष समाज की हवस वासना शारीरिक संबंध को खेल न समझे। आप और हम जीवन के सच में आज आधुनिक परिवेश में हम छल फरेब और झूठी शान के साथ जीते है और सरोगेसी आईवीएफ तकनीक के नाम पर शोषण और अव्यवस्था के साथ हम सभी जीवन के सच को केवल अपने स्वार्थ को छुपाकर नारी समाज के साथ हम सभी आप और हम जीवन के सच को भूलकर बस दिखावे में जीवन जी रहे है। आप और हम जीवन के सच में आज भी हम सभी जागरूक नहीं हुए तब आने वाले भविष्य में कहानी को सच के साथ ही पढ़ेगें।           

आप और हम जीवन के सच में पढ़ते रहे....... सच की कल्पना के साथ...


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