आखिर ये सही और गलत के बीच हैं क्या ?
आखिर ये सही और गलत के बीच हैं क्या ?
दुनिया में जितने लोग है और हम उन सब के नजरों से देखने लगे
तो फिर तो ये कभी रुकेगा ही नहीं, सही और गलत का शिलशिला
क्यों जब हम खुद के लिए खुद की जिंदगी के लिए
जिसे हमे जिनी होती, अगर खुद कुछ कर दे या सोच ले
तो वो गलत हो जाता है, और कोई और बोले हमारी जिंदगी
में और हम मान ले तो वो सही
आखिर ये सही और गलत के बीच है क्या"
क्यों जब हम समाज और दुसरो के कहने पर करे तो सही
और हम खुद से खुद के लिए कुछ सोच या कर ले तो क्या वो गलत
आखिर ये सही और गलत के बीच हैं क्या ?
