Ajay Singla

Thriller

4  

Ajay Singla

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आधा - अधूरा सपना भाग ६

आधा - अधूरा सपना भाग ६

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विपिन और अनु अब जल्दी जल्दी मिलने लगे थे। अब तो कभी कभी अनु भी दिल्ली उससे मिलने आने लगी थी। विपिन भी उसे पूरी दिल्ली घुमा चूका था। जब वो आगरा उससे मिलने जाता तो वो घंटों ताज महल में बैठे रहते। उनका प्यार अब परिपक़्व हो चुका था। अनु की कुछ सहेलिओं और विपिन के दोस्तों को भी सब पता लग गया था हालाँकि अभी उन्होंने अपने माता पिता को कुछ नहीं बताया था। माता पिता उन्हें बस अच्छे दोस्त ही समझ रहे थे।

उन दोनों का एम बी बी एस का आखरी साल चल रहा था। फाइनल पेपर भी नजदीक आ रहे थे। पढाई की भी अब चिंता होने लगी थी। दोनों ने आपस में ये फैसला लिया की अब हम दोनों फाइनल पपेरों तक आपस में नहीं मिलेंगे और फ़ोन पर भी कम ही बात करेंगे। विपिन अभी तक हर साल क्लास में अव्वल आता रहा था और वो नहीं चाहता था की इस साल कोई उससे आगे निकले। वो मन से पढाई में लग गया। फाइनल पेपर शुरू हो गए थे। अगले दिन मेडिसिन का पेपर था। उसकी तैयारी तो अच्छी थी पर सिलेबस इतना ज्यादा था कि उसे डर लग रहा था। रात में सोने से पहले उसे लग रहा था कि पेपर में वो सब कुछ् भूल जायेगा। ये सोचते सोचते वो सो गया और सपना शुरू हो गया। एग्जामिनेशन सेंटर में वो बैठा था और पेपर बंटने का इंतजार कर रहा था। वो काफी घबराया हुआ था। तभी इंविजिलेटर ने उसे पेपर पकड़ा दिया। जब पेपर उसके हाथ में आया तो पढ़ते ही उसकी हालत ख़राब हो गयी जैसे कि उसे कुछ भी नहीं आता हो। वो परेशान होकर इधर उधर देखने लगा। तभी इंविजिलेटर उसके पास आया और पूछा कि क्या बात है। वो उनको कुछ कहने ही वाला था कि सपना टूट गया।

विपिन हड़बड़ा कर उठा। उसका दिल जोरों से धड़क रहा था। पेपर से पहले हर बार उसको घबराहट होती थी पर पेपर हाथ में आने पर वो उसे लिखने में मशगूल हो जाता था और सब परेशानी भूल जाता था। पर ये तो कुछ और ही होने वाला था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि कल कल क्या होने वाला है। उसे लगा की वो कल पेपर में सब कुछ भूलने वाला है और इस पेपर में वो पास नहीं हो पायेगा। उसके बाद वो सो न सका। सुबह किसी तरह हिम्मत करके वो एग्जामिनेशन सेंटर में पहुंचा। वो अपने साथ कुछ नोट्स भी ले कर गया था पर पढ़ने में उसका मन नहीं लग रहा था। अंदर पहुँचते ही सब घटनाएं वैसे ही घटने लगीं जैसे कि सपने में थीं। जब इंविजिलेटर उससे पूछ रहा था तो वो बोला कि मेरे मुताबिक तो आज मेडिसिन का पेपर था पर आप ने सर्जरी का पेपर बाँटा है। वो ये भी सोच रहा था कि शायद उससे ही डेटशीट पढ़ने में गलती हुई है। पर जब उसने अपने अगल बगल देखा तो सभी की यही हालत थी।

 असल में इंविजिलेटर की गलती के कारन सर्जरी का पेपर खुल गया था जो कि दो दिन बाद था। जब इंविजिलेटर को अपनी गलती का एहसास हुआ तो उसने जल्दी से सब से पेपर वापिस लिया और मेडिसिन का पेपर बाँट दिए। विपिन को सब आता था और वो पेपर लिखने लग गया। दिल की धड़कन और चिंता ठीक हो गयी। पेपर ख़तम होने पर विपिन ने चैन की सांस ली। सभी लोग बात कर रहे थे के यार आज तो जान की निकल गयी थी। उस रात सभी ने जश्न मनाया और कैंप फायर किया। सभी लोग आज की घटना के बारे में बातें करके ठहाके लगा रहे थे और पीछे म्यूजिक सिस्टम पर गाना चल रहा था हवन करेंगे, हवन करेंगे, हवन करेंगे।

to be continued


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