आधा अधूरा सपना -भाग ५
आधा अधूरा सपना -भाग ५
आधा अधूरा सपना -भाग ५
जब विपिन एम बी बी एस के चौथे साल में पढ़ रहा था तो एक बार अनु से मिलने आगरा गया। अनु का एक क्लासफेलो जो लड़कों के हॉस्टल में रहता था उसके पास रुकने का प्लान बनाया। वो जब हॉस्टल पहुंचा तो रात के आठ बज चुके थे। उस लड़के का उस दिन जन्मदिन था और पार्टी चल रही थी। एक आध लोग शराब भी पी रहे थे। उस लड़के ने एक पैग विपिन के हाथ में भी थमा दिया। विपिन भी मना ना कर सका। थोड़ी देर बाद जब उसने अनु को फ़ोन किया और पार्टी के बारे में बताया तो अनु ने उसे शराब पीने के लिए फिर से डांटा। विपिन ने उसे सॉरी कहा। वो भी ये सोच रहा था की अनु के पास आने पर तो उसे नहीं पीनी चाहिए ही। ऐसे सोचते सोचते उसकी आँख लग गयी और फिर सपना शुरू हो गया।
वो शराब की बोतल हाथ में लिए हुए है और पूरी तरह नशे में है। तभी अनु उस के पास आती है और उसे और पीने से मना करती है। पर वो उसकी बिलकुल भी नहीं सुन रहा था। जब अनु उस की बोतल पकड़ने लगी तो उसने अनु को धक्का दे दिया। अनु नीचे गिर गयी और गिरते गिरते उसका सिर वहां रखी मेज से टकराया और खून बहने लगा। पर विपिन को उसकी कोई परवाह ही नहीं थी और वो शराब पीते पीते अनु को गालियां देने लगा। इतने में एक लड़का आया और उसने अनु को वहां से उठाया और बाहर ले गया। अनु उस की तरफ ऐसे देख रह थी जैसे सोच रही हो कि मेरे विपिन को क्या हो गया है। उसकी आँखें भर आईं थीं। वो एकदम से नींद से जग गया।
वो सोच रहा था कि कल ये क्या होने वाला है। उसको ये विश्वास ही नहीं हो रहा था कि वो ऐसे शराब पीकर होश खो सकता है और ये तो वो सपने में भी नहीं सोच सकता था की अनु को वो धक्का देकर गिरा सकता है। वो बहुत दुखी था पर उसे ये भी पता था की ये सब अगले दिन हो कर रहेगा। वो सारी रात सो नहीं पाया। सुबह बे मन से कैंटीन में नाश्ता करने चला गया। अनु का दोस्त उससे मजाक कर रहा था की यार तू इतना सुसत क्यों है , क्या रात के पैग का हैंगओवर है। पर वो किसी बात पर ध्यान नहीं दे रहा था। उसको तो बस जो होने वाला था उसकी चिंता सताए जा रही थी। तभी अनु का फ़ोन आ गया। पहली बार तो उसने फ़ोन नहीं उठाया। वो चाह रहा था कि आज वो अनु से न मिले पर जब दोबारा घंटी बजी तो उसने फ़ोन उठा लिया। अनु ने कहा कि तुम तुरंत कॉलेज के गेट पर पहुंचो मैं तुम्हें वहीं मिलूँगी। गेट पर पहुँचते ही अनु उसे कॉलेज के अंदर ले गयी। विपिन को सुस्त देख उसने पूछा की क्या बात है इतने दुखी क्यों हो पर उसने कोई उत्तर नहीं दिया। थोड़ी देर में दोनों एक बड़े हॉल में थे जिसमें की एक बड़ी स्टेज थी। ये कॉलेज का थिएटर था। असल में अनु एनुअल फंक्शन के लिए एक नाटक का रिहर्सल कर रही थी जिसमें की शराब की बुराइयों को दिखाया गया था। अनु ने विपिन को कहा कि रिहर्सल में शराबी का रोल करने वाला लड़का नहीं आया है और ये रोल तुम्हें करना है। विपिन के चेहरे के भाव एक दम से बदल गए। उसे लगा वो एक बहुत बड़ी दुर्घटना से बच गया है।
अगले आधे घंटे में उसने बड़े ही जोश से वो रोल निभाया। सब वैसे ही हो रहा था जैसे उसने सपने में देखा था। रिहर्सल के बाद अनु ने उससे पूछा की रिहर्सल से पहले तो उसका मूड बहुत ख़राब था तो ऐसा क्या हुआ कि उसका मूड एक दम से अच्छा हो गया। वो थोड़ा सकपकाया फिर बोला की ये तो तुमसे मिलने का असर है। उसके चेहरे पर मुस्कुराहट थी और उसे लग रहा था जैसे वो किसी अग्नि परीक्षा से निकल कर आया हो।
वो अनु से बोला चलो आज कोई मूवी देखने चलते हैं। अनु बहुत ध्यान से मूवी देख रही थी पर विपिन बस अनु को ही देख रहा था। वो कभी अनु को खोना नहीं चाहता था। वो नहीं चाहता था की गलती से भी ऐसी गलती करे जिस से अनु को कोई चोट पहुंचे और वो उसके जीवन से चली जाये। ये सोचते सोचते उसकी आँखों में पानी भर आया। उसके बाद दोनों ने बाहर खाना खाया और फिर गर्ल्स हॉस्टल में अनु को छोड़ विपिन बॉयज हॉस्टल चला गया। रास्ते में वो सोच रहा था कि भगवान सपने में हर बार कुछ ऐसा दिखातें हैं कि उसकी जान निकल जाती है पर फिर उसे बचा भी लेते हैं। पर आज उसने एक प्रण लिया था कि आज के बाद शराब को हाथ नहीं लगाएगा।
to be continued