आ बैल मुझे मार
आ बैल मुझे मार
सिस्टर क्या वो बयान देने की हालत में है"?सिपाही ने अस्पताल मे सिस्टर से पूछा।
"सर चोट तो बहुत आयी है हालत बहुत नाज़ुक है पर अभी -अभी होश आया है।"
तुमको ज़रा भी शरम नहीं आयी ,एक चार साल की बच्ची के साथ इतनी घिनौनी हरकत करते हुए?"पुलिस वाले ने बयान लेने शुरू किये !वो धीरे से बोला।
"सर मैं अपने पर क़ाबू ना कर सका!
मैं एक मल्टी नेशनल कम्पनी मेंनौकरी करता हूँ। सोशियल साईट पर मैं बहुत एक्टिव् था ,फ़ेस बुक पर बहुत दोस्त बना लिए। और फिर एक गुरुप भी बना लिया।जिसमें हम अश्लील विडीयो शेयर करने लगे ,पहले तो सब ठीक रहा। बाद में मुझे उस सब को देखने की आदत सी बन गयी !मैं जब भी उन विडीयो को देखता !अपने मनोभावों और शारीरिक उततेजना पर क़ाबू नहीं कर पाता था।"पहले भी मैंने दो बार इसी तरह की कोशिश की!पर सफल नहीं हो पाया "इस बार पार्क मे....
मेरे जैसे व्यक्ति की यही सज़ा और कहते कहते अन्तिम सासँ ली !
नब्ज़ टटोलते हुए सिस्टर के मुहँ से निकला। पढ़लिख कर भी अपना अच्छा बुरा नहीं समझ पाये।
ये तो वही बात हो गयी की "आ बैल मुझे मार।"
"सरकार को सोशियल मीडिया पर इस तरह की बातो पर कुंछ रोक लगानी चाहिएँ। नहीं तो लोग गुमराह होते रहेंगे। और समाज में अपनी गन्दी सोच फैलाते रहेंगे। आख़िर समाज के प्रति हमारा भी कुछ दायित्व है हमें भी मिलकर इस पर आवाज़ उठानी चाहिए।
